20 दिसंबर का इतिहास: Mein Kampf, नफरत की वो किताब जिसने करोड़ों की जान ली, जानें हिटलर की जेल डायरी का पूरा सच

हिटलर की जेल यात्रा महज एक सजा नहीं थी, बल्कि यह उसके राजनीतिक करियर का सबसे महत्वपूर्ण मोड़ था। नीचे दिए गए मानचित्र और चित्रों के माध्यम से इस इतिहास को बेहतर समझा जा सकता है।

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Kaushiki
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आज के दिन की कहानी: इतिहास के पन्ने हमेशा सुनहरे नहीं होते, कुछ पन्ने बहुत गहरे और काले भी होते हैं। आज से करीब 101 साल पहले 20 दिसंबर 1924 का दिन भी कुछ ऐसा ही था। इस दिन जर्मनी की लैंड्सबर्ग जेल का भारी भरकम लोहे का दरवाजा धीरे से खुला। बाहर एक मूंछों वाला शख्स निकला जिसे दुनिया एडोल्फ हिटलर के नाम से जानती है। उस वक्त किसी ने नहीं सोचा था कि यह मामूली सा कैदी तबाही मचाएगा।

ये शख्स अपने साथ जेल की कालकोठरी में लिखी एक ऐसी किताब लाया था। इस किताब का नाम 'Mein Kampf' था जिसने आगे चलकर करोड़ों लोगों की जान ली। आइए जानते हैं उस जेल यात्रा की पूरी कहानी जो विश्व युद्ध का कारण बनी।

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बियर हॉल तख्तापलट और हिटलर की गिरफ्तारी

हिटलर की इस जेल यात्रा की कहानी साल 1923 के नवंबर महीने से शुरू होती है। उस समय जर्मनी की आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी और चारों तरफ अफरा-तफरी मची थी। हिटलर ने म्यूनिख के एक बियर हॉल में अपने साथियों के साथ तख्तापलट की कोशिश की।

इस घटना को इतिहास में 'बियर हॉल पुच' (Beer Hall Putsch) के नाम से जाना जाता है। उसकी यह कोशिश पूरी तरह नाकाम रही और उसे देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया।अदालत ने उसे पांच साल की कड़ी सजा सुनाई और लैंड्सबर्ग जेल भेज दिया। हालांकि, किस्मत को कुछ और ही मंजूर था क्योंकि उसे केवल नौ महीने ही जेल रही।

जर्मनी का इतिहास - 1918 से 1945 तक जर्मनी | ब्रिटानिका

जेल की कालकोठरी बनी 'मीन कैम्फ' की जन्मस्थली

जेल में एडॉल्फ हिटलर को आम कैदियों की तरह कड़ी मशक्कत वाला काम नहीं करना पड़ा। उसे एक खास सेल दी गई थी जहां वह अपने करीबियों से मिल सकता था। इसी एकांत का फायदा उठाकर हिटलर ने अपनी आत्मकथा और विचारधारा को लिखना शुरू किया।

उसने बोलकर यह किताब अपने वफादार साथी रुडोल्फ हेस से लिखवाई जो उसका सह-कैदी था। शुरुआत में इस किताब का नाम बहुत लंबा और उबाऊ रखा गया था जिसे बाद में बदला। अंत में इसका छोटा और प्रभावी नाम 'मीन कैम्फ' यानी 'मेरा संघर्ष' रखा गया था।

न्यू एनोटेटेड माइन काम्फ हिटलर के बारे में अंतर्दृष्टि प्रदान करता है - डेर  स्पीगेल

'Mein Kampf' में छिपा था विनाश का ब्लूप्रिंट

यह महज एक किताब नहीं थी बल्कि हिटलर की नफरत और जुनून का एक दस्तावेज थी। इस किताब में हिटलर ने यहूदी विरोधी विचारों और 'आर्य' नस्ल की श्रेष्ठता का जिक्र किया।

उसने लिखा कि जर्मनी को दुनिया पर राज करने के लिए एक मजबूत नेता की जरूरत है। हिटलर ने जेल में बैठकर उन सभी योजनाओं को कागज पर उतार दिया जो वह बाहर चाहता था।

उसने विस्तार से बताया कि कैसे जर्मनी को खोया हुआ सम्मान वापस दिलाया जा सकता है। इसी किताब ने आगे चलकर नाजी पार्टी के उदय और होलोकॉस्ट की खौफनाक आधारशिला रखी।

हिटलर का रहस्य खोजना: फासीवाद की शुरुआत कैसे हुई - डेर स्पीगल

20 दिसंबर 1924: वो रिहाई जिसने दुनिया को डरा दिया

अच्छे आचरण का हवाला देकर हिटलर को समय से बहुत पहले ही रिहा कर दिया गया। जेल से निकलते समय उसके हाथ में 'मीन कैम्फ' की मैनुस्क्रिप्ट यानी रफ  ड्राफ्ट था।

