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आज की यादगार घटनाएं: आज के दिन द्वितीय विश्व युद्ध (World War II), ह्यूमन हिस्ट्री का सबसे विनाशकारी और ब्लडी कॉन्फ्लिक्ट 1945 में जापान के सरेंडर के साथ समाप्त हुआ था।
यह सिर्फ एक युद्ध का अंत नहीं था, बल्कि एक नए युग की शुरुआत थी जिसने दुनिया की जियो-पॉलिटिकल स्ट्रक्चर को हमेशा के लिए बदल दिया।
आज इस आर्टिकल में, हम इस युद्ध की शुरुआत से लेकर इसके भयानक अंत तक की पूरी यात्रा को समझेंगे, जिसमें जापान के आत्मसमर्पण की इम्पोर्टेंस पर विशेष ध्यान दिया गया है।
द्वितीय विश्व युद्ध की शुरुआत
द्वितीय विश्व युद्ध की जड़ें प्रथम विश्व युद्ध (World War I) और उसके बाद की घटनाओं में हैं। प्रथम विश्व युद्ध के बाद, जर्मनी पर वर्साय की संधि (Treaty of Versailles) के तहत कठोर प्रतिबंध लगाए गए थे, जिससे जर्मनी में आर्थिक संकट और असंतोष फैल गया।
इसी माहौल में, एडॉल्फ हिटलर और उसकी नाजी पार्टी सत्ता में आई। इसका उद्देश्य जर्मनी को उसकी खोई हुई प्रतिष्ठा को वापस दिलाना और 'लेबेन्सराम' या जीवन-स्थान का विस्तार करना था।
हिस्ट्री के मुताबिक, युद्ध की औपचारिक शुरुआत 1 सितंबर 1939 को हुई, जब जर्मनी ने पोलैंड पर हमला किया। इसके जवाब में, फ्रांस और यूनाइटेड किंगडम ने जर्मनी के खिलाफ युद्ध की घोषणा की। इस तरह, दुनिया दो बड़े गुटों में बंट गई:
- एलाइड पावर्स (Allied Powers): यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस, सोवियत संघ (Soviet Union) और संयुक्त राज्य अमेरिका (United States) जैसे देश।
- एक्सिस पावर्स (Axis Powers): जर्मनी, इटली और जापान।
जापान और युद्ध का एक्सपेंशन
जापान ने युद्ध को एशिया और प्रशांत क्षेत्र में फैलाया। 1930 के दशक से ही, जापान अपने साम्राज्य का विस्तार कर रहा था जिसमें चीन पर आक्रमण भी शामिल था।
जापान की साम्राज्यवादी महत्वाकांक्षा ने उसे संयुक्त राज्य अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों के साथ टकराव में ला खड़ा किया। 7 दिसंबर 1941 को, जापान ने बिना किसी पूर्व चेतावनी के हवाई में पर्ल हार्बर पर हमला किया।
यह हमला इतना विनाशकारी था कि इसने संयुक्त राज्य अमेरिका को सीधे युद्ध में खींच लिया। पर्ल हार्बर हमले के बाद, युद्ध का दायरा वैश्विक हो गया।
एक्सिस पावर्स का डिक्लाइन
1944 के अंत और 1945 की शुरुआत तक, जर्मनी और इटली दोनों ही युद्ध में कमजोर पड़ने लगे थे।
इटली: 1943 में, मित्र राष्ट्रों ने इटली पर हमला किया, जिसके बाद मुसोलिनी को सत्ता से हटा दिया गया और इटली ने आत्मसमर्पण कर दिया।
जर्मनी: यूरोप में मित्र राष्ट्रों की सेनाओं ने जर्मनी पर दबाव बढ़ा दिया था। पूर्व से सोवियत सेनाएं और पश्चिम से अमेरिकी, ब्रिटिश और कनाडाई सेनाएं आगे बढ़ रही थीं।
