आज का इतिहास: कैसे एक अर्थशास्त्री ने बदल दी भारत की इकोनॉमी, जानें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की कहानी

भारत के 13वें प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का जीवन एक असाधारण कहानी है। इस लेख में हम उनके बचपन, शिक्षा और भारत को आर्थिक शक्ति बनाने में उनकी इम्पोर्टेन्ट रोल को विस्तार से जानेंगे।

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Kaushiki
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Manmohan Singh
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आज के दिन की कहानी:तारीख थी 26 सितंबर 1932 जब अविभाजित भारत के पंजाब (अब पाकिस्तान का गाह गांव) में भारत के 13वें प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी का जन्म हुआ। उनका बचपन गरीबी और सादगी से भरा था। उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि एक दिन वह भारत के सबसे ऊंचे पद तक पहुंचेंगे, लेकिन उनकी लगन और ईमानदारी ने किस्मत बदल दी।

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की खासियत यह है कि वे हमेशा सुर्खियों से दूर रहे पर अपने काम से इतिहास रचते गए। वह असाधारण रूप से बुद्धिमान थे और उनकी यह योग्यता ही उन्हें भारत का 13वां प्रधानमंत्री बना पाई।

उन्होंने अपनी मेहनत और इंटेलेक्चुअल एबिलिटी से न केवल देश के शीर्ष पद तक का सफर तय किया, बल्कि 1991 में वित्त मंत्री रहते हुए भारत की आर्थिक दिशा को हमेशा के लिए बदल दिया।

उनकी यात्रा यह दिखाती है कि अगर इरादे सच्चे हों, तो एक साधारण व्यक्ति भी अपनी जड़ों से जुड़े रहकर देश की तकदीर बदल सकता है। आइए जानें मनमोहन सिंह की कहानी...

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बचपन और शिक्षा: संघर्ष से शिखर तक

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का परिवार विभाजन के बाद भारत आ गया और पंजाब के अमृतसर में बस गया। शुरुआती दिनों में उनका परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा था, लेकिन उनके माता-पिता ने शिक्षा के महत्व को समझा और उन्हें पढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया।

मनमोहन सिंह शुरू से ही एक मेधावी छात्र थे। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पंजाब में पूरी की और फिर आगे की पढ़ाई के लिए कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी चले गए।

मनमोहन सिंह... वो वित्त मंत्री जिनके आर्थिक सुधारों का लोहा पूरी दुनिया ने  माना - former pm Manmohan Singh passes away Manmohan Singh profile life  journey of Manmohan Singh Manmohan Singh ...

कैम्ब्रिज में, उन्होंने अर्थशास्त्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और अपनी मेहनत के दम पर फर्स्ट क्लास ऑनर्स की डिग्री हासिल की। इसके बाद, उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की।

उनका शोधकार्य 'इंडियाज एक्सपोर्ट ट्रेंड्स एंड प्रॉस्पेक्ट्स फॉर सेल्फ-सस्टेन्ड ग्रोथ' भारत की आर्थिक समस्याओं पर केंद्रित था, जिसने आगे चलकर उनके करियर की नींव रखी।

विदेश में पढ़ाई के दौरान, उन्होंने अंतरराष्ट्रीय अर्थशास्त्र और विकास के मुद्दों को गहराई से समझा, जिसने उन्हें एक दूरदर्शी अर्थशास्त्री के रूप में तैयार किया। उनके शिक्षक और साथी अक्सर उनकी विनम्रता, कड़ी मेहनत और शानदार बौद्धिक क्षमता की तारीफ करते थे।

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भारतीय अर्थव्यवस्था के शिल्पकार

डॉ. मनमोहन सिंह का सबसे बड़ा योगदान 1991 में आया जब वे पी.वी. नरसिम्हा राव की सरकार में वित्त मंत्री बने। उस समय, भारत एक गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा था।

विदेशी मुद्रा भंडार लगभग खत्म हो चुका था और देश दिवालिया होने की कगार पर था। इस मुश्किल घड़ी में, डॉ. मनमोहन सिंह ने साहसिक और दूरदर्शी आर्थिक सुधारों की शुरुआत की।

