आज का इतिहास: भारत को पहला ओलंपिक मुक्केबाजी पदक दिलाने वाले विजेंदर सिंह का हुआ जन्म

भारत के लिए मुक्केबाजी में पहला ओलंपिक पदक जीतने वाले लेजेंड विजेंदर सिंह बेनीवाल का जन्म 29 अक्टूबर 1985 को हरियाणा के में हुआ था। एक साधारण बस ड्राइवर के बेटे विजेंदर ने अपनी मेहनत और दृढ़ संकल्प से 2008 बीजिंग ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रचा..

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Kaushiki
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आज के दिन की कहानी: आज हम उस तारीख को याद कर रहे हैं जब भारतीय मुक्केबाजी को हमेशा के लिए बदल देने वाले एक लेजेंड का जन्म हुआ था। तारीख थी 29 अक्टूबर 1985 और जगह थी हरियाणा का एक छोटा-सा गांव, कालूवास (भिवानी)। इसी दिन एक साधारण बस ड्राइवर के घर विजेंदर सिंह बेनीवाल का जन्म हुआ।

आज यह नाम किसी पहचान का मोहताज नहीं। क्योंकि इन्होंने ही भारत के लिए मुक्केबाजी में पहला ओलंपिक पदक जीता था। जरा सोचिए! एक ऐसा देश जहां क्रिकेट ही सब कुछ था, वहां एक मुक्केबाज ने अपने दम पर एक नई पहचान बनाई। यह सफर आसान नहीं था, बल्कि कठिनाइयों से भरा था।

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भिवानी: 'मिनी क्यूबा' की शुरुआत

विजेंदर के पिता महिपाल सिंह बेनीवाल हरियाणा रोडवेज में एक बस ड्राइवर थे। घर की आर्थिक स्थिति कमजोर थी, लेकिन उनके सपने मजबूत थे। विजेंदर और उनके बड़े भाई मनोज ने अपनी प्रेरणा अपने आस-पास के माहौल से ली।

उस समय भिवानी शहर को 'मिनी क्यूबा' कहा जाने लगा था, क्योंकि यहां के युवा बॉक्सिंग में जबरदस्त ट्रेनिंग ले रहे थे। विजेंदर को बॉक्सिंग में लाने का श्रेय उनके बड़े भाई मनोज को जाता है, जो खुद एक मुक्केबाज थे और भारतीय सेना में भर्ती हुए थे।

मनोज ने विजेंदर की ट्रेनिंग के लिए आर्थिक मदद भी की। विजेंदर ने अपनी शुरूआती ट्रेनिंग भिवानी बॉक्सिंग क्लब में कोच जगदीश सिंह की देख-रेख में शुरू की। पैसों की कमी थी, तो उन्होंने और उनके भाई ने मिलकर लकड़ी के बुरादे से भरे बैग से अपना पंचिंग बैग तैयार किया और प्रैक्टिस शुरू कर दी।

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शुरुआती सफलता और एथेंस का अनुभव

विजेंदर में टैलेंट कूट-कूटकर भरा था। उनकी मेहनत रंग लाई और वह जल्द ही राष्ट्रीय स्तर पर छा गए। 2003 एफ्रो-एशियाई खेल में उन्होंने सिल्वर मेडल जीतकर सबका ध्यान अपनी ओर खींचा।

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  • एथेंस ओलंपिक 2004: 

    युवा विजेंदर को एथेंस ओलंपिक (Athens Olympics 2004) के लिए क्वालीफाई करने का मौका मिला, जो अपने आप में एक बड़ी बात थी। हालांकि, उनका सफर पहले ही राउंड में खत्म हो गया। लेकिन इस बड़े मंच पर खेलने का अनुभव उनके लिए किसी खजाने से कम नहीं था। यह हार उन्हें तोड़ने के बजाय और मजबूत बना गई।

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  • बीजिंग 2008: इतिहास रचने वाला पल

    साल 2008 विजेंदर के करियर का सबसे ऐतिहासिक साल था। यह वो साल था जब उन्होंने न केवल अपनी, बल्कि पूरे भारतीय मुक्केबाजी की किस्मत बदल दी। बीजिंग ओलंपिक से ठीक पहले विजेंदर कमर की चोट से जूझ रहे थे, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।

  • उन्होंने अपनी विल पावर और कठोर ट्रेनिंग से खुद को फिट किया। विजेंदर मिडिलवेट (75 किलोग्राम) वर्ग में उतरे। क्वार्टर फाइनल का मुकाबला इक्वाडोर के कार्लोस गोंगोरा से था। यह मैच भारत के लिए करो या मरो वाला था। विजेंदर ने शानदार प्रदर्शन किया और 9-4 के स्कोर से जीतकर सेमीफाइनल में जगह बनाई।

जानें भारतीय मुक्केबाजों ने ओलंपिक में कितने पदक जीते हैं?

