/sootr/media/media_files/2025/11/15/today-history-16-november-national-press-day-history-digital-era-2025-11-15-16-22-47.jpg)
यह कहानी शुरू होती है आजादी के बाद के भारत से। हमारा लोकतंत्र तो बन चुका था। लेकिन, इस लोकतंत्र का चौथा स्तंभ यानी प्रेस अभी भी चुनौतियों का सामना कर रहा था। प्रेस की स्वतंत्रता (Freedom of Press) संविधान में तो थी पर उसे व्यवस्थित और सुरक्षित करने की जरूरत थी।
हमेशा से ही पत्रकारिता का काम आसान नहीं रहा है। पत्रकारों को सत्ता से सच पूछना होता है। इस जिम्मेदारी को निष्पक्षता से निभाने के लिए एक मजबूत संस्था चाहिए थी। ऐसी संस्था जो पत्रकारिता के उच्च मानकों को बनाए रखे।
/sootr/media/post_attachments/webp/hi/img/2021/05/journalism-1620015418-649974.jpg)
16 नवंबर: क्यों चुना गया यह खास दिन
इस जरूरत को देखते हुए भारत सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया। साल 1966 में प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया (Press Council of India - PCI) की स्थापना हुई।
16 नवंबर 1966 को ही प्रेस काउंसिल ने औपचारिक रूप से काम करना शुरू किया था। इसीलिए हर साल 16 नवंबर को राष्ट्रीय प्रेस दिवस के रूप में मनाया जाता है।
/sootr/media/post_attachments/resize/newbucket/1200_-/2022/11/press-1668613858-148402.jpg)
प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया का उद्देश्य
PCI को एक वॉचडॉग की तरह बनाया गया। इसका मुख्य उद्देश्य प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा करना है। यह भारतीय पत्रकारिता के नैतिक मानक बनाए रखने का भी काम करता है।
PCI यह सुनिश्चित करता है कि प्रेस किसी के दबाव में न आए। यह संस्था प्रेस की आजादी और जिम्मेदारी के बीच संतुलन बनाए रखती है। यह दिन प्रेस के प्रति सम्मान और उसकी अहमियत को समझने का दिन है।
/sootr/media/post_attachments/uploads/2024/01/National-Press-Day-2023-205714.jpg)
भारतीय समाचार पत्र और उनके संस्थापक
भारतीय पत्रकारिता का इतिहास बहुत पुराना और गौरवशाली रहा है। इन अखबारों ने आजादी और राष्ट्र निर्माण में बड़ी भूमिका निभाई:
बंगाल गजट (Bengal Gazette):
यह भारत का पहला प्रकाशित अखबार था, जिसे 1780 में शुरू किया गया था। इसके संस्थापक जेम्स ऑगस्टस हिक्की (James Augustus Hicky) थे, जो एक आयरिश व्यक्ति थे।
उदन्त मार्तण्ड (Udant Martand):
भारत का पहला हिंदी समाचार पत्र था। इसका प्रकाशन 30 मई 1826 को पंडित जुगल किशोर शुक्ल ने कलकत्ता से शुरू किया था। यह साप्ताहिक पत्र हिंदी पत्रकारिता की नींव बना, पर आर्थिक कठिनाइयों के कारण एक साल बाद ही बंद हो गया था।
समाज दर्पण (Samachar Darpan):
यह 1818 में शुरू हुआ एक बंगाली साप्ताहिक समाचार पत्र था, जिसने समाज सुधार पर ध्यान केंद्रित किया। इसके संस्थापक जे. सी. मार्शमैन (J. C. Marshman) थे, जिन्होंने श्रीरामपुर मिशन प्रेस से इसे प्रकाशित किया।
मराठा (Maratha):