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इन सुधारों को उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण (Liberalisation, Privatisation and Globalisation - LPG) के नाम से जाना जाता है।

  • उदारीकरण (Liberalisation): उन्होंने लाइसेंस राज को खत्म किया, जिससे उद्योगों के लिए व्यापार करना आसान हो गया।

  • निजीकरण (Privatisation): उन्होंने सरकारी कंपनियों में निजी निवेश को बढ़ावा दिया, जिससे दक्षता और प्रतिस्पर्धा बढ़ी।

  • वैश्वीकरण (Globalisation): उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था को दुनिया के लिए खोला, जिससे विदेशी निवेश और व्यापार को बढ़ावा मिला।

इन सुधारों ने भारत की अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा दी। देश को आर्थिक संकट से बाहर निकाला गया और विकास की राह पर मजबूती से आगे बढ़ाया गया। यही कारण है कि डॉ. मनमोहन सिंह को अक्सर "भारतीय अर्थव्यवस्था के शिल्पकार" कहा जाता है।

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2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री का कार्यकाल

2004 में, जब कांग्रेस पार्टी ने चुनाव जीता तो सोनिया गांधी ने डॉ. मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री पद के लिए चुना। यह एक चौंकाने वाला फैसला था क्योंकि डॉ. सिंह राजनीति में एक शांत और विनम्र व्यक्ति के रूप में जाने जाते थे। उनके दो कार्यकालों (2004-2009 और 2009-2014) में भारत ने कई इम्पोर्टेन्ट  अचीवमेंट्स हासिल कीं।

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  • इकनोमिक डेवलपमेंट: उनके कार्यकाल में भारत की अर्थव्यवस्था ने अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की। कई सालों तक भारत की विकास दर 8% से भी ऊपर रही।

  • सामाजिक योजनाएं: उन्होंने गरीबों और वंचितों के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं शुरू कीं, जैसे महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MNREGA) (Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee Act)। इस योजना ने ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा किए।

  • शिक्षा का अधिकार: शिक्षा का अधिकार अधिनियम (Right to Education Act) 2009 में पास हुआ, जिसने 6 से 14 वर्ष के बच्चों के लिए फ्री और कंपल्सरी  एजुकेशन को एक मौलिक अधिकार बना दिया।

  • सूचना का अधिकार: सूचना का अधिकार अधिनियम (RTI) (Right to Information Act) 2005 में लागू हुआ, जिसने सरकार में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ाया।

  • भारत-अमेरिका परमाणु समझौता: उनके कार्यकाल की सबसे बड़ी विदेश नीति उपलब्धि भारत-अमेरिका परमाणु समझौता (India-US Nuclear Deal) थी, जिसने भारत को अंतरराष्ट्रीय परमाणु व्यापार में प्रवेश करने की अनुमति दी, भले ही भारत ने परमाणु अप्रसार संधि (NPT) पर हस्ताक्षर नहीं किए थे।

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एक विनम्र और ईमानदार नेता की विरासत

डॉ. मनमोहन सिंह अपने पूरे करियर में अपनी ईमानदारी, सादगी और विनम्रता के लिए जाने जाते थे। वे हमेशा विवादों से दूर रहे और अपनी बात कम शब्दों में कहते थे।

उन्हें कभी भी प्रचार या मीडिया की चकाचौंध पसंद नहीं थी। यही कारण है कि वे जनता के बीच "मौनमोहन सिंह" के नाम से भी जाने जाते थे, लेकिन उनकी चुप्पी में भी गहन सोच और समझदारी छिपी होती थी।

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आज, जब हम इंडियन इकॉनमी (Former Prime Minister Manmohan Singh) की मजबूती और दुनिया में इसके बढ़ते प्रभाव को देखते हैं, तो हम डॉ. मनमोहन सिंह के योगदान को नहीं भूल सकते।

उन्होंने न केवल भारत को आर्थिक संकट से बाहर निकाला, बल्कि एक मजबूत और आधुनिक राष्ट्र की नींव भी रखी। उनका जीवन हमें सिखाता है कि सच्ची शक्ति पद या भाषण में नहीं, बल्कि ईमानदारी, ज्ञान और समर्पण में होती है।

