/sootr/media/media_files/2025/11/21/ias-saumya-anand-2025-11-21-10-07-46.jpg)
“कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों।” इन्हीं पंक्तियों को साबित कर दिखाया है हरियाणा के छोटे से गांव भुआपुर की आईएएस सौम्या आनंद ने।
सौम्या ने महज 22 साल की उम्र में अपने पहले प्रयास में यूपीएससी क्रेक किया। वे अपने गांव की दूसरी IAS अधिकारी बनीं हैं। वे आज मध्यप्रदेश कैडर में एक सशक्त, प्रतिबद्ध और संवेदनशील प्रशासक के रूप में कार्यरत हैं। लगन, मेहनत और निरंतर प्रयास में यकीन रखने वाली सौम्या देश की लाखों बेटियों के लिए प्रेरणा हैं।
बचपन से ही तय कर लिया था आईएएस बनना
IAS Soumya anand का जन्म एक बेहद साधारण परिवार में हुआ। उनके पिता राजेंद्र सिंह एक स्कूल टीचर हैं और माँ गृहिणी। परिवार आम था, लेकिन सपने कभी छोटे नहीं रहे। सौम्या बचपन से ही पढ़ाई में तेज थीं। उनकी लगन ने शुरुआत से ही उन्हें बाकी बच्चों से अलग बना दिया।
वो कहती हैं कि उनके पिता ने बचपन से ही उनके मन में सिविल सेवाओं में जाने का बीज बो दिया था। इसलिए बचपन से ही मेरा सपना था कि मैं IAS अधिकारी बनकर देश की सेवा करूं।
ये भी पढ़ें:
आईएएस संघ प्रिय गौतम : सच्ची लगन और स्मार्ट वर्क से दूसरे प्रयास में हासिल की 92 रैंक
इंजीनियरिंग से UPSC का सफर
स्कूल के बाद सौम्या ने दिल्ली स्थित दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (DTU) से बी.टेक की पढ़ाई की। कॉलेज खत्म होने के बाद मैंने पूरे एक साल तक पूरी एकाग्रता के साथ UPSC CSE की तैयारी की।
सौम्या बताती हैं कि भगवान की कृपा, सभी के सहयोग और अपनी मेहनत के बल पर मैं सौभाग्यशाली रही कि 22 वर्ष की आयु में ही पहले प्रयास में परीक्षा पास कर सकी। इंजीनियरिंग के बाद उन्हें कई जॉब ऑफर मिले, लेकिन सौम्या ने उन्हें ठुकरा दिया।
/filters:format(webp)/sootr/media/media_files/2025/11/21/ias-saumya-annad-2025-11-21-10-17-49.png)
ये भी पढ़ें:
एमपी के आईएएस दंपती को मिला राष्ट्रपति से सम्मान, अपने जिलों में किया यह काम
सेल्फ-स्टडी से हासिल की सफलता
सौम्या ने बिना किसी कोचिंग के सेल्फ-स्टडी को अपना हथियार बनाया। उन्होंने सिलेबस की हर लाइन को समझकर पढ़ा। पुराने वर्ष के प्रश्नपत्रों का विश्लेषण किया और टेस्ट सीरीज हल की। कोचिंग की जगह इंटरनेट पर उपलब्ध अध्ययन सामग्री का उपयोग किया।
वे हर दिन टाइमटेबल बनाकर पढ़ती थीं। कोरोना के दौरान ऑनलाइन पढ़ाई ने भले ही मुश्किलें बढ़ाई हों, लेकिन सौम्या ने बाधाओं को हावी नहीं होने दिया।
पहले ही प्रयास में UPSC क्लियर
साल 2019 में उम्र कम होने के कारण वे परीक्षा में शामिल नहीं हो पाईं। लेकिन जैसे ही वे पात्र हुईं, 2020 में उन्होंने अपना पहला प्रयास दिया। रिज़ल्ट आया तो पूरे गांव में खुशी की लहर दौड़ गई।
IAS Soumya anand ने पहले ही प्रयास में AIR 492 हासिल कर ली। गांव में पहले एकमात्र IAS अधिकारी चंदर बाबू थे। वर्षों बाद गांव को दूसरी IAS अधिकारी के रूप में सौम्या मिलीं। ट्रेनिंग पूरी होने के बाद सौम्या तमिलनाडु कैडर की IAS बनी थीं। लेकिन IAS अधिकारी संघ प्रिय से शादी के बाद उन्होंने कैडर बदलकर मध्यप्रदेश आना चुना। संघ प्रिय इस समय ग्वालियर नगर निगम आयुक्त हैं।
/filters:format(webp)/sootr/media/media_files/2025/11/21/ias-saumya-anand-2025-11-21-10-18-30.png)
ये भी पढ़ें:
8वीं क्लास से शुरू की तैयारी, बिना कोचिंग पहले ही प्रयास में बनीं आईएएस स्वाति मीना
इस रणनीति से की यूपीएससी की तैयारी
- सबसे पहले UPSC की आधिकारिक वेबसाइट से सिलेबस डाउनलोड किया और उसे अच्छी तरह याद कर लिया।
- कम से कम 100 टॉपर्स की स्ट्रैटेजी वीडियो देखीं।
- अपनी ताकत और कमजोरियों को ध्यान में रखते हुए अपनी एक व्यक्तिगत रणनीति बनाई।
- एक दम से बड़े टारगेट सेट करने की जगह छोटे-छोटे टारगेट बनाए।
- टारगेट पूरा करने के लिए टाइमटेबल बनाकर करती थीं पढ़ाई।
- हर विषय की मानक पुस्तकों को कम से कम 4–5 बार पढ़ती थीं। इसके बाद ही उन पुस्तकों से अपने नोट्स तैयार करती थीं।
- नोट्स बनाने के लिए कोई तय टेम्पलेट नहीं अपनाया। ऑनलाइन और ऑफलाइन, दोनों तरीकों का उपयोग करती थीं।
- नोट्स बनाते समय चार्ट, ग्राफ, टेबल का उपयोग किया।
- नोट्स को 3–4 बार दोहराने के बाद, पिछले वर्ष के प्रश्नपत्रों को दोबारा हल करती थीं।
- पूरी तैयारी के दौरान प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा के लिए इंटीग्रेटेड रणनीति अपनाई।
ये भी पढ़ें:
करियर एक नजर
नाम: सौम्या आनंद
जन्मस्थान: हरियाणा
एजुकेशन: बी.टेक
बैच: 2021
कैडर: मध्य प्रदेश
पदस्थापना
वर्तमान में वे श्योपुर जिला पंचायत में CEO और अपर कलेक्टर के पद पर कार्यरत हैं। पहले वो तमिलनाडु के तिरपुर में सब कलेक्टर थीं।
IAS सौम्या आनंद की सफलता साबित करती है कि मजबूत इच्छाशक्ति और निरंतर प्रयास हर चुनौती को मात दे सकते हैं। भुआपुर की यह बेटी आज लाखों युवाओं, खासकर बेटियों के लिए प्रेरणा का सशक्त स्रोत बन चुकी हैं।
/sootr/media/agency_attachments/dJb27ZM6lvzNPboAXq48.png)
Follow Us