यह अंग्रेजी भाषा में प्रकाशित होने वाला एक प्रमुख राष्ट्रवादी अखबार था। इसकी शुरुआत बाल गंगाधर तिलक ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान की थी।
केसरी (Kesari):
यह मराठी भाषा में प्रकाशित होने वाला अखबार था। इसे तिलक ने मराठी लोगों में राजनीतिक चेतना जगाने के लिए शुरू किया। इसके संस्थापक भी बाल गंगाधर तिलक थे और यह मराठा के पैरेलल चलता था।
कॉमन व्हील (Commonweal):
यह होमरूल लीग के विचारों को फैलाने वाला एक साप्ताहिक अखबार था। इसकी स्थापना एनी बेसेंट ने भारतीय राजनीति और समाज सुधार को बढ़ावा देने के लिए की थी।
यंग इंडिया (Young India):
यह अंग्रेजी में प्रकाशित होने वाला एक साप्ताहिक पत्र था। इसका उपयोग गांधी जी ने अपने विचारों के प्रचार के लिए किया। इसके संस्थापक महात्मा गांधी थे। वो इसमें स्वराज, अहिंसा और सामाजिक न्याय पर लिखते थे।
हरिजन (Harijan):
यह गांधी जी द्वारा शुरू किया गया एक और महत्वपूर्ण प्रकाशन था, जो दलितों के उत्थान पर केंद्रित था। इसके संस्थापक भी महात्मा गांधी थे, जिन्होंने इसका प्रकाशन अंग्रेजी, हिंदी और गुजराती भाषाओं में किया।
बंगाली (Bengalee):
यह एक प्रभावशाली अंग्रेजी दैनिक था, जिसने भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में बड़ी भूमिका निभाई। इसकी शुरुआत सुरेंद्रनाथ बनर्जी ने की थी। ये राष्ट्रवादी विचारों को फैलाता था।
ट्रिब्यून (The Tribune):
यह एक प्रसिद्ध दैनिक अखबार है जो आज भी प्रकाशित होता है, इसकी शुरुआत अविभाजित भारत के लाहौर में हुई थी। इसके संस्थापक दयाल सिंह मजीठिया थे, जिन्होंने इसे सार्वजनिक ट्रस्ट के रूप में स्थापित किया।
हिंदुस्तान टाइम्स (Hindustan Times):
यह भारत के सबसे बड़े और प्रभावशाली अंग्रेजी दैनिकों में से एक है, जिसकी शुरुआत 1924 में हुई थी। इसकी स्थापना के. एम. पणिक्कर (K. M. Panikkar) ने अकाली दल के समर्थन से की थी।
/sootr/media/post_attachments/images/2022/November/16112022/national-press-day-648473.webp)
संवाद कौमुदी (Samvad Kaumudi): राजा राम मोहन राय
मीरात-उल-अखबार (Mirat-ul-Akhbar): राजा राम मोहन राय
अमृत बाजार पत्रिका (Amrita Bazar Patrika): शिशिर कुमार घोष और मोतीलाल घोष
इंडियन ओपिनियन (Indian Opinion): महात्मा गांधी
नेशनल हेराल्ड (National Herald): जवाहरलाल नेहरू
द हिंदू (The Hindu): जी. सुब्रमण्य अय्यर
/sootr/media/post_attachments/wp-content/uploads/2024/11/DALL%C2%B7E-2024-11-16-01.21.12-A-black-and-white-rectangular-illustration-depicting-the-essence-of-National-Press-Day.-The-drawing-includes-symbolic-elements-like-a-large-sturdy-pe-654891.jpg)
डिजिटल युग में प्रेस की अहमियत और बदलाव
आज हम डिजिटल युग में जी रहे हैं। यहां प्रेस की भूमिका पूरी तरह बदल गई है। जैसे
प्रेस की बढ़ती अहमियत
सूचना का विस्फोट:
आज सूचना हर पल मोबाइल पर आती है। ऐसे में सही और गलत खबरों के बीच का अंतर बताना प्रेस का सबसे बड़ा काम है।
फैक्ट चेकिंग:
सोशल मीडिया पर फेक न्यूज की बाढ़ है। पत्रकारिता अब फैक्ट चेकिंग के जरिए सत्य को सामने लाती है।
वॉचडॉग की भूमिका:
