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आज के दिन की कहानी: आज हम आपको साल 1911 के दौर में लेकर चलते हैं। उस समय भारत गुलामी की जंजीरों में जकड़ा हुआ था। चारों तरफ आजादी की छटपटाहट और इंकलाब की गूंज सुनाई दे रही थी। तारीख थी 27 दिसंबर और शहर था क्रांतिकारियों का गढ़ कोलकाता।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का 28वां एनुअल कन्वेंशन वहां चल रहा था। तभी एक ऐसी धुन गूंजी जिसने आने वाले समय में देश की आत्मा बन जाना था। यह धुन थी हमारे राष्ट्रगान 'जन गण मन' की। आज के इस लेख में हम आपको इसी ऐतिहासिक घटना की पूरी कहानी सुनाएंगे।
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कलकत्ता सेशन 1911: एक यादगार शुरुआत
दिसंबर की गुलाबी ठंड में कांग्रेस के दिग्गज नेता कोलकाता में जुटे थे। अधिवेशन का दूसरा दिन था और पंडाल खचाखच भरा हुआ था। पंडित बिशन नारायण धर उस समय कांग्रेस के अध्यक्ष थे। सभा की कार्यवाही शुरू हुई और अचानक संगीत की लहरें उठीं।
गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के भांजे ने इस गीत की शुरुआत की। उनके साथ सरला देवी चौधुरानी और कुछ स्कूली बच्चों ने सुर मिलाया। पहली बार मंच से 'जन गण मन' के शब्द सार्वजनिक रूप से सुनाई दिए। वहां मौजूद हर शख्स इस गीत की गहराई में खो गया था।
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किसने लिखा और किसने गाया था यह अमर गीत
यह महान रचना विश्व कवि रवींद्रनाथ टैगोर ने खुद लिखी थी। टैगोर ने इसे मूल रूप से बंगाली भाषा में रचा था। इस गीत को 'भारतो भाग्यो बिधाता' के नाम से जाना जाता था। 1911 के अधिवेशन में इसे सरला देवी चौधुरानी ने गाया था।
सरला देवी रवींद्रनाथ टैगोर की भांजी और एक प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी थीं। उन्होंने अपनी मधुर आवाज से पूरे पंडाल में देशभक्ति का संचार किया। उस समय टैगोर स्वयं भी अधिवेशन स्थल पर मौजूद थे। गीत की लय और शब्द इतने प्रभावशाली थे कि सब मंत्रमुग्ध थे।
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क्या यह किंग जॉर्ज पंचम के लिए था
अक्सर सोशल मीडिया पर एक भ्रम फैलाया जाता है। लोग कहते हैं कि यह गीत किंग जॉर्ज के लिए था। लेकिन यह पूरी तरह गलत और बेबुनियाद दावा है। ऐतिहासिक तथ्य बताते हैं कि कांग्रेस अधिवेशन में दो अलग गीत थे। एक गीत किंग जॉर्ज के स्वागत में किसी और ने गाया था।
'जन गण मन' को टैगोर ने ईश्वर और मातृभूमि को समर्पित किया था। टैगोर ने खुद एक पत्र में इस बात का खंडन किया था। उन्होंने कहा था कि 'भाग्य विधाता' केवल ईश्वर ही हो सकता है। कोई भी ब्रिटिश राजा भारत का भाग्य विधाता नहीं हो सकता।
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राष्ट्रगान बनने तक का लंबा और गौरवशाली सफर
1911 में गाए जाने के बाद यह गीत काफी लोकप्रिय हो गया। साल 1919 में टैगोर ने इसका अंग्रेजी अनुवाद भी किया था। उन्होंने इसे 'द मॉर्निंग सॉन्ग ऑफ इंडिया' का नाम दिया था। नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने भी इस गीत को बहुत पसंद किया।
आजाद हिंद फौज ने इसे अपना आधिकारिक गान बनाया था। 24 जनवरी 1950 को संविधान सभा ने एक बड़ा फैसला लिया। इसी दिन 'जन गण मन' को भारत का आधिकारिक राष्ट्रगान घोषित किया गया। इसे गाने की कुल समय सीमा 52 सेकंड निर्धारित की गई।