उस समय जर्मनी के अधिकारियों ने इसे एक हारे हुए नेता की हताशा समझा था। लेकिन यह हिटलर की चाल थी जिसने जेल को एक राजनीतिक पाठशाला में बदल दिया।

रिहाई के बाद उसने इस किताब को प्रकाशित करवाया और यह रातों-रात मशहूर हो गई। किताब से मिले पैसे और प्रसिद्धि ने हिटलर को जर्मनी का निर्विवाद नेता बना दिया।

SATHEE: Chapter 03 Nazism and the Rise of Hitler

लैंड्सबर्ग जेल: आज के दौर में इस इतिहास की अहमियत

आज लैंड्सबर्ग जेल एक ऐतिहासिक स्मारक के तौर पर दुनिया के सामने खड़ी हुई है। इतिहासकार मानते हैं कि अगर हिटलर को जेल न होती तो शायद वह सफल न होता।

जेल में बिताए समय ने उसे अपनी नफरत भरी बातों को व्यवस्थित करने का मौका दिया। 'मीन कैम्फ' आज भी दुनिया की सबसे विवादित और कई देशों में प्रतिबंधित किताबों में शामिल है।

ये कहानी हमें सिखाती है कि शब्दों में कितनी ताकत होती है जो दुनिया बदल सकती है। हमें इतिहास की इन गलतियों से सीखना चाहिए ताकि दोबारा ऐसा तानाशाह पैदा न हो।

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20 दिसंबर की महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाएं

आज का इतिहास में हर दिन का अपना एक अलग महत्व होता है। 20 दिसंबर का दिन भी इतिहास (आज की यादगार घटनाएं) में कई महत्वपूर्ण घटनाओं के लिए दर्ज है। इस दिन दुनिया में कई ऐसी घटनाएं हुईं, जिन्होंने इतिहास की दिशा बदल दी। आइए जानते हैं 20 दिसंबर (आज की तारीख का इतिहास) को भारत और विश्व में घटी कुछ प्रमुख घटनाओं के बारे में, जो आपके सामान्य ज्ञान को बढ़ा सकती हैं।

विश्व इतिहास की प्रमुख घटनाएं...

  • 1722: चीन के सबसे लंबे समय तक शासन करने वाले सम्राट 'कांग्सी' का निधन हुआ और उनके पुत्र योंगज़ेंग सम्राट बने।

  • 1745: बोनी प्रिंस चार्ली की सेना स्कॉटलैंड की नदी एस्क (River Esk) पर पहुँची।

  • 1780: ब्रिटेन ने हॉलैंड (नीदरलैंड) के खिलाफ आधिकारिक रूप से युद्ध की घोषणा की।

  • 1803: अमेरिका ने $27 मिलियन में फ्रांस से लुइसियाना क्षेत्र का औपचारिक हस्तांतरण (Louisiana Purchase) पूरा किया।

  • 1808: लंदन का ऐतिहासिक मूल 'कोवेन्ट गार्डन थिएटर' भीषण आग में जलकर पूरी तरह नष्ट हो गया।

  • 1812: जर्मनी में मशहूर ग्रिम ब्रदर्स की "फेयरी टेल्स" (कहानियों) का पहला खंड प्रकाशित हुआ।

  • 1820: अमेरिका के मिसौरी राज्य में अविवाहित पुरुषों (21-50 वर्ष) पर $1 का 'बैचलर टैक्स' लगाया गया।

  • 1827: मेक्सिको ने अपना पहला निष्कासन कानून पास कर स्पेन के नागरिकों को देश से बाहर करने का आदेश दिया।

  • 1830: दुनिया की महाशक्तियों ने बेल्जियम की स्वतंत्रता को औपचारिक मान्यता प्रदान की।

  • 1842: दक्षिण कैरोलिना (USA) में प्रसिद्ध सैन्य महाविद्यालय 'The Citadel' की स्थापना हुई।

  • 1860: दक्षिण कैरोलिना अमेरिका (USA) से अलग होने वाला पहला राज्य बना, जिससे अमेरिकी गृहयुद्ध की नींव पड़ी।

  • 1875: रेड क्रॉस की अंतर्राष्ट्रीय समिति का नाम बदलकर 'ICRC' किया गया।

  • 1879: महान वैज्ञानिक थॉमस अल्वा एडिसन ने पहली बार अपनी 'चमकीली रोशनी' (Electric Light) का सार्वजनिक प्रदर्शन किया।