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर सत्ता की जवाबदेही तय करने में प्रेस की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है।
/sootr/media/post_attachments/newsgram-hindi/2025-09-06/unzsawms/assetstask01k4f2r5xwemmr2rfd44fs9dqb1757147893img1-974300.webp)
प्रेस में आए ये बदलाव
मीडियम का बदलना:
अखबार और टीवी की जगह अब वेबसाइट, यूट्यूब और पॉडकास्ट ने ले ली है। ये खबरों को अब तुरंत आप तक पहुंचती है।
सिटीजन जर्नलिज्म:
अब आम लोग भी वीडियो बनाकर खबर दे रहे हैं। ट्रेडिशनल जर्नलिज्म अब सिटीजन जर्नलिज्म से टकराव में है। ट्रेडिशनल जर्नलिज्म में प्रशिक्षित पत्रकार पेशेवर संस्थानों के माध्यम से खबर देते हैं। वहीं, सिटीजन जर्नलिज्म में आम नागरिक मोबाइल या सोशल मीडिया का उपयोग करके सीधे ही घटनाओं को रिकॉर्ड और रिपोर्ट करते हैं।
रेवेन्यू मॉडल:
अखबारों की कमाई का तरीका बदल गया है। सब्सक्रिप्शन और डिजिटल विज्ञापन पर निर्भरता बढ़ गई है।
/sootr/media/post_attachments/media-news/49135-nationalpressday54878-384995.jpg)
राष्ट्रीय प्रेस दिवस
यह बदलाव दिखाता है कि प्रेस अभी भी जिंदा है। लोकतंत्र में उसकी आवाज पहले से कहीं ज्यादा जरूरी है। राष्ट्रीय प्रेस दिवस (National Press Day Special) हमें आजादी की कीमत याद दिलाता है।
आज Gen Z डिजिटल दुनिया (Digital India) में है जहां खबरों की बाढ़ है। यह दिन हमें सिखाता है कि हमें सिर्फ फॉरवर्ड नहीं, बल्कि सवाल करना चाहिए। आपको फेक न्यूज और सही जानकारी के बीच का अंतर पहचानना चाहिए।
प्रेस की स्वतंत्रता का मतलब है जिम्मेदारी से सच बोलना। हर नागरिक एक जर्नलिस्ट है। अपनी आवाज का इस्तेमाल सत्य और न्याय के लिए करें।
Reference
- Press Council of India (PCI) Official Website
- National Portal of India
- Ministry of Information and Broadcasting (MIB) India
- Journals or Reputable News Archives (For historical context on Indian Press)
/sootr/media/post_attachments/b17fd188-18e.webp)
16 नवंबर की महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाएं
हर दिन का अपना एक अलग महत्व होता है और 16 नवम्बर का दिन भी इतिहास (आज की यादगार घटनाएं) में कई महत्वपूर्ण घटनाओं के लिए दर्ज है।
इस दिन दुनिया में कई ऐसी घटनाएं हुईं, जिन्होंने इतिहास की दिशा बदल दी। आइए जानते हैं 16 नवम्बर (आज की तारीख का इतिहास) को भारत और विश्व में घटी कुछ प्रमुख घटनाओं के बारे में, जो आपके सामान्य ज्ञान को बढ़ा सकती हैं।
विश्व इतिहास की प्रमुख घटनाएं
1272: इंग्लैंड के राजा एडवर्ड प्रथम अपने पिता हेनरी तृतीय की मृत्यु के बावजूद, नौवें धर्मयुद्ध के रास्ते में सिसिली से लगभग दो साल तक इंग्लैंड नहीं लौटे।
1491: स्पेन के टोलेडो में, एक यहूदी की कथित अनुष्ठानिक हत्या के आरोप में कई यहूदियों को मौत की सज़ा दी गई, जिन्हें बाद में ला गॉर्डिया के पवित्र बच्चे के रूप में सम्मानित किया गया।
1532: स्पैनिश विजेता फ्रांसिस्को पिजारो ने पेरू के काजामार्का में इंका साम्राज्य पर अचानक हमला कर सपा इंका अताहुलापा पर कब्ज़ा कर लिया।