Reference

  • Reserve Bank of India: Dr. Manmohan Singh - Former Governor

  • Prime Minister's Office: Dr. Manmohan Singh

  • Wikiwand: 1991 Indian economic crisis

26 सितंबर का इतिहास

हर दिन का अपना एक अलग महत्व होता है और 26 सितंबर का दिन भी इतिहास (आज की यादगार घटनाएं) में कई महत्वपूर्ण घटनाओं के लिए दर्ज है।

इस दिन दुनिया में कई ऐसी घटनाएं हुईं, जिन्होंने इतिहास की दिशा बदल दी। आइए जानते हैं 26 सितंबर को भारत और विश्व में घटी कुछ प्रमुख घटनाओं के बारे में, जो आपके सामान्य ज्ञान को बढ़ा सकती हैं।

विश्व इतिहास की प्रमुख घटनाएं

  • 1087: इंग्लैंड की राजगद्दी पर विलियम द्वितीय (William II) बैठे, जिन्होंने 1100 तक शासन किया।

  • 1580: ब्रिटिश नाविक फ्रांसिस ड्रेक समुद्री मार्ग से पूरी दुनिया का चक्कर लगाकर वापस इंग्लैंड पहुंचे।

  • 1687: एथेंस में पार्थेनन का एक हिस्सा फ्रांसेस्को मोरोसिनी के नेतृत्व में वेनेटियन और ओटोमन सेनाओं के बीच संघर्ष के दौरान आंशिक रूप से नष्ट हो गया।

  • 1772: न्यू जर्सी में एक बिल पास हुआ, जिसके तहत चिकित्सा का अभ्यास करने के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य हो गया।

  • 1786: ग्रेट ब्रिटेन और फ्रांस ने ईडन समझौते नामक एक वाणिज्यिक संधि पर हस्ताक्षर किए।

  • 1815: रूस, प्रशिया और ऑस्ट्रिया ने पवित्र गठबंधन (Holy Alliance) पर हस्ताक्षर किए।

  • 1872: पहला श्रीनर्स मंदिर, जिसे मक्का कहते हैं, न्यूयॉर्क शहर में स्थापित हुआ।

  • 1874: पहला ग्रैंड इंटरनेशनल राइफल मैच आयोजित किया गया।

  • 1901: अमेरिका के पहले राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन के शरीर को कई फुट मोटी कंक्रीट में दफनाया गया।

  • 1907: न्यूजीलैंड और न्यूफाउंडलैंड को राज्य का दर्जा मिला और न्यूजीलैंड ने अपनी स्वाधीनता की घोषणा की।

  • 1933: कुख्यात गैंगस्टर मशीन गन केली ने FBI के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।

  • 1936: जापानी नौसैनिकों ने चीन के शंघाई जिले पर नियंत्रण कर लिया, जिसके बाद शंघाई में 4 जापानी नागरिकों की मौत हो गई। जापान ने अपने नागरिकों की सुरक्षा की बात कही।

  • 1942: होलोकॉस्ट-नाजी अधिकारी अगस्त फ्रैंक ने यहूदियों को "शांत" करने के तरीके पर एक ज्ञापन जारी किया।

  • 1950: इंडोनेशिया ने संयुक्त राष्ट्र की सदस्यता ग्रहण की।

  • 1953: ब्रिटेन में चीनी का राशन समाप्त कर दिया गया।

  • 1959: जापान के इतिहास में सबसे शक्तिशाली तूफान 'वेरा' से 4580 लोगों की मौत हुई और 16 लाख लोग बेघर हो गए।

  • 1960: उत्तरी यमन में सेना कमांडर अब्दुल्ला सल्लाल ने एक सैनिक विद्रोह कर राजशाही शासन का अंत किया और लोकतंत्र की स्थापना की।

  • 1968: बीटल्स ने जॉन लेनन के गीत "हैप्पीनेस इज ए वार्म गन" की रिकॉर्डिंग पूरी की।

