फोकट की नेतागिरी करने वाली लेटर पैड पार्टियां अब चुनाव आयोग के रडार पर

चुनाव आयोग ने करीब 345 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को डी-लिस्ट करने की प्रक्रिया शुरू की है, जो पिछले 6 वर्षों से चुनावों में भाग नहीं ले रहे हैं और जिनका कोई अस्तित्व नहीं है। इस कदम से निष्क्रिय दलों के खिलाफ कड़ा संदेश दिया गया है।

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CHAKRESH
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भारत में राजनीतिक दलों के पंजीकरण और उनके अस्तित्व को लेकर चुनाव आयोग (ईसीआई) ने एक बड़ा और निर्णायक कदम उठाया है।

करीब 345 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (आरयूपीपी) को डी-लिस्ट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, जो पिछले छह वर्षों से चुनावों में भाग नहीं ले रहे हैं और जिनके कार्यालय का भी कोई अस्तित्व नहीं है। 

इस कदम से चुनाव आयोग ने यह स्पष्ट कर दिया है कि कागजों तक सीमित और निष्क्रिय दलों को अब और कोई छूट नहीं मिलेगी। इस कड़े फैसले के जरिए ECI ने उन दलों के खिलाफ कड़ा संदेश दिया है जो केवल नाम के लिए पंजीकृत हैं और अपने अस्तित्व का कोई वास्तविक प्रमाण नहीं पेश कर रहे हैं।

आज हम thesootr Prime में समझेंगे कि इन चुनाव न लड़ने वाली राजनीतिक पार्टियों का गुणा- भाग आखिर क्या है, जिन पर लगाम लगाने की कोशिश चुनाव आयोग कर रहा है… 

पंजीकृत राजनीतिक दल क्या होते हैं?

भारत के संविधान में संघ बनाने का अधिकार अनुच्छेद 19(1)(सी) के तहत नागरिकों को दिया गया है। राजनीतिक दल एक तरह का संघ होता है, जिसे लोग अपने राजनीतिक उद्देश्यों के लिए बनाते हैं।

जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 (आरपी अधिनियम) की धारा 29ए, राजनीतिक दल के पंजीकरण की प्रक्रिया और उसकी आवश्यकताओं को निर्धारित करती है।

किसी भी दल को पंजीकरण के लिए अपने गठन के 30 दिनों के भीतर अपना ज्ञापन या संविधान चुनाव आयोग को प्रस्तुत करना होता है। इसमें यह सुनिश्चित करना आवश्यक होता है कि पार्टी भारत के संविधान के प्रति निष्ठावान रहेगी और इसके आंतरिक लोकतंत्र में समय-समय पर चुनाव होंगे।

पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों यानी आरयूपीपी को लाभ क्या होता है।

पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (आरयूपीपी) को कुछ खास लाभ भी प्राप्त होते हैं, जिनमें आयकर अधिनियम, 1961 के तहत दान पर कर छूट, लोकसभा या राज्य विधानसभा चुनावों में चुनाव चिह्न की स्वीकृति और 20 'स्टार प्रचारक' की सुविधा शामिल है।

इसके अलावा, ये दल हर वर्ष चुनाव आयोग को दाताओं की सूची भी प्रदान करते हैं जिन्होंने एक वित्तीय वर्ष में 20,000 रुपये से अधिक का दान किया है। यदि किसी दल द्वारा यह जानकारी प्रस्तुत नहीं की जाती है, तो वह आयकर छूट खो सकता है।

पंजीकरण में खामियां और समस्याएं

वर्तमान में, भारत में लगभग 2,800 पंजीकृत आरयूपीपी हैं, जिनमें से केवल 750 ने 2024 के आम चुनावों में भाग लिया। इस स्थिति के कारण बाकी दलों को "लेटर पैड पार्टियां" कहा जाता है। इसका मतलब है कि ये दल केवल कागजी दस्तावेजों तक ही सीमित हैं और चुनावी प्रक्रिया में सक्रिय नहीं हैं।

