आज का इतिहास: कौन थीं भारत की पहली महिला शासक रजिया सुल्तान, पढ़ें उनके क्रांतिकारी राज की पूरी कहानी

14 अक्टूबर 1240 को भारत की पहली महिला शासक रजिया सुल्तान की दुखद मौत हुई थी। रजिया सुल्तान ने अपनी बहादुरी और योग्यता से दिल्ली सल्तनत पर राज किया। जानें उनकी मृत्यु की पूरी कहानी, जो आज भी एक रहस्य है...

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Kaushiki
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14 अक्टूबर का दिन भारत के इतिहास में एक बहुत ही अहम दिन है। हम बात कर रहे हैं उस शेरनी की, जिसने दिल्ली सल्तनत की गद्दी संभाली और पुरानी सोच को चुनौती दी। उस शेरनी का नाम है रजिया सुल्तान। वो दिल्ली सल्तनत की पहली महिला शासक थीं। उनका पूरा नाम जलालत-उद-दीन रजिया था। 

वो महान सुल्तान इल्तुतमिश की बेटी थीं। इल्तुतमिश को अपने बेटों से ज्यादा रजिया की काबिलियत पर भरोसा था। इसलिए उन्होंने अपनी बेटी रजिया को युद्ध कला और राजकाज की ट्रेनिंग दी थी। रजिया ने अपनी बहादुरी और योग्यता से दिल्ली सल्तनत पर राज किया लेकिन सामंतों ने उन्हें स्वीकार नहीं किया।

14 अक्टूबर 1240 को रजिया की दुखद मौत हुई थी। उनकी मौत आज भी एक रहस्य है। आइए आज हम इस अहम दिन के बारे में विस्तार से जानेंगे....

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पिता इल्तुतमिश ने रजिया को ही क्यों चुना

आप सोचेंगे कि उस पुरुष-प्रधान जमाने में, एक सुल्तान ने अपनी बेटी को वारिस क्यों चुना? इल्तुतमिश ने अपने निकम्मे बेटों को देखा और समझा कि वे दिल्ली सल्तनत की बागडोर संभालने लायक नहीं है।

उन्हें अंदाजा था कि उनकी बेटी रजिया ही सबसे योग्य हैं। वह न्यायप्रिय, बहादुर और प्रशासन की गहरी समझ रखती थीं। इसलिए इल्तुतमिश ने अपनी वसीयत में रजिया को ही उत्तराधिकारी घोषित किया। बता दें कि ये उस समय के लिए बहुत ही बड़ा क्रांतिकारी कदम था।

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जब एक महिला ने मर्दों की सत्ता को दी चुनौती

इल्तुतमिश की मौत के बाद उनके कमजोर बेटे रुक्नुद्दीन फिरोज शाह को गद्दी पर बिठाया गया लेकिन वह निकम्मा निकला। आम जनता और दिल्ली के अमीरों ने रजिया का साथ दिया। आखिरकार, 1236 में रजिया सुल्तान ने दिल्ली की गद्दी संभाली।

उनका राज बहुत छोटा रहा लेकिन यह भारतीय इतिहास में हमेशा के लिए दर्ज हो गया। उन्होंने पर्दा प्रथा को छोड़ दिया। वो पुरुषों की तरह कपड़े पहने और खुले दरबार में बिना किसी हिचकिचाहट के न्याय करने लगीं। वह काबिल थीं और किसी भी पुरुष शासक से कम नहीं थीं।

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रजिया के दुश्मन

रजिया सुल्तान की सबसे बड़ी दुश्मन कोई विदेशी ताकत नहीं, बल्कि उनके अपने ही अमीर थे। तुर्की के सरदार जो खुद को इल्तुतमिश का वफादार मानते थे, उन्हें यह बात हजम नहीं हुई कि एक औरत उन पर हुकूमत करे। इन सरदारों का एक ग्रुप था।

