माधुरी हथिनी की जुदाई : कोल्हापुर के नंदनी गांव से वंतारा तक संघर्ष, आंसू और उम्मीद की कहानी

कोल्हापुर के नंदनी गांव की लाडली हथिनी माधुरी को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गुजरात के वंतारा ले जाया गया। गांव में हजारों लोग सड़कों पर उतरे, जियो बहिष्कार और ऑनलाइन याचिका चलाई गई। thesootr Prime में एक जानवर को लेकर लोगों के जुड़ाव की कहानी…

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अगस्त की बारिश हमेशा ही कोल्हापुर की धरती पर खुशियां लेकर आती है। महाराष्ट्र के इस गन्ना बेल्ट में खेत लहलहाने लगते हैं। किसान राहत की सांस लेते हैं और बच्चे बारिश की बूंदों में मस्ती करते हैं, लेकिन इस बार बारिश के साथ आई है गहरे दुख की छाया।

नंदनी गांव की गलियों में, जहां कभी घंटियों की मीठी झंकार गूंजती थी, वहां अब सन्नाटा पसरा है। वह झंकार किसी और की नहीं, बल्कि गांव की लाड़ली हाथिनी माधुरी की थी।

माधुरी, जिसे लोग प्यार से “महा देवी” भी कहते थे, अचानक गांव से दूर चली गई। उसे 1170 किलोमीटर दूर गुजरात के जामनगर स्थितवंतारा भेज दिया गया वह भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर।

माधुरी की इस कहानी को टुकड़ों में आपने इधर- उधर पढ़ा ही होगा, मगर आज thesootr Prime में आपको बताएंगे कि कैसे एक जानवर और मनुष्यों का रिश्ता इतना गहरा हो सकता है? कैसे लाखों लोग एक हथिनी के लिए देश के सबसे अमीर घराने से टकराने के लिए आगे आ जाते हैं…

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माधुरी के सबसे बड़े रखवाले इस्माइल निडगुन

कोल्हापुर, कर्नाटक और आसपास के धार्मिक स्थलों से जुड़ा श्रेय दिगंबर जैन आत्यशय क्षेत्र वृ्षभाचल मठ सदियों से हाथियों की देखभाल करता आया है। यहीं 1992 में माधुरी को नंदनी गांव लाया गया था। गांव में उसका दूसरा घर था।

माधुरी के सबसे बड़े हमदर्द और देखभाल करने वाले थे – इस्माइल निडगुन, जो पिछले सात सालों से उसके महावत  थे। 56 वर्षीय इस्माइल अपनी आंखें पोंछते हुए कहते हैं –
“ऐसा लगता है जैसे मेरी बेटी मुझसे छिन गई। यह गजशाला अब खाली नहीं, बल्कि मेरी आत्मा की तरह सूनी हो गई है।”

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जुलाई 2024 में आया विदाई का आदेश

28 जुलाई 2024 का वह दिन गांव में जैसे इतिहास बन गया। सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश को कायम रखते हुए फैसला दिया कि माधुरी को राधे कृष्णा टेम्पल एलीफेंट वेलफेयर ट्रस्ट (RKTEWT) – वंतारा लाया जाए।

दरअसल वंतारा, अनंत अंबानी का ड्रीम प्रोजेक्ट है, जो 998 एकड़ में फैला हुआ है और वर्तमान में वहां 238 हाथी रखे जाते हैं। लेकिन नंदनी गांव के लोगों के लिए यह आदेश मौत के फरमान जैसा था।

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आंदोलन और आंसुओं की भीड़

3 अगस्त की सुबह तस्वीरें मीडिया में आने लगीं – हजारों ग्रामीण पैदल नंदनी से कोल्हापुर कलेक्टर ऑफिस (40 किलोमीटर) तक मार्च करते हुए पहुंचे। उनकी सिर्फ एक पुकार थी – 
“हमें हमारी माधुरी वापस चाहिए।”

गांव के किसान महावीर जुगले कहते हैं –
“क्या अंबानी (Anant Ambani) को सिर्फ हमारी माधुरी ही दिखी थी? और नहीं तो कोई हाथी था?”

गांधी चौक पर दुकान चलाने वाले विजय तेली की आंखों में आंसू हैं –
“जैसे मां से बच्चा छीन लिया गया हो। जब भी घंटी बजती, लगता माधुरी आ रही है। बच्चे लाइन लगाकर उसके साथ खेलते थे।”
हर घर, हर दुकान, हर बुज़ुर्ग के पास एक “माधुरी की याद” है।

गांव ने विरोध के लिए क्या कदम उठाए?