भारत का पहला ओलंपिक मुक्केबाजी पदक 

जैसे ही विजेंदर ने क्वार्टर फाइनल जीता, उन्होंने इतिहास रच दिया। सेमी-फाइनल में पहुंचने का मतलब था कम से कम कांस्य पदक पक्का। भले ही वह सेमी-फाइनल में क्यूबा के एमिलियो कोरिया से हार गए। लेकिन भारत को ओलंपिक मुक्केबाजी में पहला मेडल मिल चुका था।

यह जीत करोड़ों भारतीयों के लिए गर्व का पल था। इस जीत के बाद विजेंदर को देश का सर्वोच्च खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार (2009) और बाद में पद्म श्री से सम्मानित किया गया। उनकी सफलता ने भारत में बॉक्सिंग को एक नई पहचान दी और सैंकड़ों युवाओं को इस खेल में आने के लिए प्रेरित किया।

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शौकिया से पेशेवर मुक्केबाज

ओलंपिक सफलता के बाद, विजेंदर ने 2015 में पेशेवर मुक्केबाजी की दुनिया में कदम रखा। यह भारत के लिए एक और बड़ा कदम था। प्रो-बॉक्सिंग में उन्होंने लगातार 12 मुकाबले जीतकर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया।

उन्होंने साबित किया कि वह सिर्फ ओलंपिक रिंग (ओलंपिक में भारत का इतिहास) के नहीं, बल्कि प्रोफेशनल रिंग के भी सच्चे बादशाह हैं। आज विजेंदर सिंह सिर्फ एक बॉक्सर नहीं बल्कि उम्मीद और हिम्मत का प्रतीक हैं। उनका संघर्ष हमें यह याद दिलाता है कि अगर आप में लगन और जिद है, तो आप किसी भी बैकग्राउंड से आकर इतिहास रच सकते हैं।

References (संदर्भ)

  • Olympics.com: When Vijender Singh battled to boxing glory in Beijing (विजेंदर सिंह के बीजिंग ओलंपिक के रिकॉर्ड और पदक की आधिकारिक पुष्टि)।
  • Hindustan Times: Vijender Singh's journey from Bhiwani to Beijing, and now a pro career (विजेंदर सिंह के व्यक्तिगत जीवन और करियर का विस्तृत विवरण)।
  • Sports Authority of India (SAI) records: (विजेंदर सिंह को प्राप्त राष्ट्रीय खेल सम्मान जैसे राजीव गांधी खेल रत्न और पद्म श्री के रिकॉर्ड)।
  • Wikipedia (Hindi/English): विजेंदर सिंह (जन्म, प्रारंभिक जीवन और करियर की प्रमुख उपलब्धियों का संकलन)।

29 अक्टूबर की महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाएं

हर दिन का अपना एक अलग महत्व होता है और 29 अक्टूबर का दिन भी इतिहास (आज की यादगार घटनाएं) में कई महत्वपूर्ण घटनाओं के लिए दर्ज है।

इस दिन दुनिया में कई ऐसी घटनाएं हुईं, जिन्होंने इतिहास की दिशा बदल दी। आइए जानते हैं 29 अक्टूबर (आज की तारीख का इतिहास) को भारत और विश्व में घटी कुछ प्रमुख घटनाओं के बारे में, जो आपके सामान्य ज्ञान को बढ़ा सकती हैं।

विश्व इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाएं

  • 539 – साइरस द ग्रेट ने बाबुल पर कब्जा कर अक़ैमेनिड साम्राज्य को स्थापित किया।

  • 1618 – खोजकर्ता सर वाल्टर रैले को इंग्लैंड में फाँसी दी गई।

  • 1709 – इंग्लैंड और नीदरलैंड ने फ्रांस विरोधी संधि पर हस्ताक्षर किए।

  • 1792 – लेफ्टिनेंट विलियम ब्रोटन ने ओरेगन (US) में पर्वत का नाम माउंट हूड रखा।

  • 1794 – फ्रांसीसी सैनिकों ने वेंलो शहर पर कब्जा किया।

  • 1831 – ब्रिटेन में संसद सुधार के विरोध में ब्रिस्टल दंगे भड़के।

  • 1851- बंगाल के ब्रिटिश इंडियन एशोशिएशन की स्थापना की गई थी।

  • 1863 – अमेरिकी गृहयुद्ध में वॉहाटची की लड़ाई के बाद चाटानोगा में आपूर्ति मार्ग खुला।

