thesootr Prime: यूके में 16 साल की उम्र में वोटिंग करेंगे युवा, भारत में भी वोटिंग की उम्र को लेकर हो चुका है बड़ा फैसला

जानिए कैसे यूके में 16 साल के युवाओं को मतदान का अधिकार मिलेगा और भारत में क्या संभावनाएं हैं। 1989 में भारत में 18 साल की उम्र से वोटिंग शुरू होने के बाद से क्या बदलाव आए हैं, जानें thesootr Prime के साथ 

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यूनाइटेड किंगडम यानि यूके ने 16 साल के युवाओं को राष्ट्रीय चुनावों में मतदान का अधिकार देने का ऐतिहासिक फैसला किया है। यह कदम लेबर पार्टी के घोषणापत्र का हिस्सा है, और प्रधानमंत्री कीर स्टारमर के नेतृत्व में इसे पूरा किया जाएगा। 

ब्रिटेन में 2025 में प्रस्तावित बदलाव

ब्रिटेन में 2025 तक 16 साल के युवाओं को वोटिंग का अधिकार मिलने की संभावना है, जो लोकतंत्र में युवाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए एक अहम कदम हो सकता है।

भारत में 18 साल की वोटिंग उम्र: 1989 का बदलाव

भारत में, वोटिंग की उम्र 21 साल से घटाकर 18 साल करने का निर्णय 1988 में 61वें संविधान संशोधन के तहत लिया गया था, जो मार्च 1989 से लागू हुआ। इस कदम का मुख्य उद्देश्य युवाओं को राष्ट्रनिर्माण प्रक्रिया में शामिल करना था।

16 साल की उम्र के युवा न केवल चुनावों में वोट दे सकेंगे, बल्कि वे विवाह के लिए माता-पिता की सहमति से अनुमति ले सकते हैं। वैध यौन संबंध बनाने के लिए सहमति दे सकते हैं। बिना अभिभावक की अनुमति घर छोड़ सकते हैं। टैक्स का भर सकते हैं और कई अन्य सामाजिक गतिविधियों में भाग ले सकते हैं। हालांकि, कई क्षेत्रों में उन्हें अभी भी प्रतिबंध का सामना करना पड़ता है, जैसे लॉटरी खेलना या शराब खरीदना। विपक्षी कंजर्वेटिव पार्टी इसे लेकर शंकित है। 

यूके यूथ पार्लियामेंट के "वोट एट 16" अभियान के अध्यक्ष एलेक्स नूर्टन जैसे युवा नेताओं का यह मानना है कि 16 साल के कई युवा वयस्कों से अधिक सोच-विचार कर निर्णय लेते हैं।

क्या बदलने वाला है यूके में  

अधिकार

विवरण

वोट डालने का अधिकार

राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय चुनावों में मतदान का अधिकार मिलेगा

शादी

माता-पिता की सहमति से शादी पूरी कर सकते हैं

वैध यौन संबंध के लिए सहमति

स्वयं की सहमति से वैध संबंध बना सकते हैं

घरेलू स्वतंत्रता

माता-पिता की अनुमति के बिना घर छोड़ सकते हैं

ट्रेड यूनियन में शामिल होना

टैक्स भुगतान के साथ ट्रेड यूनियन में सदस्यता ले सकते हैं

रोजगार

वेटर/वेट्रेस के रूप में काम कर सकते हैं

ट्रेन का किराया 

ट्रेन का पूरा किराया भुगतान करना होगा

कार चलाना, शराब खरीदना, लॉटरी खेलना

अभी इन पर प्रतिबंध है

स्वयं चुनाव लड़ना

चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं है


किन देशों के युवा 16 साल की उम्र में वोट दे सकते हैं?

  • ऑस्ट्रिया
  • ब्राजील
  • अर्जेंटीना
  • इक्वाडोर
  • क्यूबा
  • माल्टा
  • निकारागुआ
  • जर्सी
  • आइल ऑफ मैन
  • गर्नेसी
  • सर्क
  • यूके (हाल ही में प्रस्ताव पारित, लागू होने की प्रक्रिया में)

अन्य महत्वपूर्ण तथ्य:

  • जर्मनी के कई राज्यों, बेल्जियम (यूरोपीय चुनाव), और स्विट्ज़रलैंड (कुछ कैंटन) में भी 16 साल वाले स्थानीय या क्षेत्रीय चुनाव में हिस्सा ले सकते हैं।
  • ऑस्ट्रेलिया, भारत, अमेरिका, कनाडा जैसे देशों में वोटिंग उम्र अब भी सामान्यतः 18 साल है।
  • ये नियम हर देश के संविधान या चुनावी कानून के अनुसार बदल सकते हैं, या कई बार स्थानीय/क्षेत्रीय चुनाव पर ही लागू होते हैं।

1989 में जब भारत में वोट देने की उम्र 18 साल की गई, तब क्या हुआ था? 