  • नंदनी से कोल्हापुर तक (40 किमी) साइलेंट मार्च
  • “माधुरी को वापस लाओ” आंदोलन
  • जियो का बहिष्कार (743 गांव जुड़े, लाखों लोगों ने नेटवर्क बदला)
  • ऑनलाइन याचिका (2 लाख से अधिक हस्ताक्षर, राष्ट्रपति को भेजी गई)

कोर्ट, PETA और आरोपों में उलझ गया मामला

  • इस मामले में सबसे बड़ी लड़ाई है – गांव वालों बनाम PETA और अदालत का आदेश।
    PETA का दावा है कि माधुरी बीमार थी – उसके पैरों में संक्रमण (फुट रॉट), नाखून बढ़े हुए, आर्थराइटिस और कई तकलीफें थीं।
  • गांव और मठ का दावा: “माधुरी पूरी तरह ठीक थी। उसके रोज 5-10 किलोमीटर वॉक, पंचगंगा नदी में नहाना और बेहतर आहार इसका सबूत है।”
  • गांव वाले मानते हैं कि PETA और वंतारा मिलकर देशभर से हाथियों को इकट्ठा कर रहे हैं। वहीं, PETA कहता है कि “यह फैसला हाई पावर कमेटी (HPC) ने लिया, हम सिर्फ आवाज बने।”

उम्मीद है एक दिन माधुरी वापस आएगी

अगस्त 2025 तक माधुरी हथिनी गांव वालों को वापस नहीं मिली है, लेकिन उसकी वापसी के लिए माहौल सकारात्मक है। कोल्हापुर के नंदनी गांव में हजारों लोगों के आंदोलन और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के हस्तक्षेप के बाद महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में समीक्षा याचिका दायर की है, जिसमें वंतारा (जहां माधुरी भेजी गई थी) ने भी सहयोग का आश्वासन दिया है।

वंतारा ने स्पष्ट किया है कि अगर कोर्ट इजाजत देता है, तो वे माधुरी को सुरक्षित और सम्मानजनक तरीके से वापस कोल्हापुर भेजेंगे। इसके साथ ही कोल्हापुर में माधुरी के लिए एक पुनर्वास केंद्र भी प्रस्तावित है।

अभी अंतिम निर्णय सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी पर निर्भर है। माधुरी फिलहाल वंतारा केंद्र में है, लेकिन उसकी वापसी की संभावनाएं बनी हुई हैं। 

6 अगस्त 2024 को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एलान किया

“वंतारा नंदनी में ही एक सैटेलाइट सेंटर बनाएगा। जिससे माधुरी जल्द वापस आ सकेगी। इसमें जल चिकित्सा (हाइड्रोथैरेपी), लेजर ट्रीटमेंट, बड़ा झीलनुमा तालाब और बिना जंजीरों के खुला आंगन शामिल होगा।” लेकिन गांव वालों का सवाल है – शुरुआत से ही यह इलाज यहीं क्यों नहीं हुआ?

जनभावनाओं का विस्फोट

पूरे गांव ने “माधुरी के लिए एक हस्ताक्षर” मुहिम चलाई। MLA और नेताओं ने ऑनलाइन याचिका शुरू की, जिस पर दो लाख से ज्यादा हस्ताक्षर हुए और राष्ट्रपति को भेजे गए।

इसी बीच “जियो का बहिष्कार” आंदोलन भी गांव से शुरू हुआ। 743 गांवों ने हिस्सा लिया।
“कम से कम दो लाख लोगों ने जियो से दूसरी कंपनियों में नंबर पोर्ट कर दिया।” – यह दावा है पूर्व सांसद राजू शेट्टी का।

सवाल और भविष्य

यह कहानी सिर्फ नंदनी की नहीं रही। महाराष्ट्र और कर्नाटक के कई अन्य मठ व मंदिर यह आरोप लगाने लगे कि उन्हें भी इसी बहाने नोटिस भेजे गए हैं ताकि उनके हाथी भी वंतारा में ले जाएं।

पर्यावरणविदों का मानना है – “सरकारी संसाधन कम होने के कारण निजी संस्थाओं जैसे वंतारा (Vantara) को हाथी दिए जाते हैं। पर यह समाधान नहीं है। जरूरत है कि देशभर में रीजनल रेस्क्यू सेंटर बनाए जाएं।”

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एक गांव की पुकार- माधुरी को वापस लाओ

आज नंदनी गांव की गलियां सन्नाटे में डूबी हैं। माधुरी की पुरानी झोपड़ी के बाहर लोग रोज दीया जलाते हैं। बच्चे अब भी वहीं खेलते हैं, जैसे उम्मीद में हों कि उनकी लाडली हाथिनी वापस लौट आएगी।

यह कहानी सिर्फ एक हाथिनी की नहीं, बल्कि गांव के प्यार, धार्मिक आस्था और इंसान-जानवर के बीच अद्भुत रिश्ते की गवाही है।लोगों की यही पुकार है –  “माधुरी को वापस लाओ।”