इसे 'तुर्कान-ए-चहलगानी' या 'चालीस का दल' कहा जाता था। ये लोग सत्ता अपने हाथों में रखना चाहते थे। रजिया ने जब एबिसिनियाई गुलाम जलाल-उद-दीन याकूत को अमीर-ए-अखूर (घोड़ों का सरदार) बनाया, तो इन तुर्की सरदारों को लगा कि रजिया उनकी पावर कम कर रही हैं। यह बात विद्रोह की आग में घी का काम कर गई।

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14 अक्टूबर 1240: कैथल की वो काली रात

विद्रोह तेजी से फैला। सबसे पहले भटिंडा के सूबेदार मालिक इख्तियारुद्दीन अल्तुनिया ने बगावत की। रजिया ने याकूत के साथ मिलकर इस बगावत को कुचलने की कोशिश की। लेकिन अल्तुनिया ने उन्हें हरा दिया।

इस लड़ाई में याकूत मारे गए और रजिया को कैद कर लिया गया। कहानी में यहां एक ट्विस्ट आता है। रजिया ने अपनी राजनीतिक सूझबूझ का इस्तेमाल किया और जेल से निकलने के लिए अल्तुनिया से शादी कर ली।

शादी के बाद, रजिया और अल्तुनिया ने दिल्ली की गद्दी वापस पाने के लिए एक फौज तैयार की। उस वक्त दिल्ली की गद्दी पर रजिया का भाई मुइजुद्दीन बहराम शाह बैठा था, जिसे चालीस के दल ने बिठाया था।

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सत्ता के लिए अंतिम संघर्ष और दुखद अंत

अक्टूबर 1240 में, रजिया और अल्तुनिया की सेना का बहराम शाह की सेना से टक्कर हुआ। रजिया की सेना हार गई। जान बचाने के लिए रजिया और अल्तुनिया वहां से भाग निकले। इतिहासकार मिनहाज-ए-सिराज के मुताबिक, दोनों भागते-भागते कैथल पहुंचे।

वे थके-हारे थे और उनके पास खाने-पीने का सामान भी नहीं था। जैसा कि कुछ इतिहासकारों का मानना है 14 अक्टूबर 1240 को वहां के स्थानीय डाकुओं ने उन्हें पकड़ लिया। डाकुओं ने उन्हें पहचाना नहीं और सिर्फ धन के लालच में उन्हें मार डाला।

यह एक शर्मनाक और दर्दनाक अंत था उस महान शासक का, जिसने इतिहास रच दिया था। भारत की प्रथम महिला शासिका रजिया सुल्तान की मौत हुई और इसके साथ ही एक असाधारण अध्याय भी खत्म हो गया।

रजिया सुल्तान की मौत आज भी इतिहास के पन्नों में एक रहस्य बनी हुई है। कुछ मॉडर्न हिस्टोरियंस मानते हैं कि डाकुओं ने नहीं, बल्कि बहराम शाह के भेजे गए गुप्तचरों ने उन्हें मारा था, ताकि सत्ता पर उनका कब्जा पक्का हो जाए।

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रजिया सुल्तान की विरासत और सबक

रजिया सुल्तान का शासनकाल भले ही छोटा रहा हो पर उनकी विरासत अटल है। जैसे 

  • जेंडर बैरियर तोड़ना: 

    उन्होंने उस जमाने में यह साबित किया कि एक महिला भी सफल शासक बन सकती है।

  • न्याय और सुशासन: उन्होंने कानून और व्यवस्था को मज़बूत किया और जनता के लिए न्याय के दरवाज़े खोल दिए.

