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आज की तारीख का इतिहास: 24 सितंबर 2014 यह वह तारीख है जिसे भारत के अंतरिक्ष इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज किया गया है। इसी दिन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का अम्बिशयस मार्स ऑर्बिटर मिशन (MOM), जिसे पॉपुलरली 'मंगलयान' के नाम से जाना जाता है मंगल ग्रह की कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश कर गया था।
यह भारत के लिए एक असाधारण उपलब्धि थी जिसने हमें दुनिया के उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल कर दिया जिन्होंने मंगल तक पहुंचने में सफलता हासिल की है।
सबसे खास बात यह थी कि भारत ने यह उपलब्धि अपने पहले ही प्रयास में हासिल कर ली थी जो अमेरिका, रूस और यूरोप जैसे अनुभवी अंतरिक्ष शक्तियों के लिए भी संभव नहीं हो पाया था।
एक छोटा कदम, एक बड़ा सपना
मंगलयान की कहानी 2008 में शुरू हुई जब इसरो के वैज्ञानिकों ने मंगल मिशन के विचार पर काम करना शुरू किया। उस समय यह एक अत्यंत जोखिम भरा और चुनौतीपूर्ण कार्य लग रहा था।
मिशन का प्राइमरी लक्ष्य था मंगल ग्रह की सतह, उसके वायुमंडल और जियोलाजिकल स्ट्रक्चर का अध्ययन करना। इसके अलावा, इसका एक बड़ा उद्देश्य भारत की तकनीकी क्षमताओं को बढ़ाना और भविष्य के अंतर-ग्रहीय मिशनों के लिए रास्ता तैयार करना था।
यह मिशन सिर्फ 18 महीनों के रिकॉर्ड समय में तैयार किया गया। 5 नवंबर 2013 को, आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से PSLV-C25 रॉकेट के जरिए मंगलयान को लॉन्च किया गया।
इस मिशन की कुल लागत लगभग 450 करोड़ रुपए (लगभग 74 मिलियन डॉलर) थी, जो अन्य देशों के मंगल मिशनों की तुलना में काफी कम थी।
इस कम लागत के कारण भी यह मिशन दुनिया भर में चर्चा का विषय बना था क्योंकि यह दर्शाता था कि सीमित संसाधनों के साथ भी बड़े सपने पूरे किए जा सकते हैं।
कठिन सफर: पृथ्वी से मंगल तक की यात्रा
मंगलयान का सफर आसान नहीं था। लॉन्च के बाद, इसे पृथ्वी की कक्षा से बाहर निकालने और मंगल की ओर भेजने के लिए कई जटिल प्रक्रियाओं को अंजाम दिया गया। इसे 'ट्रांस-मार्स इंजेक्शन' कहा जाता है।
यह प्रक्रिया बेहद सटीक होनी चाहिए थी, क्योंकि थोड़ी सी भी गलती मिशन को बर्बाद कर सकती थी। मंगलयान ने लगभग 300 दिनों तक अंतरिक्ष में यात्रा की, जिसने 650 मिलियन किलोमीटर से अधिक की दूरी तय की।
इस लंबी यात्रा के दौरान, इसरो के वैज्ञानिकों ने बेंगलुरु के ISTRAC (ISRO Telemetry, Tracking and Command Network) से लगातार मंगलयान की निगरानी की।
मिशन के सबसे चुनौतीपूर्ण पड़ावों में से एक था 'मंगल की कक्षा में प्रवेश' (Mars Orbit Insertion)। 24 सितंबर 2014 को सुबह 7:17 बजे, जब मंगलयान मंगल के पास पहुंचा, तो उसके मुख्य इंजन को 24 मिनट के लिए फिर से चालू किया गया।
यह इंजन लगभग 300 दिनों से इनएक्टिव था और अगर यह काम नहीं करता तो मिशन फेल हो जाता। लेकिन वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत और एक्यूरेट कॅल्क्युलेशन्स के कारण यह ऑपरेशन पूरी तरह सफल रहा। मंगलयान ने सफलतापूर्वक मंगल की कक्षा में प्रवेश किया और भारत को दुनिया के अंतरिक्ष मैप पर एक नई पहचान दी।
मंगलयान के वैज्ञानिक उद्देश्य
मंगलयान को पांच साइंटिफिक इंस्ट्रूमेंट्स (payload) से लैस किया गया था, जिनका मुख्य उद्देश्य मंगल ग्रह के बारे में जानकारी जुटाना था। ये पेलोड थे:
मार्स कलर कैमरा (MCC): यह रंगीन तस्वीरें लेने के लिए था, जिससे मंगल की सतह की विशेषताओं और उसके लैंडस्केप की स्टडी किया जा सके। इसने मंगल की कई अद्भुत तस्वीरें भेजीं।
थर्मल इन्फ्रारेड स्पेक्ट्रोमीटर (TIS): इसका काम मंगल की सतह के तापमान और खनिज संरचना का विश्लेषण करना था।
मीथेन सेंसर फॉर मार्स (MSM): यह सबसे महत्वपूर्ण पेलोड में से एक था। इसका उद्देश्य मंगल के वायुमंडल में मीथेन गैस की उपस्थिति का पता लगाना था। मीथेन की मौजूदगी जीवन के संकेतों से जुड़ी हो सकती है।
लॉस एल्टीट्यूड न्यूट्रल मास स्पेक्ट्रोमीटर (LAP): यह ऊपरी वायुमंडल में मौजूद गैसों और उनके घटकों का अध्ययन करने के लिए था।
मार्स एक्सोस्फेरिक न्यूट्रल कंपोजीशन एनालाइजर (MENCA): इसका उद्देश्य मंगल के बाहरी वातावरण की संरचना और उसके घटने की दर का अध्ययन करना था।
इन पेलोड्स से मिले डेटा ने मंगल ग्रह के बारे में हमारी समझ को बढ़ाया और भविष्य के मिशनों के लिए वैल्युएबल इनफार्मेशन प्रोवाइड की।
भारत और दुनिया के लिए इसका क्या मतलब है
मंगलयान की सफलता केवल एक तकनीकी उपलब्धि नहीं थी बल्कि यह भारत के आत्मविश्वास और 'कम लागत में बड़ी सफलता' के मॉडल का एक प्रमाण भी थी।
पहले ही प्रयास में सफलता: भारत दुनिया का एकमात्र देश बन गया जिसने अपने पहले ही प्रयास में मंगल पर पहुँचने में कामयाबी हासिल की। यह दर्शाता है कि भारतीय वैज्ञानिक सीमित बजट में भी विश्वस्तरीय कार्य करने में सक्षम हैं।
अंतरिक्ष शक्ति के रूप में पहचान: इस मिशन ने भारत को एक प्रमुख अंतरिक्ष शक्ति के रूप में स्थापित किया। इसने दुनिया को दिखाया कि भारत अब सिर्फ उपग्रह लॉन्च करने तक सीमित नहीं है, बल्कि अंतर-ग्रहीय मिशनों को भी अंजाम दे सकता है।
प्रेरणा का स्रोत: मंगलयान की सफलता ने भारत के युवाओं और वैज्ञानिकों की नई पीढ़ी को प्रेरित किया। यह एक ऐसा मिशन था जिसने पूरे देश को गर्व से भर दिया और यह साबित किया कि कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प से कुछ भी असंभव नहीं है।
तकनीकी नवाचार: इस मिशन ने भारत को कई नई तकनीकें विकसित करने का अवसर दिया, जैसे कि लंबी दूरी की संचार प्रणाली, स्वायत्त नेविगेशन और ऑनबोर्ड आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली।
मंगलयान मिशन भारत के लिए सिर्फ एक वैज्ञानिक उपलब्धि नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है। इसने यह साबित कर दिया कि भारत जैसे विकासशील देश भी अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा सकते हैं।
यह मिशन "मेक इन इंडिया" और "आत्मनिर्भर भारत" की भावना का एक उत्कृष्ट उदाहरण है, जिसने दुनिया को दिखाया कि हम न केवल अपने लिए, बल्कि पूरी मानवता के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ा सकते हैं।
मंगलयान की सफलता ने भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की नींव को और मजबूत किया और भविष्य के चंद्रयान-3 और गगनयान जैसे मिशनों के लिए मार्ग प्रशस्त किया। यह हमेशा हमारे दिलों में "भारतीय अंतरिक्ष गौरव" के रूप में जीवित रहेगा।
References
ISRO Official Website - Mars Orbiter Mission
NASA - Mangalyaan: India's Mars Orbiter Mission
Wikipedia - Mars Orbiter Mission
24 सितंबर का इतिहास
हर दिन का अपना एक अलग महत्व होता है और 24 सितंबर का दिन भी इतिहास (आज की यादगार घटनाएं) में कई महत्वपूर्ण घटनाओं के लिए दर्ज है।