  • 1883: नियाग्रा फॉल्स पर बने प्रसिद्ध 'ब्रैकट रेलवे पुल' को जनता के लिए खोला गया।

  • 1917: सोवियत संघ की खतरनाक खुफिया पुलिस बल 'चेका' का गठन किया गया।

  • 1938: व्लादिमीर ज्वोरिकिन को पहली 'आइकोनोस्कोप' टेलीविजन सिस्टम का आधिकारिक पेटेंट मिला।

  • 1946: क्रिसमस की क्लासिक फिल्म 'इट्स ए वंडरफुल लाइफ' का न्यूयॉर्क सिटी में वर्ल्ड प्रीमियर हुआ।

  • 1955: कार्डिफ़ शहर को आधिकारिक रूप से वेल्स (Wales) की राजधानी घोषित किया गया।

  • 1956: अमेरिका में रोजा पार्क्स की ऐतिहासिक लड़ाई जीती गई और बसों में रंगभेद को असंवैधानिक घोषित किया गया।

  • 1957: बोइंग 707 (पहले व्यावसायिक जेट विमान) ने अपनी पहली ऐतिहासिक उड़ान भरी।

  • 1968: खूंखार 'ज़ोडिएक किलर' ने कैलिफोर्निया में अपनी पहली पुष्ट हत्या की, जो आज भी एक अनसुलझा रहस्य है।

  • 1973: स्पेन के प्रधानमंत्री एडमिरल लुईस ब्लांको की मैड्रिड में एक कार बम विस्फोट में हत्या कर दी गई।

  • 1987: फिलीपींस में इतिहास की सबसे भीषण समुद्री आपदा (MV Doña Paz) हुई, जिसमें करीब 4,000 लोग मारे गए।

  • 1988: ड्रग्स तस्करी रोकने के लिए वियना में 'संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन' पर कई देशों ने हस्ताक्षर किए।

  • 1989: अमेरिकी सेना ने तानाशाह मैनुअल नोरिएगा को हटाने के लिए पनामा पर आक्रमण किया।

  • 1995: बोस्निया युद्ध समाप्त करने के लिए नाटो (NATO) ने बोस्निया में शांति अभियान 'IFOR' शुरू किया।

  • 1999: पुर्तगाल ने 442 साल के शासन के बाद 'मकाऊ' की संप्रभुता आधिकारिक तौर पर चीन को सौंप दी।

  • 2005: अमेरिकी अदालत ने स्कूलों में 'बुद्धिमान डिजाइन' (Intelligent Design) पढ़ाने के खिलाफ ऐतिहासिक फैसला सुनाया।

  • 2007: ब्राजील के म्यूजियम से पाब्लो पिकासो की मशहूर पेंटिंग 'पोर्ट्रेट ऑफ़ सुज़ैन ब्लोच' चोरी हो गई।

  • 2007: पाकिस्तान की शरीयत अदालत ने नागरिकता अधिनियम को महिलाओं के प्रति भेदभावपूर्ण घोषित किया।

  • 2009: नाइजीरिया के कोगी राज्य में एक बेकाबू ट्रक की चपेट में आने से बाजार में करीब 100 लोगों की मौत हुई।

  • 2010: चीन ने पहली बार टेलीस्कोपिक हथियारों से लैस 'गोलाकार रोबोट' (Spherical Robot) विकसित करने की घोषणा की।

  • 2011: काहिरा के तहरीर चौक पर हजारों मिस्र की महिलाओं ने सैन्य पुलिस की हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन किया।

  • 2012: इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज ने दुनिया के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज 'न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज' को खरीदा।

  • 2013: सीरिया के घातक रासायनिक हथियारों के जखीरे को नष्ट करने में मदद के लिए ब्रिटेन सहमत हुआ।

  • 2014: अमेरिका ने गुआंतानामो बे जेल से 10 साल बाद चार अफगान कैदियों को रिहा कर अफगानिस्तान भेजा।

भारत की महत्वपूर्ण घटनाएं...

  • 1757: रॉबर्ट क्लाइव को आधिकारिक तौर पर बंगाल का पहला गवर्नर नियुक्त किया गया।

  • 1955: भारत में गोल्फ के खेल को बढ़ावा देने के लिए 'भारतीय गोल्फ संघ' का गठन हुआ।

  • 1985: तिरुपति बालाजी मंदिर में भगवान वेंकटेश्वर को ₹5.2 करोड़ की कीमत का हीरा जड़ित मुकुट चढ़ाया गया।

  • 1990: भारत और पाकिस्तान ने एक-दूसरे के परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमला न करने के समझौते पर सहमति जताई।

  • 1993: भारत और यूरोपीय संघ के बीच ब्रसेल्स में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के लिए ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर हुए।

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