  • पुरूषों जैसे कपड़े पहनना: 

    पर्दा हटाकर पुरुषों की तरह घोड़े पर सवार होकर युद्ध करना। ये दिखाता है कि वह कितनी बोल्ड और प्रगतिशील थीं।

रजिया सुल्तान की कहानी हमें सिखाती है कि काबिलियत का कोई जेंडर नहीं होता। आज भी भारत की प्रथम महिला शासिका का नाम हमें प्रेरणा देता है कि रूढ़िवादी सोच को तोड़ा जा सकता है। तो 14 अक्टूबर का दिन हमें इस महान महिला की बहादुरी और शहादत की याद दिलाता है।

Reference

  • Tarikh-i-Firoz Shahi (Ziauddin Barani)

  • Tabaqat-i-Nasiri (Minhaj-i-Siraj) - यह प्राथमिक स्रोत है जिसमें रजिया सुल्तान की मौत का उल्लेख है.

  • Modern History of Delhi Sultanate (Standard Academic Texts)

14 अक्टूबर की महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाएं

हर दिन का अपना एक अलग महत्व होता है और 14 अक्टूबर का दिन भी इतिहास (आज की यादगार घटनाएं) में कई महत्वपूर्ण घटनाओं के लिए दर्ज है।

इस दिन दुनिया में कई ऐसी घटनाएं हुईं, जिन्होंने इतिहास की दिशा बदल दी। आइए जानते हैं 14 अक्टूबर को भारत और विश्व में घटी कुछ प्रमुख घटनाओं के बारे में, जो आपके सामान्य ज्ञान को बढ़ा सकती हैं।

विश्व इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाएं

  • 1066: इंग्लैंड की नॉर्मन विजय-विलियम द कॉन्करर की सेनाओं ने हेस्टिंग्स पर अंग्रेजी सेना को हराया और इंग्लैंड के अंतिम क्राउन एंग्लो-सैक्सन राजा हेरोल्ड गोडविंसन को मार डाला।

  • 1700: रब्बी जुदाह हासिड और चाइम मोलोचो यरूशलेम में आए।

  • 1745: फ्रेंच सहायता काफिला मॉन्ट्रो स्कॉटलैंड पहुंचा।

  • 1756: मैत्री और व्यापार का एक समझौता सुल्तान ओसमान III द्वारा हस्ताक्षरित किया गया, और राजा फ्रेडरिक वी। डेनमार्क ने ओटोमन साम्राज्य के लिए असाधारण प्रतिनिधि नियुक्त किया।

  • 1758: हचकिर्क की लड़ाई, सक्सन में ऑस्ट्रियाई सेना ने प्रशिया को हराया।

  • 1774: पहले महाद्वीपीय कांग्रेस ने औपनिवेशिक अधिकारों की घोषणा फिलाडेल्फिया में की।

  • 1805: मार्शल मिशेल नेय के तहत तीसरे गठबंधन-फ्रांसीसी बलों के युद्ध ने वर्तमान जर्मनी के एलिंगेन में ऑस्ट्रियाई बलों को हराया।

  • 1863: अमेरिकी नागरिक युद्ध-ब्रिस्टो स्टेशन की लड़ाई में, युएनियन II कॉर्प्स यूनियन रियर गार्ड पर कॉन्फेडरेट अटैक को आश्चर्यचकित करने और पीछे हटाने में सक्षम था, जिसके परिणामस्वरूप संघ की जीत हुई।

  • 1882: पंजाब विश्वविद्यालय आधुनिक पाकिस्तान में स्थापित किया गया।

  • 1884: अमेरिका में 'गदर पार्टी' के संस्थापक लाला हरदयाल का दिल्ली में जन्म हुआ।

  • 1888: फ्रांसीसी आविष्कारक लुई ले प्रिंस ने राउंडहे, लीड्स, वेस्टयॉर्कशायर, इंग्लैंड में, सबसे शुरुआती जीवित चित्र राउंडहे गार्डन सीन फिल्माया।

  • 1912: पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति थियोडोर रूजवेल्ट को उत्पीड़न के प्रयास में गोली मार दी गई थी, लेकिन उपचारकर्ता प्रीमिनिनेंट सर्जन जॉन बेंजामिन मर्फी को प्राप्त करने से पहले भाषण दिया।

