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नेपाल में Gen Z के राजनीतिक विद्रोह ने देश की सरकार को हिला कर रख दिया है। हिंसा फैली है और देश की कानून व्यवस्था सेना के नियंत्रण में आ गई है, लेकिन आखिर यह Gen Z कौन है? इसकी साइक्लॉजी क्या है?
इस लेख में जानेंगे कि भारत में सबसे बड़ी Gen Z जनसंख्या कैसे वैश्विक आंदोलनों के केंद्र में है और क्यों इसे समझना अत्यंत आवश्यक है। thesootr prime में आज इसी के बारे में विस्तार से जानेंगे…
Gen Z क्या है?
Gen Z, या जेनरेशन Z, वह पीढ़ी है जिनका जन्म 1997 से 2012 के बीच हुआ है। आज ये युवा लगभग 13 से 28 वर्ष की उम्र में हैं। यह डिजिटल नेटिव्स हैं, जिन्होंने इंटरनेट, स्मार्टफोन, और सोशल मीडिया के युग में जन्म लिया और बड़े हुए हैं।
इनकी पहचान उन्हीं के डिजिटल व्यवहार, सोच, और सामाजिक-राजनीतिक गतिशीलता से होती है। Gen Z ने तकनीकी क्रांति में हिस्सा लेकर समाज, राजनीति, और कॉर्पोरेट जगत में क्रांतिकारी बदलाव लाए हैं।
Gen Z के 15 जरूरी तथ्य
डिजिटल नेटिव्स: Gen Z पूरी तरह डिजिटल दुनिया के साथ पली-बढ़ी पीढ़ी है।
सोशल मीडिया एक्सपर्ट: इंस्टाग्राम, यूट्यूब, X (ट्विटर), फेसबुक, स्नैपचैट इनके जरुरी प्लेटफ़ॉर्म हैं।
टेक्नोलॉजी फ्रेंडली: ऑनलाइन पेमेंट, गेमिंग, ई-कॉमर्स इनकी दिनचर्या का हिस्सा हैं।
ट्रेंड क्रिएटर: ट्रोलिंग, वायरल मीम्स, और ट्रेंडिंग हैशटैग इनके योगदान हैं।
सोशल एक्टिविज्म: यह पीढ़ी सामाजिक और राजनीतिक मामलों में बेबाक और सक्रिय है।
साइबर बुलिंग के खिलाफ सजग: ऑनलाइन सुरक्षा और प्राइवेसी इनके लिए उच्च प्राथमिकता।
विविधता का सम्मान: संस्कृति, लैंगिकता और विचारों की विविधता इनके लिए महत्वपूर्ण है।
शॉर्ट-फॉर्म कंटेंट पसंद: शॉर्ट वीडियो, इंस्टा स्टोरी और रील्स Gen Z के फेवरेट हैं।
व्यक्तिगत पहचान को महत्व: सोशल प्लेटफॉर्म पर पारदर्शिता और आत्म-अभिव्यक्ति इनके गुण हैं।
स्टार्टअप और फ्रीलांस: कॉर्पोरेट नौकरियों की तुलना में स्टार्टअप्स और क्रिएटिव फील्ड्स को प्राथमिकता।
आर्थिक जागरूकता: बजटिंग, सेविंग्स और इन्वेस्टमेंट पर ध्यान।
हेल्थ कॉन्शियस: शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य का महत्व।
रियल टाइम डिस्कशन में अग्रणी: राजनीति, न्यूज, और ट्रेंड्स पर सक्रिय भागीदारी।
कन्फ्यूजन और तनाव: तेजी से बदलती टेक्नोलॉजी से मानसिक दबाव।
संघर्ष और सामाजिक जागरूकता: समाज में सकारात्मक बदलाव के लिए सशक्त आवाज।
दुनियाभर के आंदोलनों में Gen Z की भूमिका
दुनियाभर के लोकतान्त्रिक और सामाजिक आंदोलनों में Gen Z का प्रभाव विशाल रूप से देखा गया है:
नेपाल (2025): सोशल मीडिया बैन (Gen Z की परफॉर्मेंस) और भ्रष्टाचार के खिलाफ Gen Z के युवा सड़कों पर उतर आए, जिनके दबाव में सरकार को इस्तीफा देना पड़ा।
ग्लोबल क्लाइमेट स्ट्राइक्स (2018–19): स्वीडन की ग्रेटा थनबर्ग के नेतृत्व में लाखों युवाओं ने #FridaysForFuture आंदोलन चलाया।
Black Lives Matter (2020–21): अमेरिका में नस्ली भेदभाव के खिलाफ Gen Z ने सड़कों और डिजिटल माध्यम दोनों पर आंदोलन किया।
हांगकांग (2019–20): लोकतंत्र के लिए Gen Z ने चीन के दबदबे के खिलाफ प्रदर्शन किया।
END SARS (2018–20): नाइजीरिया में पुलिस अत्याचार के खिलाफ Gen Z ने प्रभावशाली डिजिटल अभियान चलाया।
थाईलैंड छात्र आंदोलन (2020–22): राजशाही विरोधी और लोकतंत्र समर्थक आंदोलन में Gen Z ने डिजिटल नेतृत्व किया।
भारत में Gen Z का महत्व और प्रभाव
भारत में लगभग 25 करोड़ युवा Gen Z (Gen Z Workplace Behavior) कैटेगरी में आते हैं, जो देश की कुल जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा है। हर घर में औसतन एक Gen Z सदस्य मौजूद है।
डिजिटल क्रांति में अगुआ: Gen Z ने भारत में डिजिटल कनेक्टिविटी और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के प्रसार को तेजी से बढ़ावा दिया है।
राजनीति और सामाजिक सक्रियता: युवा वर्ग राजनीतिक बहसों, चुनावों और सामाजिक मुद्दों में मुखर रहता है।
घरेलू निर्णयों में अहम: Gen Z परिवारों में खरीदारी, स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवनशैली से जुड़े निर्णयों को प्रभावित करता है।
इको-फ्रेंडली विकल्पे: पर्यावरणीय जागरूकता बढ़ाने में Gen Z ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
Gen Z को समझना क्यों आवश्यक है?
Gen Z (Nepal Gen Z Leader) भविष्य के रुझान, आर्थिक बदलाव और सामाजिक संस्कारों के निर्धारण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। कंपनियां अपने उत्पादों को उनकी पसंद के अनुरूप ढाल रही हैं, वहीं सरकारें नीतियां (Gen Z आंदोलन नेपाल) बनाते वक्त इस पीढ़ी की जरूरतों का ध्यान रख रही हैं।
यह पीढ़ी केवल उपभोक्ता नहीं, बल्कि सामाजिक बदलाव की प्रमुख शक्ति है। चाहे जलवायु संकट हो, नस्ली न्याय हो या राजनीतिक उत्थान, Gen Z ने अपनी ताकत दिखा दी है।
Gen Z (Gen Z जनरेशन) में डिजिटल क्रांति, सामाजिक जागरूकता और व्यक्तिगत अभिव्यक्ति की शक्ति है, जो दुनिया के बदलाव के केंद्र में है। भारत की विशाल Gen Z जनसंख्या इसे और भी प्रभावशाली बनाती है। संस्कारशील और नवोन्मेषी इस पीढ़ी की सोच, संघर्ष, और दृष्टिकोण आने वाले दशकों में समाज का नया रूप तय करेंगे।