क्या ECI को है निरस्त करने का अधिकार

चुनाव आयोग के पास किसी दल के पंजीकरण को रद्द करने का कोई स्पष्ट अधिकार नहीं है यदि वह चुनाव नहीं लड़ता या आंतरिक लोकतंत्र के नियमों का पालन नहीं करता।

हालांकि, सर्वोच्च न्यायालय ने 2002 में एक निर्णय में कहा था कि चुनाव आयोग केवल उन परिस्थितियों में दल का पंजीकरण रद्द कर सकता है, जब पार्टी ने धोखाधड़ी से पंजीकरण प्राप्त किया हो या भारतीय संविधान के प्रति निष्ठा नहीं दिखाई हो।

भारत में पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (RUPP) पर चुनाव आयोग की कड़ी नजर बनी हुई है, क्योंकि इन दलों से जुड़ी कई समस्याएं सामने आई हैं।

इन समस्याओं में कुछ प्रमुख मुद्दे निम्नलिखित हैं:

1. निष्क्रियता और अस्तित्वहीनता

कई आरयूपीपी केवल कागजों पर मौजूद हैं, इनका कोई वास्तविक कार्यालय या सक्रिय संगठन नहीं होता।

कुछ दल पंजीकरण के बाद कभी चुनाव में भाग नहीं लेते, जिससे उनकी वास्तविक राजनीतिक सक्रियता पर सवाल उठते हैं।

2. वित्तीय गड़बड़ियां और कर छूट का दुरुपयोग

कुछ दलों पर वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगे हैं, जैसे कि चंदे का गलत इस्तेमाल और फंडिंग का दुरुपयोग, जो कानून का उल्लंघन है।

पंजीकरण के बाद मिलने वाली कर छूट का भी दुरुपयोग किया जाता है, जिससे हवाला और फर्जी लेन-देन जैसी समस्याएं पैदा होती हैं।

3. चुनाव आयोग के नियमों का उल्लंघन

कई दलों ने चुनाव आयोग को अपने पते, पदाधिकारियों या संगठन में बदलाव की जानकारी नहीं दी, जो अनिवार्य है।

इन दलों द्वारा चुनाव आयोग के नोटिस का जवाब न देना और चुनावी गतिविधियों में भाग न लेना भी आम समस्या है।

4. राजनीतिक व्यवस्था में पारदर्शिता की कमी

ऐसे दल चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचाते हैं, क्योंकि इनका इस्तेमाल केवल कागजी दल के रूप में होता है।

5. चुनावी चिह्न और अन्य सुविधाओं का गलत उपयोग

कई आरयूपीपी चुनावी चिह्न और अन्य सुविधाओं का फायदा उठाने के लिए पंजीकरण कराते हैं, जबकि उनकी कोई वास्तविक राजनीतिक सक्रियता नहीं होती।

फिर चुनाव आयोग ने क्यों उठाए गए ये कदम?

चुनाव आयोग ने इन 'लेटर पैड पार्टियों' को खत्म करने की प्रक्रिया शुरू की है ताकि आयकर छूट और अन्य वित्तीय लाभों का दुरुपयोग न हो। मार्च 2024 में जारी एक अधिसूचना में 281 दलों को डी-लिस्ट और 217 दलों को निष्क्रिय घोषित किया गया है।

इन दलों का कार्यालय भी भौतिक रूप से अस्तित्वहीन पाया गया था, जिससे यह कदम उठाना जरूरी हो गया। इसके अलावा, चुनाव आयोग ने उन दलों के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं जिन्होंने पिछले कई वर्षों से कोई चुनाव नहीं लड़ा है और जिनका प्रशासनिक कार्य चलाने के लिए कोई भौतिक स्थान नहीं है।

हालांकि अभी इन दलों की सूची चुनाव आयोग ने सार्वजनिक नहीं की है।

तो फिर क्या किया जाना चाहिए?