30 अप्रैल 1945 को, हिटलर ने बर्लिन में आत्महत्या कर ली। इसके कुछ दिनों बाद, 8 मई 1945 को जर्मनी ने बिना शर्त आत्मसमर्पण कर दिया, जिसे विजय दिवस (Victory in Europe Day) के रूप में जाना जाता है। अब, केवल जापान ही एक्सिस पावर्स में से अकेला बचा था जो युद्ध जारी रखे हुए था।
जापान का आत्मसमर्पण: हिरोशिमा और नागासाकी
जर्मनी के आत्मसमर्पण के बाद जापान को भी आत्मसमर्पण करने की सलाह दी गई थी। लेकिन उसने ऐसा करने से इनकार कर दिया। जापान की सेना और सरकार ने अंत तक लड़ने का फैसला किया था। अमेरिकी सैन्य योजनाकारों का मानना था कि अगर जापान पर जमीनी हमला किया गया, तो लाखों सैनिक और नागरिक मारे जाएंगे।
इसी समय, संयुक्त राज्य अमेरिका ने एक गुप्त परियोजना पर काम पूरा कर लिया था: मैनहट्टन प्रोजेक्ट (Manhattan Project), जिसके तहत परमाणु बम विकसित किया गया था।
अमेरिकी राष्ट्रपति हैरी एस. ट्रूमैन ने जापान को आत्मसमर्पण के लिए मजबूर करने और लाखों जानें बचाने के लिए इस नए और भयानक हथियार का इस्तेमाल करने का फैसला किया।
6 अगस्त 1945: अमेरिकी बॉम्बर 'एनोला गे' ने जापान के शहर हिरोशिमा पर 'लिटिल बॉय' नामक परमाणु बम गिराया। बम के धमाके से शहर का 90% हिस्सा तबाह हो गया और अनुमानित 80 हजार लोग तुरंत मारे गए। इसके बाद भी कई हजार लोग रेडिएशन के प्रभाव से मारे गए।
9 अगस्त 1945: जब जापान ने फिर भी आत्मसमर्पण नहीं किया, तो संयुक्त राज्य अमेरिका ने दूसरा परमाणु बम, 'फैट मैन', नागासाकी शहर पर गिराया। इस हमले में लगभग 40 हजार लोग तुरंत मारे गए।
इन दो भयानक हमलों के साथ-साथ सोवियत संघ ने भी 8 अगस्त 1945 को जापान के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर दी और मंचूरिया पर हमला कर दिया। इन तीनों घटनाओं ने जापान की सरकार और सैन्य नेतृत्व को आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर कर दिया।
आत्मसमर्पण की घोषणा
15 अगस्त 1945 को, जापान के सम्राट हिरोहितो ने रेडियो पर अपने देश के लोगों को संबोधित करते हुए, आत्मसमर्पण की घोषणा की। यह पहली बार था जब सम्राट ने सीधे आम जनता से बात की थी।
उन्होंने कहा कि "The war situation has not developed in our favor" और "A new and cruelest bomb" के उपयोग को रोकने के लिए आत्मसमर्पण करना आवश्यक था। इस दिन को जापान में विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है।
औपचारिक आत्मसमर्पण समारोह 2 सितंबर 1945 को टोक्यो खाड़ी में अमेरिकी वर्शिप यूएसएस मिसौरी (USS Missouri) पर हुआ। जापान के विदेश मंत्री शिगेमित्सु मामोरू और अन्य अधिकारियों ने आत्मसमर्पण के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए, जिससे द्वितीय विश्व युद्ध का आधिकारिक अंत हो गया।
युद्ध के परिणाम और नुकसान
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद दुनिया हमेशा के लिए बदल गई।
जीवन की हानि: अनुमान है कि इस युद्ध में 70 से 85 मिलियन लोग मारे गए थे, जिनमें सैनिक और नागरिक दोनों शामिल थे।