  • 1973: सुपरसोनिक कॉन्कॉर्ड यात्री हवाई जहाज ने अटलांटिक की यात्रा सिर्फ 3 घंटे 32 मिनट में पूरी कर एक रिकॉर्ड बनाया।

  • 1980: ओक्टोबर्फेस्ट शहर में हुए आतंकवादी हमले में 13 लोगों की मौत हुई और 211 घायल हुए।

  • 1980: अफगानिस्तान का मार्क्सवादी शासन काबुल में सुरक्षा में सुधार कर रहा है, यह मुस्लिम विरोधी कम्युनिस्टों के नेतृत्व में आतंकवादी हमलों की नई लहर के जवाब में है।

  • 1983: जॉन बर्ट्रेंड की कप्तानी वाली रेसिंग नौका ऑस्ट्रेलिया II ने अमेरिका कप जीता, न्यूयॉर्क यॉट क्लब के 132 साल के वर्चस्व को समाप्त किया।

  • 1983: सोवियत लेफ्टिनेंट कर्नल स्टेनिस्लाव पेट्रोव ने एक झूठे अलार्म को अमेरिकी हमले के रूप में न मानकर, संभावित परमाणु युद्ध को टाल दिया।

  • 1990: इतालवी उपन्यासकार अलबर्टो मोराविया का निधन हुआ, जिनका जन्म 1907 में रोम में हुआ था।

  • 2007: वियतनाम के कैनथो शहर में एक निर्माणाधीन पुल के ढह जाने से 62 श्रमिकों की मृत्यु हो गई।

  • 2007: इराक में क्लोरीन की कमी के कारण हैजा फैल गया है, जो अब बगदाद तक पहुंच गया है।

  • 2008: स्विस पायलट और आविष्कारक यवेस रॉसी जेट-इंजन विंग के साथ इंग्लिश चैनल पार करने वाले पहले व्यक्ति बने।

  • 2009: स्पेनिश सरकार ने गर्भपात कानून को उदार बनाने की योजना का खुलासा किया।

  • 2010: अमेरिकी रक्षा विभाग ने अमेरिकी सेना रिजर्व अधिकारी एंथनी शफर द्वारा लिखे एक संस्मरण की लगभग 10,000 प्रतियां खरीदने की बात स्वीकार की, बाद में गुप्त जानकारी को नष्ट करने के प्रयास में उन सभी को नष्ट कर दिया।

  • 2010: स्कॉटिश सहायता कर्मी लिंडा नॉरग्रोव और तीन अफगान सहयोगियों को अफगानिस्तान के कुनार प्रांत में तालिबान द्वारा अगवा कर लिया गया।

  • 2011: ऑकलैंड विश्वविद्यालय में 300 छात्रों ने ट्यूशन फीस बढ़ाने के विरोध में प्रदर्शन किया।

  • 2012: ग्रीस में ट्रेड यूनियनों ने मितव्ययिता उपायों के विरोध में हड़ताल का आह्वान किया।

  • 2013: सीरिया में रासायनिक हथियारों को खत्म करने के लिए अमेरिका और रूस के बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव पर एक समझौता हुआ।

  • 2014: इबोला महामारी के फैलने पर, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इबोला वैक्सीन की खुराक का अनुरोध किया।

भारत इतिहास की प्रमुख घटनाएं

  • 1820: प्रसिद्ध भारतीय समाज सुधारक, शिक्षाविद् और स्वतंत्रता सेनानी ईश्वरचंद्र विद्यासागर का जन्म हुआ। वे बंगाल के पुनर्जागरण के प्रमुख स्तंभों में से एक थे और अपनी विद्वता के कारण उन्हें 'विद्यासागर' की उपाधि मिली।

  • 1932: भारत के 13वें प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत में जन्म हुआ।

  • 1932: महात्मा गांधी ने 6 दिन के बाद अपना व्रत तोड़ा। यह ब्रिटिश सरकार द्वारा भारतीय अछूतों, "शूद्रों" के लिए विधायी चुनावों में विशेषाधिकारों की समझौता योजना को मंजूरी देने के बाद हुआ।

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