राजनीतिक दलों को आंतरिक लोकतंत्र को सशक्त बनाने और चुनाव प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए।

इस दिशा में एक कदम यह हो सकता है कि यदि कोई दल 10 वर्षों तक चुनाव नहीं लड़ता, तो उसका पंजीकरण रद्द कर दिया जाए, जैसा कि विधि आयोग ने अपनी 255वीं रिपोर्ट (2015) में प्रस्तावित किया था।

इसके अतिरिक्त, चुनाव आयोग को पंजीकरण रद्द करने का अधिकार मिलना चाहिए ताकि वह सक्रिय और निष्क्रिय दलों के बीच फर्क कर सके। ऐसा करने से राजनीतिक दलों की संरचना और कार्यप्रणाली में पारदर्शिता आएगी और उनका नियंत्रण सख्त होगा।

राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर दलों की स्थिति

मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में विभिन्न राजनीतिक दल सक्रिय हैं, जिनमें राष्ट्रीय, राज्य स्तरीय और गैर-मान्यता प्राप्त दल शामिल हैं। इन दलों का उद्देश्य स्थानीय और राष्ट्रीय मुद्दों पर जनता को जागरूक करना और चुनावी प्रक्रिया में भाग लेना है।

मध्यप्रदेश में रजिस्टर्ड दलों की सूची:

 राष्ट्रीय पार्टियां

  • आम आदमी पार्टी (AAP)
  • भारतीय जनता पार्टी (BJP)
  • बहुजन समाज पार्टी (BSP)
  • भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) [CPI(M)]
  • भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC)
  • अन्य राज्यों की राज्य पार्टियां जो मध्यप्रदेश में भी सक्रिय हैं:
  • ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक (AIFB)
  • ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM)
  • भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI)
  • जनता दल (यूनाइटेड) [JD(U)]
  • लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) [LJPRV]
  • समाजवादी पार्टी (SP)

मध्यप्रदेश में पंजीकृत (गैर-मान्यता प्राप्त) पार्टियां:

  • आदर्शवादी कांग्रेस पार्टी (AACP)
  • आपकी अपनी पार्टी (AAPP)
  • आदिम समाज पार्टी (AaSamP)
  • अखिल भारतीय आरक्षित समाज पार्टी (ABASP)
  • अखंड भारत चेतना दल (AHBCD)
  • अखिल भारतीय अपना दल (AKBHAD)
  • अखंड भारत साम्राज्य पार्टी (AKNDBRTSMR)
  • आम भारतीय पार्टी (AMBHRTP)
  • अहिंसा समाज पार्टी (ANSP)
  • आपका गणतंत्र पार्टी (APKGNTRP)
  • अंबेडकराइट पार्टी ऑफ इंडिया (APoI)
  • आज़ाद समाज पार्टी (कांशीराम) (ASPKR)
  • आज़ाद समाज पार्टी (AZSP)
  • भागीदारी पार्टी (BGDRPP)
  • भारतीय गण वार्ता पार्टी (BGVP)
  • बहुजन गोंडवाना पार्टी (BGWP)
  • भारतीय जन मोर्चा पार्टी (BHJMP)
  • भारत आदिवासी पार्टी (BHRTADVSIP)
  • भारतीय गणराज्य पार्टी (BHRTGNRJP)

राजस्थान में रजिस्टर्ड राजनीतिक पार्टियों की सूची  

राष्ट्रीय पार्टियां:

  • भारतीय जनता पार्टी (BJP)
  • भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC)
  • बहुजन समाज पार्टी (BSP)
  • कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (CPI)
  • कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) [CPI(M)]
  • राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (NCP)
  • आम आदमी पार्टी (AAP)

अन्य  राज्य स्तरीय पार्टियां

  • राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLTP)
  • ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM)
  • कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) (मुक्ति) [CPI(ML)(L)]
  • जनता दल (सेक्युलर) [JD(S)]
  • जनता दल (यूनाइटेड) [JD(U)]
  • शिवसेना (SHS)
  • समाजवादी पार्टी (SP)
  • लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) [LJPRV]
  • जननायक जनता पार्टी (JNJP)