1700: ब्रांडेनबर्ग के सम्राट को पर्शिया का राजा बनाया गया।
1720: समुद्री डाकू "कैलिको जैक" रैकाहम को जमैका के स्पेनिश टाउन में ट्रायल के लिए लाया गया, जिसके दो दिन बाद उन्हें पोर्ट रॉयल में फांसी दी गई।
1776: अमेरिकी क्रांतिकारी युद्ध के दौरान, ब्रिटिश और हेसियन इकाइयों ने पैट्रियट्स से फोर्ट वाशिंगटन पर कब्ज़ा कर लिया।
1797: प्रशिया के वारिस फ्रेडरिक विलियम, फ्रेडरिक विलियम III के रूप में प्रशिया के राजा बने।
1885: नॉर्थ-वेस्ट विद्रोह के बाद, कनाडाई विद्रोही नेता और 'फादर ऑफ मैनिटोबा' लुई रीएल को उच्च राजद्रोह के लिए फांसी की सजा दी गई।
1907: ओकलाहोमा को अमेरिका के 46वें राज्य के रूप में मान्यता मिली।
1920: Qantas (क्वींसलैंड एंड नॉर्दर्न टेरिटरी एरियल सर्विसेज लिमिटेड) के रूप में ऑस्ट्रेलिया की राष्ट्रीय एयरलाइन की स्थापना की गई।
1938: स्विस रसायनज्ञ अल्बर्ट हॉफमैन ने बेसल, स्विट्जरलैंड में सैंडोज़ प्रयोगशालाओं में पहली बार साइकेडेलिक दवा एलएसडी (LSD) का संश्लेषण किया।
1945: संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) के गठन का फैसला हुआ और इसकी स्थापना की गई।
1946: अमरीकी वैज्ञानिकों ने वातावरण में कार्बनिक गैस के तत्व छोड़कर दुनिया में पहली बार कृत्रिम वर्षा करने में सफलता प्राप्त की।
1975: यूनाइटेड किंगडम और आइसलैंड के बीच तीसरा कॉड युद्ध शुरू हुआ।
1988: बेनजीर भुट्टो पाकिस्तान की पहली महिला प्रधानमंत्री चुनी गईं।
1996: मदर टेरेसा को मानद अमेरिकी नागरिकता प्राप्त हुई।
2002: श्वसन संबंधी बीमारी सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (SARS) का पहला मामला चीन के गुआंगडोंग में दर्ज किया गया।
2006: चीनी सरकार द्वारा विकिपीडिया की वेबसाइट को पूरे एक वर्ष के लिए प्रतिबंधित किए जाने के बाद अनब्लॉक कर दिया गया।
भारत से जुड़ी प्रमुख घटनाएं
1524: पुर्तगाल के विश्व विख्यात नाविक वास्को डी गामा का निधन हुआ, जिन्होंने अफ्रीका महाद्वीप का चक्कर लगाकर भारत तक पहुंचने में सफलता प्राप्त की थी।
1846: उर्दू के मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी का जन्म उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद जिले के निकट बारा में हुआ था।
2010: भारतीय राजधानी नई दिल्ली में एक अपार्टमेंट इमारत के ढहने से कथित तौर पर 66 लोगों की मौत हो गई थी।
आज का इतिहास से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें...
आज का इतिहास: बेनजीर भुट्टो को क्यों कहा जाता है पाकिस्तान की आयरन लेडी, दो बार बनी थीं प्रधानमंत्री
आज का इतिहास: 137 साल तक कलकत्ता क्यों रहा ब्रिटिश भारत की राजधानी, जानें रेगुलेटिंग एक्ट का खेल
आज का इतिहास: भारत का पहला मून मिशन जिसने चांद पर खोजा पानी, जानें ISRO की सबसे बड़ी जीत
आज का इतिहास: कौन थी अंग्रेजों को धूल चटाने वाली भारत की पहली महिला स्वतंत्रता सेनानी रानी चेन्नम्मा
/sootr/media/agency_attachments/dJb27ZM6lvzNPboAXq48.png)
Follow Us