इस दिन दुनिया में कई ऐसी घटनाएं हुईं, जिन्होंने इतिहास की दिशा बदल दी। आइए जानते हैं 24 सितंबर को भारत और विश्व में घटी कुछ प्रमुख घटनाओं के बारे में, जो आपके सामान्य ज्ञान को बढ़ा सकती हैं।
विश्व में महत्वपूर्ण घटनाएं
1180: बीजान्टिन साम्राज्य सम्राट इमैनुएल I कोम्नोसो की मौत से कमजोर हो गया था।
1493: क्रिस्टोफर कोलंबस ने नई दुनिया की खोज के लिए दूसरा अभियान शुरू किया।
1645: राजा चार्ल्स I की व्यक्तिगत कमान के तहत अंग्रेजी नागरिक युद्ध-रॉयलिस्टों को रोवोन हीथ की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण हार का सामना करना पड़ा।
1688: फ्रांस ने जर्मनी के खिलाफ युद्ध की घोषणा की।
1742: बोस्टन का फैन्यूविल हॉल जनता के लिए खोला गया।
1748: शाहरुख ग्रेटर खोरासन के शासक बन गए।
1788: 'थियेटर वार' तब शुरू हुई, जब डेनमार्क-नॉर्वे की सेना ने स्वीडन पर हमला किया था।
1789: फर्स्ट यूनाइटेड स्टेट्स कांग्रेस ने 1789 का न्यायपालिका अधिनियम पारित किया, अमेरिकी संघीय न्यायपालिका की स्थापना की और सर्वोच्च न्यायिक न्यायाधीशों की संख्या निर्धारित की।
1829: रूस और ओटोमन साम्राज्य के बीच एड्रियनोपोल की शांति संधि हुई।
1852: फ्रांसीसी इंजीनियर हेनरी गिफ्दर ने पेरिस से ट्रैपेशस तक की पहली एयरशिप यात्रा की।
1853: लंदन में पहले प्रांतीय दैनिक समाचार पत्र 'नार्दर्न डेली टाइम्स' का प्रकाशन हुआ।
1853: एडमिरल फेवरियर डेसपॉइंट्स ने फ्रांस के लिए न्यू कैलेडोनिया पर औपचारिक कब्जा कर लिया।
1869: ब्लैक फ्राइडे: फिस्क-गोल्ड स्कैंडल संयुक्त राज्य अमेरिका में एक वित्तीय संकट का कारण बना।
1877: इंपीरियल जापानी सेना ने सगोमा विद्रोह की निर्णायक सगाई कगोशिमा में शिरोआमा की लड़ाई में साइगो ताकामोरी और सत्सुमा कबीले समुराई को हराया।
1890: चर्च ऑफ जीसस क्राइस्ट ऑफ लैटर-डे सेंट्स के अध्यक्ष, विल्फोर्ड वुड्रूफ़ ने एक घोषणापत्र का पहला मसौदा लिखा, जिसने बहुवचन विवाह की निरंतर प्रथा को आधिकारिक रूप से समाप्त कर दिया।
1895: एनी लॉनडॉनडेरी साइकिल से संसार घूमने वाली विश्व की पहली महिला बनीं।
1903: अल्फ्रेड डीकिन ऑस्ट्रेलिया के दूसरे प्रधान मंत्री बने, एडमंड बार्टन के बाद, जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया के उच्च न्यायालय के संस्थापक न्यायधीश बनने के लिए पद छोड़ दिया।
1908: पहला कारखाना निर्मित फोर्ड मॉडल टी पूरा किया गया था।
1911: महामहिम की एयरशिप नंबर 1, ब्रिटेन की पहली कठोर एयरशिप, बैरो-इन-फर्नेस में अपनी पहली उड़ान से पहले तेज हवाओं से बर्बाद हो गई थी।
1937: पिंगजिंगग्वान की लड़ाई शुरू हुई।
1941: हवाई में जापानी वाणिज्य दूतावास को पर्ल हार्बर को पांच क्षेत्रों में विभाजित करने का निर्देश दिया गया है। यह प्रत्येक क्षेत्र में युद्धपोतों की संख्या की गणना करना है। इन निष्कर्षों को जापान में वापस भेजा गया था जो तब पर्ल हार्बर हमलों की योजना में उपयोग किया गया था जिसने अमेरिका को WW2 में मजबूर कर दिया था।
1946: कैथे पैसिफिक, हांगकांग के डी फैक्टो इंटरनेशनलफ्लैग कैरियर एयरलाइन, रॉय फैरेल और सिडनीडे कांट्ज़ो द्वारा स्थापित किया गया था।
1957: बार्सिलोना का कैंप नोउ, वर्तमान में यूरोप में 99,354 बैठने की क्षमता वाला सबसे बड़ा स्टेडियम है।