आर्थिक विनाश: यूरोप और एशिया के कई हिस्से पूरी तरह से तबाह हो गए थे। शहरों, बुनियादी ढांचों और उद्योगों का बड़े पैमाने पर विनाश हुआ।
अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था का पुनर्गठन: युद्ध के बाद, संयुक्त राष्ट्र की स्थापना हुई, जिसका उद्देश्य भविष्य में ऐसे संघर्षों को रोकना था।
नए महाशक्तियों का उदय: युद्ध के बाद, संयुक्त राज्य अमेरिका और सोवियत संघ दो प्रमुख महाशक्तियों के रूप में उभरे, जिससे शीत युद्ध की शुरुआत हुई।
जापान का पुनर्गठन: आत्मसमर्पण के बाद, जापान पर अमेरिकी सेना का कब्जा हो गया और वहां एक नई, शांतिवादी सरकार और संविधान की स्थापना हुई।
द्वितीय विश्व युद्ध का अंत मानव इतिहास में एक दुखद लेकिन निर्णायक क्षण था। जापान का आत्मसमर्पण न केवल एक युद्ध का अंत था, बल्कि एक नए विश्व व्यवस्था की शुरुआत थी, जिसने हमें भविष्य के लिए शांति और सहयोग के महत्व का सबक दिया।
द्वितीय विश्व युद्ध से जुड़े प्रोमिनेन्ट लोग
द्वितीय विश्व युद्ध में कई महत्वपूर्ण लोग शामिल थे, जिन्होंने युद्ध की दिशा को प्रभावित किया।
जे. रॉबर्ट ओपेनहाइमर (J. Robert Oppenheimer): अमेरिकी वैज्ञानिक, जिन्हें परमाणु बम का जनक (father of atomic bomb) कहा जाता है, जिसका उपयोग युद्ध को समाप्त करने के लिए किया गया। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, अमेरिका ने गुप्त रूप से मैनहट्टन परियोजना नामक एक रिसर्च प्रोग्राम शुरू किया था। ओपेनहाइमर को इस परियोजना के वैज्ञानिक निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया था। उनका काम एक ऐसा हथियार बनाना था जो युद्ध को जल्दी खत्म कर सके। हालांकि, युद्ध के बाद ओपेनहाइमर को अपने काम पर पछतावा हुआ। उन्होंने कहा कि "Now I have become death, the destroyer of worlds।"
एडॉल्फ हिटलर (Adolf Hitler): जर्मनी का तानाशाह और नाजी पार्टी का नेता, जिसने यहूदी नरसंहार और युद्ध की शुरुआत के लिए जिम्मेदार था।
बेनीतो मुसोलिनी (Benito Mussolini): इटली का तानाशाह और फासीवादी नेता, जिसने हिटलर के साथ मिलकर धुरी राष्ट्रों का गठन किया था।
विंस्टन चर्चिल (Winston Churchill): ब्रिटेन के प्रधानमंत्री, जिन्होंने अपनी मजबूत नेतृत्व क्षमता से ब्रिटेन को युद्ध में विजय दिलाई।
फ्रैंकलिन डी. रूजवेल्ट (Franklin D. Roosevelt): अमेरिका के राष्ट्रपति, जिन्होंने पर्ल हार्बर पर हमले के बाद अमेरिका को युद्ध में शामिल किया और मित्र राष्ट्रों का नेतृत्व किया।
जोसेफ स्टालिन (Joseph Stalin): सोवियत संघ के नेता, जिन्होंने पूर्वी मोर्चे पर जर्मनी के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ी।
सम्राट हिरोहितो (Emperor Hirohito): जापान के सम्राट, जिन्होंने अंत में अमेरिका के परमाणु हमलों के बाद जापान के आत्मसमर्पण की घोषणा की।