FAQ

माधुरी उर्फ महादेवी कौन है?
माधुरी एक 36 वर्षीय हाथिनी है, जिसे नंदनी (कोल्हापुर, महाराष्ट्र) के जैन मठ में पाला और पूजा जाता था। वह गांव की लोगों की लाडली थी और लगभग तीन दशक से धार्मिक व सामाजिक आयोजनों का हिस्सा रही।
माधुरी को नंदनी से क्यों भेजा गया?
सुप्रीम कोर्ट और बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के बाद, PETA व हाई पावर कमेटी की रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए 28 जुलाई 2024 को माधुरी को जामनगर (गुजरात) स्थित वंतारा एलीफेंट वेलफेयर ट्रस्ट भेजा गया।
गांव वाले और मठ इस फैसले का विरोध क्यों कर रहे हैं?
ग्रामीणों और मठ के अनुसार, माधुरी बिल्कुल स्वस्थ थी और गांव उसका परिवार था। उनका आरोप है कि PETA और वंतारा ने हाथियों को अपने केंद्र में ले जाने के लिए "अत्यधिक बढ़ा-चढ़ाकर रिपोर्ट दी"।
माधुरी हथिनी के मामले में PETA का क्या कहना है?
PETA का दावा है कि माधुरी को गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं थीं – जैसे पैरों का संक्रमण, नाखून बढ़ना, आर्थराइटिस और तनाव। इस वजह से उसे वैज्ञानिक रूप से प्रबंधित अभयारण्य (वंतारा) में ले जाना जरूरी था।
वंतारा कहां है और यह क्या है?
वंतारा जामनगर (गुजरात) में स्थित 998 एकड़ में फैला एक निजी वन्यजीव पुनर्वास केंद्र है। यह अनंत अंबानी का प्रोजेक्ट है और इसमें तकरीबन 238 हाथी रखे जाते हैं।
माधुरी हथिनी के मामले सरकार ने क्या किया?
महाराष्ट्र सरकार ने PETA और वंतारा टीम से बातचीत की। CM देवेंद्र फडणवीस ने घोषणा की कि वंतारा नंदनी में ही एक “सैटेलाइट रिहैबिलिटेशन सेंटर” बनाने के लिए तैयार है ताकि माधुरी को सुविधाएं वहीं मिल सकें।

thesootr Prime के इन कंटेंट को भी अवश्य पढ़ें...

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FAQ

माधुरी उर्फ महादेवी कौन है?
माधुरी एक 36 वर्षीय हथिनी है, जिसे नंदनी (कोल्हापुर, महाराष्ट्र) के जैन मठ में पाला और पूजा जाता था। वह गांव की लोगों की लाडली थी और लगभग तीन दशक से धार्मिक व सामाजिक आयोजनों का हिस्सा रही।
माधुरी को नंदनी से क्यों भेजा गया?
सुप्रीम कोर्ट और बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के बाद, PETA व हाई पावर कमेटी की रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए 28 जुलाई 2024 को माधुरी को जामनगर (गुजरात) स्थित वंतारा एलीफेंट वेलफेयर ट्रस्ट भेजा गया।
गांव वाले और मठ इस फैसले का विरोध क्यों कर रहे हैं?
ग्रामीणों और मठ के अनुसार, माधुरी बिल्कुल स्वस्थ थी और गांव उसका परिवार था। उनका आरोप है कि PETA और वंतारा ने हाथियों को अपने केंद्र में ले जाने के लिए "अत्यधिक बढ़ा-चढ़ाकर रिपोर्ट दी"।
माधुरी हथिनी के मामले में PETA का क्या कहना है?
PETA का दावा है कि माधुरी को गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं थीं – जैसे पैरों का संक्रमण, नाखून बढ़ना, आर्थराइटिस और तनाव। इस वजह से उसे वैज्ञानिक रूप से प्रबंधित अभयारण्य (वंतारा) में ले जाना जरूरी था।
वंतारा कहां है और यह क्या है?
वंतारा जामनगर (गुजरात) में स्थित 998 एकड़ में फैला एक निजी वन्यजीव पुनर्वास केंद्र है। यह अनंत अंबानी का प्रोजेक्ट है और इसमें तकरीबन 238 हाथी रखे जाते हैं।
माधुरी हथिनी के मामले सरकार ने क्या किया?
महाराष्ट्र सरकार ने PETA और वंतारा टीम से बातचीत की। CM देवेंद्र फडणवीस ने घोषणा की कि वंतारा नंदनी में ही एक “सैटेलाइट रिहैबिलिटेशन सेंटर” बनाने के लिए तैयार है ताकि माधुरी को सुविधाएं वहीं मिल सकें।

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