राजस्थान में पंजीकृत (गैर-मान्यता प्राप्त) पार्टियां:

  • अखिल भारतीय कांग्रेस दल (अंबेडकर) [ABCD(A)]
  • अखिल भारत हिन्दू महासभा (ABHM)
  • अम्बेडकर समाज पार्टी (ASP)
  • भारतीय बहुजन पार्टी (BHBP)
  • भारतीय जन शक्ति (BJSH)
  • भारतीय राष्ट्रवादी समानता पार्टी (BRSP)
  • भारतीय विकास पार्टी (BRVP)
  • बुद्धिविवेकी विकास पार्टी (BVVP)
  • डेमोक्रेटिक भारतीय समाज पार्टी (DBSP)
  • दलित क्रांति दल (DKD)
  • धर्म निरपेक्ष दल (DND)
  • फेडरल कांग्रेस ऑफ इंडिया (FCI)
  • इंडियन जस्टिस पार्टी (IJP)
  • इंडियन पीपल्स कांग्रेस (IPC)
  • जागो पार्टी (JGP)
  • लोक जन शक्ति पार्टी (LJP)
  • लोक परित्राण पार्टी (LKPT)
  • लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी (LSWP)
  • राष्ट्रीय लोकहिंद पार्टी (NLHP)
  • नेशनलिस्ट पीपल्स फ्रंट (NPSF)
  • राजस्थान देव सेना दल (RDSD)
  • राष्ट्रीय गरीब दल (RGD)
  • राजस्थान विकास पार्टी (RJVP)
  • राष्ट्रीय क्रांतिकारी समाजवादी पार्टी (RKSP)
  • राष्ट्रीय सवर्ण दल (RSD)
  • राष्ट्रीय समानता दल (RSMD)
  • समता पार्टी (SAP)
  • सोशलिस्ट पार्टी (लोहिया) [SLP(L)]

अन्य प्रमुख दल जो राजस्थान में सक्रिय हैं:

  • राष्ट्रीय लोक दल (RLD)
  • आज़ाद समाज पार्टी (कांशीराम) (ASPKR)
  • भारतीय ट्राइबल पार्टी (Bharat Adivasi Party)
  • आम आदमी पार्टी (AAP)
  • जननायक जनता पार्टी (JNJP)
  • ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM)

छत्तीसगढ़ में रजिस्टर्ड राजनीतिक पार्टियों की सूची

  • भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC)
  • भारतीय जनता पार्टी (BJP)
  • जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (JCC)
  • छत्तीसगढ़ किसान मजदूर पार्टी
  • छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा
  • छत्तीसगढ़ी समाज पार्टी
  • लोकतांत्रिक बहुजन समाज मोर्चा
  • लोकतांत्रिक भारतीय समाज पार्टी
  • लोकतांत्रिक कांग्रेस पार्टी
  • देश बचाओ जन मोर्चा
  • देश भक्त पार्टी
  • जागो पार्टी
  • जय भारत पार्टी
  • जन चेतना पार्टी
  • जनता कांग्रेस भारत वर्षा पार्टी
  • जनहितकारी पार्टी
  • जनहित मोर्चा
  • जय हिन्द पार्टी
  • जनहित समाज पार्टी
  • दलित मजदूर किसान पार्टी
  • दलित मुस्लिम विकास पार्टी
  • देव सेना पार्टी
  • दलित समाज पार्टी
  • जम्हू व कश्मीर अवामी लीग (राज्य से बाहर की पार्टियां भी सक्रिय हो सकती हैं)
  • झारखंड मुक्ति मोर्चा (क्षेत्रीय दल)

निष्कर्ष

चुनाव आयोग का यह कदम उन राजनीतिक दलों को समाप्त करने की दिशा में है जो अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रहे हैं। यह सुधार पार्टी राजनीति को पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

हालांकि, इसमें कुछ और सुधार की आवश्यकता हो सकती है ताकि चुनाव आयोग को राजनीतिक दलों का पंजीकरण रद्द करने

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