ड्वाइट डी. आइजनहावर (Dwight D. Eisenhower): अमेरिकी जनरल, जिन्होंने यूरोप में मित्र राष्ट्रों की सेनाओं का नेतृत्व किया और डी-डे के आक्रमण की योजना बनाई।
References:
- National WWII Museum: https://www.nationalww2museum.org/war/articles/end-of-world-war-ii
- U.S. Department of State, Office of the Historian: https://history.state.gov/milestones/1937-1945/wwii-end
- Imperial War Museums (IWM): https://www.iwm.org.uk/history/the-end-of-the-second-world-war
- Atomic Heritage Foundation: https://www.atomicheritage.org/history/surrender-japan-august-10-14-1945
आज की तारीख का इतिहास
हर दिन का अपना एक अलग महत्व होता है और 2 सितंबर का दिन भी इतिहास में कई महत्वपूर्ण घटनाओं के लिए दर्ज है। इस दिन दुनिया में कई ऐसी घटनाएं हुईं, जिन्होंने इतिहास की दिशा बदल दी। आइए जानते हैं 2 सितंबर को भारत और विश्व में घटी कुछ प्रमुख घटनाओं के बारे में, जो आपके सामान्य ज्ञान को बढ़ा सकती हैं।
विश्व और भारत के नजरिए से
2013: तैराक डायना न्याड (Diana Nyad) ने बिना शार्क पिंजरे के क्यूबा से फ्लोरिडा तक तैरने वाली पहली व्यक्ति बनकर एक रिकॉर्ड बनाया।
- 2012: मिस्र में, राज्य के टीवी चैनलों पर एक दशक से चली आ रही महिला समाचार एंकरों पर प्रतिबंध लगा दिया गया।
2011: डसेलडोर्फ की अदालत ने सैमसंग को अपने गैलेक्सी टैब की बिक्री रोकने का आदेश दिया, जो एप्पल द्वारा लाए गए मुकदमे के बाद हुआ।
2010: अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने पाकिस्तान के कप्तान सलमान बट, मोहम्मद आसिफ और मोहम्मद आमिर पर स्पॉट फिक्सिंग के आरोप लगाए और उन्हें निलंबित कर दिया।
2009: एथेंस के स्टॉक एक्सचेंज के बाहर एक बम फटा, जिससे इमारत को नुकसान हुआ। किसी के हताहत होने की खबर नहीं थी।
2008: फ्रांस में, एक स्टेपी मैमथ की अच्छी तरह से संरक्षित खोपड़ी की खोज की गई।
2007: जापान के ओसाका में 11वीं विश्व चैंपियनशिप का समापन हुआ।
2007: उत्तर कोरिया ने साल के अंत तक अपने सभी परमाणु संयंत्रों को बंद करने पर सहमति जताई।
2005: संयुक्त राज्य अमेरिका में आए कैटरीना तूफान ने भारी तबाही मचाई।
1998: स्विस सिटी फ्लाइट 111 न्यूयॉर्क से जेनेवा जाते समय अटलांटिक महासागर में दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिससे सभी 229 लोग मारे गए।
1992: निकारागुआ में एक भूकंप से सुनामी आई, जिसमें कम से कम 116 लोग मारे गए।
1991: संयुक्त राज्य अमेरिका ने लिथुआनिया, लातविया और एस्टोनिया की स्वतंत्रता को औपचारिक रूप से मान्यता दी।
1990: ट्रांसनिस्ट्रिया ने सोवियत संघ से अपनी स्वतंत्रता की घोषणा की।
1990: काला सागर में सोवियत यात्री जहाज के डूबने से 79 यात्री मारे गए।
1970: कन्याकुमारी में विवेकानंद स्मारक का उद्घाटन हुआ।
1969: पहली ऑटोमैटिक टेलर मशीन (एटीएम) को न्यूयॉर्क शहर में पेश किया गया।