  • 1913: ब्रिटेन के दक्षिण वेल्स स्थित यूनिवर्सल कोयले की खदानों में विस्फोट से 439 लोगों की मौत हो गई।

  • 1931: मैनुअल अज़ाना स्पेन के प्रधान मंत्री बने।

  • 1938: सबसे अधिक उत्पादित अमेरिकी लड़ाकू विमानों में से एक, कर्टिसपी -40 वॉरहॉक ने बफेलो, न्यूयॉर्क में अपनी पहली उड़ान भरी।

  • 1939: दूसरा विश्व युद्ध-जर्मन पनडुब्बी U-47 ने टॉरपीडो किया और ब्रिटिश रॉयल नेवी युद्धपोत एचएमएस रॉयल ओक में डूब गया, जबकि बाद में स्कॉटलैंड के ऑर्कनी में स्काप फ्लो में डूबा हुआ था।

  • 1940: द्वितीय विश्व युद्ध-ब्लिट्ज के दौरान, एक 1,400 किलोग्राम (3,100 पाउंड) का अर्ध-कवच भेदी विखंडन बम बालहामस्टेशन के ऊपर सड़क पर गिर गया, जिसे एक हवाई-छाप आश्रय के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा था, जिसमें कम से कम 64 लोग मारे गए थे।

  • 1940: राष्ट्रीयता अधिनियम संयुक्त राज्य अमेरिका के कानून पर हस्ताक्षर किए गए।

  • 1943: द्वितीय विश्व युद्ध- श्वेन्फर्ट पर दूसरे छापे के दौरान, यूएस 8 वीं वायु सेना को इतने नुकसान हुए कि इससे कई महीनों तक हवा का वर्चस्व खत्म हो गया।

  • 1943: इटली ने जर्मनी के पूर्व मित्र राष्ट्रों के खिलाफ लड़ाई की घोषणा की।

  • 1944: एडॉल्फ हिटलर की हत्या की साजिश से जुड़े होने के बाद, जर्मन फील्ड मार्शल इरविन रोमेल को आत्महत्या करने के लिए मजबूर होना पड़ा।

  • 1952: संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक पहली बार न्यूयॉर्क के मौजूदा मुख्यालय में हुई।

  • 1953: इजरायली सैन्य कमांडर एरियल शेरोन और उसकी यूनिट 101 विशेष बलों ने वेस्ट बैंक पर क़िब्या गांव पर हमला किया, जिसमें 45 इमारतों को नष्ट कर दिया, 42 ग्रामीणों की मौत हो गई और 15 अन्य घायल हो गए।

  • 1956: डॉ. भीमराव अंबेडकर ने नागपुर में 3,85,000 अनुयायियों के साथ बौद्ध धर्म स्वीकार किया।

  • 1964: मार्टिन लूथर किंग, जूनियर, को अमेरिका में नस्लीय भेदभाव के खिलाफ उनके अहिंसक संघर्ष के लिए नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया।

  • 1964: लियोनिद ब्रेज़नेव ने निकिता ख्रुश्चेव को सोवियत संघ की कम्युनिस्ट पार्टी के जनरल सेक्रेटरी के रूप में कामयाबी दिलाई।

  • 1964: डॉक्टर मार्टिन लूथर किंग जूनियर को केवल 35 साल की उम्र में अमेरिकी समाज में रंगभेद के विरुद्ध अहिंसात्मक आंदोलन चलाने के लिए पुरस्कृत किया गया। अमेरिका के जॉर्जिया प्रांत में जन्मे किंग नोबेल शांति पुरस्कार पाने वाले सबसे कम उम्र के शख्स बने।