1964: वॉरेन कमीशन ने अपनी रिपोर्ट जारी की, जिसमें निष्कर्ष निकाला गया कि ली हार्वे ओसवाल्ड ने अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ। केनेडी की हत्या में अकेले अभिनय किया।
1975: दक्षिण-पश्चिम फेस एक्सपेडिटी पर डगल हेस्टन और डग स्कॉट माउंट एवरेस्ट के शिखर पर पहुंचने वाले पहले लोग बन गए हैं जो किसी भी चेहरे का सामना कर रहे हैं।
1979: घाना ने संविधान को अपनाया।
1980: इराकी विमानों ने ईरान के खारग द्वीप कच्चे तेल निर्यात टर्मिनल पर बमबारी की है। वर्तमान में यह नियंत्रण से बाहर जल रहा है, जिससे भारी मात्रा में धुएं और मलबे का उत्पादन होता है। युद्ध, शट्ट-अल-अरब जलमार्ग की निचली पहुंच पर संप्रभुता को लेकर है। यह इराक और ईरान के बीच सीमा का सीमांकन करता है।
1991: लेबनान के अपहर्ताओं ने दो साल से अधिक कैद की सजा के बाद जैकी मान रिहा कर दिया।
1992: अमेरिकी व्यक्ति ओबा चांडलर को फ्लोरिडा के तंपा बे में तीन साल की लंबी हत्या के बाद हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
1993: कंबोडियन राजतंत्र नोरोदॉम सिहानोक को राजा के रूप में चुना गया।
1996: संयुक्त राष्ट्र के राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने संयुक्त राष्ट्र में व्यापक परमाणु परीक्षण-प्रतिबंध संधि पर हस्ताक्षर किए।
1996: पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने संयुक्त राष्ट्र में व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि पर हस्ताक्षर किये।
2005: हांगकांग से अनौपचारिक रिपोर्टों का कहना है कि दूसरा चीनी मानव अंतरिक्ष यान शेनझो 6, 13 अक्टूबर को लॉन्च होने की उम्मीद है। यह पांच दिन के मिशन पर दो अंतरिक्ष यात्रियों को ले जाएगा।
2009: ईरान ने घोषणा की कि उसके पास दूसरा यूरेनियम संवर्धन संयंत्र है। ईरानी सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के प्रमुख को एक पत्र भेजकर दूसरी साइट के अस्तित्व के बारे में बताया।
2010: अफ्रीकी संघ ने सोमालिया में अपने सैन्य बलों को 8,000 से 20,000 तक बढ़ाने के लिए धन की अपील की।
2011: नासा के अपर एटमॉस्फियर रिसर्च सैटेलाइट ने बिना किसी घटना के पृथ्वी के वायुमंडल में फिर से प्रवेश किया। कक्षा में 20 से अधिक वर्षों के बाद ऐसा हुआ है।
2012: चीन में जापान से संबंधित किताबों पर रोक लगी।
2012: जापान के उप विदेश मंत्री, चिकाओ कवाई को दोनों देशों के बीच संबंधों की स्थिति में सुधार करने में मदद करने के लिए चीन भेजा जाता है।
2013: पाकिस्तान के बलूचिस्तान में 7.7 तीव्रता के भूकंप से 515 से लोगों की मौत हुई।
2013: बांग्लादेश में, उच्च वेतन पाने वाले कर्मचारी हड़ताल पर चले जाते हैं। इससे कई कारखानों में काम रुक गया जबकि सैकड़ों कपड़ा कारखाने पूरी तरह से बंद हो गए।
622: मुहम्मद और उनके अनुयायियों ने धार्मिक उत्पीड़न से बचने के लिए मक्का हिमीना से अपना हिजड़ा पूरा किया।
भारत में महत्वपूर्ण घटनाएं
1861: भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में राष्ट्रवादी आन्दोलन की प्रमुख नेता मैडम भीकाजी कामा का जन्म हुआ।
2009: भारत के पहले चन्द्रयान-1 ने चांद की सतह पर पानी खोज निकाला।
2014: भारत का इसरो (ISRO Achievements | इसरो की सफलता की कहानी) का मार्स ऑर्बिटर मिशन मंगल की कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश कर गया।
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