1967: पैडी रॉय बेट्स ने इंग्लैंड के सफोल्क तट से दूर, सीलैंड की रियासत को एक स्वतंत्र संप्रभु राज्य घोषित किया।
1957: दक्षिण वियतनाम के राष्ट्रपति न्गो डिन्ह डिएम (Ngo Dinh Diem) ऑस्ट्रेलिया की राजकीय यात्रा करने वाले पहले राज्य प्रमुख बने।
1945: जापान ने औपचारिक रूप से द्वितीय विश्व युद्ध के अंत में मित्र राष्ट्रों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। यह युद्ध छह साल तक चला था।
1945: हो ची मिन्ह ने वियतनाम को स्वतंत्र घोषित किया।
1937: एक तूफान ने हांगकांग को मारा, जिससे 500 से अधिक लोगों की मौत हुई।
1925: कनाडा और संयुक्त राज्य अमेरिका के मंत्रियों ने सीमा पार शराब की तस्करी रोकने के लिए सहयोग पर बैठक की।
1901: अमेरिकी उपराष्ट्रपति थियोडोर रूजवेल्ट ने अपनी प्रसिद्ध सलाह दी, "धीरे से बोलो और एक बड़ी छड़ी साथ रखो" (speak softly and carry a big stick)।
1898: मशीनगन का पहली बार युद्ध में इस्तेमाल किया गया।
1897: मैककॉल पत्रिका (McCall's magazine) पहली बार प्रकाशित हुई।
1885: अमेरिका के व्योमिंग में श्वेत खनिकों ने चीनी प्रवासियों पर हमला किया, जिसमें कम से कम 28 लोग मारे गए।
1864: अमेरिकी गृहयुद्ध में, संघ की सेनाओं ने अटलांटा, जॉर्जिया में प्रवेश किया।
1859: हवाई में गैस लाइटिंग शुरू हुई।
1843: द इकोनॉमिस्ट अखबार पहली बार लंदन में प्रकाशित हुआ।
1833: ओहियो में ओबरलिन कॉलेज की स्थापना हुई।
1820: दोगुआंग सम्राट चीन में किंग राजवंश के सिंहासन पर बैठे।
1807: ब्रिटिश रॉयल नेवी ने डैन-नॉर्वेजियन नौसेना को जब्त करने के लिए कोपेनहेगन पर बमबारी शुरू की।
1806: स्विटजरलैंड का एक पूरा शहर भूस्खलन के कारण तबाह हो गया।
1792: फ्रांसीसी क्रांति के दौरान, पेरिस में हजारों लोगों को संक्षेप में मार डाला गया।
1789: संयुक्त राज्य अमेरिका के खजाना विभाग की स्थापना हुई।
1752: ब्रिटेन और ब्रिटिश उपनिवेशों में जूलियन कैलेंडर का आखिरी दिन मनाया गया।
1732: पोप क्लेमेंट XII ने रोम के यहूदी विरोधी कानूनों को नवीनीकृत किया।
1666: लंदन में पुडिंग लेन में एक बड़ी आग लगी, जिसने शहर के अधिकांश हिस्से को जला दिया।
1649: पोप इनोसेंट एक्स के प्रति वफादार ताकतों ने कास्त्रो के इतालवी शहर को नष्ट कर दिया।
1573: मुगल सम्राट अकबर ने गुजरात पर विजय प्राप्त की।
47 ईसा पूर्व: जूलियस सीजर का पुत्र सीजेरियन, अपनी मां क्लियोपेट्रा के साथ मिस्र के टॉलेमिक वंश का अंतिम राजा बना।
भारत और विश्व में 2 सितंबर का इतिहास
अंतर्राष्ट्रीय दिवस: विश्व नारियल दिवस इस दिन मनाया जाता है।
राष्ट्रीय दिवस: वियतनाम स्वतंत्रता दिवस इस दिन मनाया जाता है।
1946: भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने अविभाजित भारत की अंतरिम सरकार के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। यह सरकार भारत को ब्रिटिश शासन से आजादी के बाद के संक्रमण काल में मदद करने के लिए बनाई गई थी।