  • 1968: एक काले और सफेद कैमरे का उपयोग करते हुए मानवयुक्त अमेरिकी अंतरिक्ष यान से पहला लाइव टेलीकास्ट अपोलो 7 से वापस पृथ्वी पर प्रेषित किया गया है।

  • 1968: मैक्सिको सिटी में आयोजित ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों में अमेरिकी धावक जिम हाइनेस ने 100 मीटर की दौड़ 9.95 सेकेंड में पूरी कर कीर्तिमान बनाया।

  • 1969: ब्रिटिश पचास पेंस का सिक्का दहाई के नोट को बदलने के लिए पेश किया गया था, लेकिन इसके आकार ने शुरू में लोगों को गलती से पुराने आधे मुकुट और नए दस पेंस टुकड़े को मना कर दिया था।

  • 1973: थाई सैन्य शासन के खिलाफ हिंसा के विरोध में छात्र के प्रदर्शन के बाद, राजा भूमिबोल अदुल्यादेज ने घोषणा की कि प्राइममिनिस्टर थेनोम कित्तिचाकॉर्न ने इस्तीफा दे दिया था।

  • 1981: होस्नी मुबारक को मिस्र का राष्ट्रपति चुना गया था, एक सप्ताह बाद अनवर सादात की हत्या कर दी गई थी।

  • 1988: अमेरिका ने नेवाडा में परमाणु परीक्षण किया।

  • 1991: ऑस्ट्रेलिया में अंतर्राष्ट्रीय वायुमंडलीय प्राधिकरण के वैज्ञानिकों के अनुसार, पिछले दस वर्षों में पृथ्वी की सुरक्षात्मक ओजोन परत 4% से सिकुड़ गई है, जबकि पिछले 10 वर्षों में 2% थी।

  • 2000: संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा पाक समेत 22 देशों में अपने दूतावास बंद किये।

  • 2006: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा उत्तर कोरिया पर हाल ही में किए गए परमाणु परीक्षण के जवाब में प्रतिबंधों को लागू करते हुए 1718 को अपनाया गया है।

  • 2007: अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) ने चिकित्सा और कृषि क्षेत्रों में परमाणु प्रौद्योगिकी के प्रयोग के लिए नेपाल को मंजूरी प्रदान की।

  • 2010: संयुक्त राष्ट्र के वैज्ञानिकों का दावा है कि उन्होंने रिंडरपेस्ट वायरस को मिटा दिया है, जिससे यह मनुष्यों द्वारा मिटाए जाने वाला दूसरा वायरस है।

  • 2011: ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय का दावा है कि अफगानिस्तान में एक विद्रोही के निधन से संबंधित एक घटना पर पांच रॉयल मरीन पर हत्या का आरोप लगाया गया है।

  • 2011: एक स्ट्रोमाटोलाइट कॉलोनी उत्तरी आयरलैंड में जायंट के कॉजवे में स्थित है।

  • 2012: नाइजीरिया की एक मस्जिद में बंदूकधारियों ने 20 लोगों की हत्या की।

  • 2014: ऐप्पल और फेसबुक ने अपनी महिला कर्मचारियों के अंडों को जमने की लागत का भुगतान करने का प्रस्ताव दिया है, जो कंपनियों की बीमा योजनाओं द्वारा कवर किया जाएगा।

भारत की महत्वपूर्ण घटनाएं 

  • 1240: भारत की प्रथम महिला शासिका रजिया सुल्तान की मौत हुई।

  • 1643: दिल्ली (भारत) का मुग़ल बादशाह बहादुर शाह प्रथम का जन्म हुआ।

  • 2007: भारत के पंजाब राज्य के लुधियाना में एक फिल्म थियेटर में बम विस्फोट हुआ, जिससे लगभग छह लोगों की मौत हो गई और कम से कम 30 अन्य घायल हो गए।

  • 2008: भारतीय उपन्यासकार अरविंद अडिगा को उनके पहले उपन्यास द व्हाइट टाइगर के लिए मैन बुकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

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