  • 1864 – यूनान ने नया संविधान अंगीकार किया।

  • 1917 – पेत्रोग्राद सोवियत की सैन्य क्रांतिकारी समिति को रूसी क्रांति की तैयारी के आरोप में रोका गया।

  • 1923 – मुस्तफा केमल अतातुर्क तुर्की के पहले राष्ट्रपति बने।

  • 1929 – न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में ‘ब्लैक मंगलवार’ पर 16 मिलियन शेयरों का रिकॉर्ड कारोबार हुआ।

  • 1942 – नाजियों ने बेलारूस के पिन्स्क में 16,000 यहूदियों का नरसंहार किया।

  • 1948 – पेनसिल्वेनिया (डोनोरा) पर जहरीला स्मॉग छाया, 18 लोगों की मौत हुई।

  • 1948 – अरब-इजरायल युद्ध में इजरायली सेना ने सफ़सफ गाँव में 52 फिलिस्तीनियों की हत्या की।

  • 1955 – बेल्जियम ने कामगारों के लिए सप्ताह में पाँच दिन काम कानून मंजूर किया।

  • 1964 – तंगानिका-जांजीबार गणराज्य का नाम बदलकर तंज़ानिया किया गया।

  • 1967 – मॉन्ट्रियल में एक्सपो 67 छह माह बाद बंद हुआ।

  • 1969 – UCLA से ARPANET के जरिए इंटरनेट का पहला संदेश भेजा गया।

  • 1986 – ब्रिटिश PM मार्गरेट थैचर ने लंदन को घेरे M25 मोटरवे का उद्घाटन किया।

  • 1990 – नॉर्वे की प्रधानमंत्री जॉन पी. सिसे की सरकार गिर गई।

  • 1998 – तूफ़ान मिच के कारण होंडुरस, ग्वाटेमाला व निकारागुआ में 11,000 से अधिक मौतें।

  • 1998 – दक्षिण अफ्रीका में ‘सत्य एवं सुलह आयोग’ ने रंगभेद पर अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत की।

  • 2004 – यूरोपीय संघ के सदस्य देशों ने रोम में यूरोपीय संविधान पर सहमति जताई।

  • 2007 – नेपाल के मध्य भाग में रिक्टर पैमाने पर 5.0 तीव्रता का भूकंप आया।

  • 2008 – पाकिस्तान के ज़ियारत में 6.4 तीव्रता के भूकंप से 100 से अधिक मौतें।

  • 2009 – ईरानी राष्ट्रपति अहमदीनेजाद ने परमाणु समझौते पर सहमति की तत्परता जताई।

  • 2010 – न्यूजीलैंड ने ‘द हॉबिट’ फिल्म निर्माण बचाने हेतु श्रम कानून संशोधित किए।

  • 2011 – दुर्लभ अक्टूबर हिमपात से USA के उत्तर-पूर्व में भारी तबाही और 2 मौतें।

  • 2012 – तूफ़ान ‘सैंडी’ से अमेरिका के पूर्वी तट पर 286 लोगों की मौत।

  • 2012 – पेंग्विन और रैंडम हाउस का विलय होकर ‘पेंग्विन रैंडम हाउस’ की स्थापना।

  • 2013 – मारमरे परियोजना का पहला चरण बोस्फोरस जलडमरूमध्य के नीचे सुरंग के साथ खुला।

  • 2015 – चीन ने ‘एक बच्चे की नीति’ समाप्त करने की घोषणा की।

भारत इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाएं

  • 1985 – भारत के पहले ओलंपिक चैंपियन मुक्केबाजी पदक विजेता विजेंदर सिंह का जन्म हुआ।

  • 1999 – भारत के पूर्वी तट पर सुपर साइक्लोन से 150 से अधिक मौतें और लाखों लोग प्रभावित।

  • 2005 – नई दिल्ली में सिलसिलेवार बम धमाकों में 61 लोगों की मौत, अनेक घायल।

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