भारत में वोट देने की उम्र 21 साल से घटाकर 18 साल करने का फैसला 1988 में 61वें संविधान संशोधन के जरिए लिया गया और मार्च 1989 से लागू हुआ। यह फैसला प्रधानमंत्री राजीव गांधी की सरकार में लिया गया था।

किस पार्टी के क्या तर्क थे?

  • सरकार (कांग्रेस) के पक्ष में तर्क:

  • कांग्रेस और तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने जोर दिया कि "युवा देश के भविष्य निर्माता हैं" और उन्हें जल्दी मताधिकार देकर उनकी राष्ट्रनिर्माण प्रक्रिया में सीधी भागीदारी सुनिश्चित की जाए। 
  • सरकार का कहना था कि इससे युवाओं की राजनीति में भागीदारी बढ़ेगी, वे अधिक "समझदार और रचनात्मक" नागरिक बनेंगे।
  • यह भी तर्क था कि दुनिया के कई देशों में वोटिंग आयु पहले ही 18 वर्ष है, इसलिए भारत को भी यह कदम उठाना चाहिए।

विपक्ष (मुख्य विपक्ष बीजेपी समेत)

  • उपलब्ध सार्वजनिक रिकॉर्ड और रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस संशोधन का ज्यादातर राजनीतिक दलों ने समर्थन किया। संसद में लगभग सर्वसम्मति से विधेयक पारित हुआ—कहीं कोई तीव्र राजनीतिक विरोध, खासतौर पर बीजेपी या बाएं दलों की ओर से नहीं हुआ, बल्कि बहस में सभी ने युवाओं की भूमिका की सराहना की।
  • आलोचना बस इतनी रही कि केवल उम्र घटाने से, बिना पर्याप्त जागरुकता और शिक्षा के, युवा मतदाता कितना समझदारी से चुनेंगे, इस पर सवाल उठाए गए।
  • कुछ सदस्यों ने चिंता जताई कि इतना बड़ा बदलाव अचानक न हो, परंतु किसी पार्टी ने स्पष्ट विरोध दर्ज नहीं कराया, और विधेयक लोकसभा और राज्यसभा में व्यापक समर्थन से पास हुआ।

कौन पक्ष और कौन विपक्ष में था?

  • कांग्रेस सहित सभी प्रमुख पार्टियां (बीजेपी, कम्युनिस्ट पार्टी आदि) पक्ष में थीं।
  • कोई भी राष्ट्रीय या क्षेत्रीय पार्टी इस संशोधन के खिलाफ नहीं थी; अगर कुछ संशय या चर्चा थी, तो वह प्रक्रिया और तैयारी को लेकर थी, लेकिन मताधिकार को 18 वर्ष करने के प्रति असहमति मुख्य विपक्षी दलों ने दर्ज नहीं की।

 "डेविल्स एडवोकेट: द अनटोल्ड स्टोरी" के लेखक और पत्रकार करण थापर मानते हैं कि वर्तमान में भारत में 16 साल की वोटिंग उम्र लागू नहीं है, लेकिन ब्रिटेन जैसी पहल समय के साथ भारतीय लोकतंत्र के लिए भी एक प्रेरणा बन सकती है। इस पर विचार किया जाना चाहिए। 

निष्कर्ष

  • यह फैसला भारतीय लोकतंत्र और युवा भागीदारी के लिए ऐतिहासिक रहा है। अब भारत के लगभग सभी चुनावों में 18 वर्ष की आयु से मतदान अधिकार मिलता है, और पिछले 35 वर्षों में युवा वोटर्स देश के चुनावी गणित में निर्णायक भूमिका निभा रहे हैं।

संदर्भ:

  • करण थापर, "डेविल्स एडवोकेट: द अनटोल्ड स्टोरी" 
  • ब्रिटेन सरकार के जनरल चुनाव सम्बंधित घोषणाएं, 2025
  • बीबीसी यूथ पार्लियामेंट "वोट एट 16" अभियान
  • भारत में मतदान उम्र घटाने का इतिहास, 61वें संविधान संशोधन (1988)

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