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तथ्यों की कसौटी पर: कुछ महत्वपूर्ण ऐतिहासिक जानकारी
इस गीत (इंडिया राष्ट्रगान) में कुल पांच पद (stanzas) मौजूद हैं। हम केवल पहले पद को ही राष्ट्रगान के रूप में गाते हैं। टैगोर दुनिया के इकलौते कवि हैं जिनके दो गीत राष्ट्रगान बने। भारत का 'जन गण मन' और बांग्लादेश का 'आमार सोनार बांग्ला'।
1911 का वो अधिवेशन भारतीय गौरव का एक बड़ा गवाह बना। आज भी जब हम यह धुन सुनते हैं, रोंगटे खड़े हो जाते हैं। यह गीत हमें विविधता में एकता का संदेश देता है। इसमें पंजाब, सिंध, गुजरात, मराठा जैसे हर प्रांत का जिक्र है।
Reference Links
Official Portal of Government of India - National Identity Elements Indian National Congress Official History Archives,India National Anthem Nobel Prize Official Site - Biography of Rabindranath Tagore
27 दिसंबर की महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाएं
आज का इतिहास में हर दिन का अपना एक अलग महत्व होता है। 27 दिसंबर का दिन भी इतिहास (आज की यादगार घटनाएं) में कई महत्वपूर्ण घटनाओं के लिए दर्ज है। इस दिन दुनिया में कई ऐसी घटनाएं हुईं, जिन्होंने इतिहास की दिशा बदल दी।
आइए जानते हैं 27 दिसंबर (आज की तारीख का इतिहास) को भारत और विश्व में घटी कुछ प्रमुख घटनाओं के बारे में, जो आपके सामान्य ज्ञान को बढ़ा सकती हैं।
विश्व इतिहास की प्रमुख घटनाएं...
537: इस्तांबुल में प्रसिद्ध हागिया सोफिया इमारत का निर्माण पूरा हुआ, जो पहले चर्च, फिर मस्जिद और अब संग्रहालय है।
1571: प्रसिद्ध जर्मन खगोलशास्त्री यूहान केपलर का जन्म हुआ, जिन्होंने ग्रहों की गति के नियम दिए।
1657: न्यू नीदरलैंड के नागरिकों ने धार्मिक स्वतंत्रता (क्वेकर पूजा) के लिए फ्लशिंग रेमोन्स्ट्रांस प्रस्तुत किया।
1703: इंग्लैंड और पुर्तगाल के बीच ऐतिहासिक मेथुइन व्यापार समझौता हुआ।
1825: इंग्लैंड में स्टीम इंजन वाली दुनिया की पहली पब्लिक रेलवे का निर्माण कार्य पूरा हुआ।
1831:चार्ल्स डार्विन ने एचएमएस बीगल जहाज से अपनी ऐतिहासिक दक्षिण अमेरिका यात्रा शुरू की।
1845: पत्रकार जॉन सुलिवन ने अमेरिका के लिए पहली बार 'मैनीफेस्ट डेस्टिनी' (प्रकट भाग्य) शब्द का प्रयोग किया।
1904: लेखक जे.एम. बैरी के प्रसिद्ध नाटक 'पीटर पैन' का लंदन में पहली बार प्रीमियर हुआ।
1922: जापानी नौसेना ने 'होशो' को कमीशन किया, जो दुनिया का पहला विशेष रूप से निर्मित विमान वाहक पोत था।
1939:तुर्की में आए भीषण भूकंप में लगभग 40,000 लोगों की दर्दनाक मौत हुई।
1945: वैश्विक अर्थव्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए 29 देशों के साथ अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की स्थापना हुई।
1966: मैक्सिको में दुनिया की सबसे लंबी और गहरी गुफा 'केव ऑफ स्वैलोज़' की खोज हुई।
1979: सोवियत सैनिकों ने काबुल के ताजबेग पैलेस पर हमला कर अफगान राष्ट्रपति हाफिजुल्ला अमीन की हत्या कर दी।
2000: ऑस्ट्रेलिया ने कानूनी तौर पर विवाह पूर्व संबंधों (De Facto Relationships) को मान्यता दी।
2002: 'क्लोनड' कंपनी ने दुनिया के पहले क्लोन मानव बच्चे के जन्म का दावा किया (हालांकि प्रमाण नहीं मिले)।
2007: पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की रावलपिंडी में एक आत्मघाती हमले में हत्या कर दी गई।
2008: इजरायल ने गाजा पट्टी पर अचानक हमला किया, जिससे तीन सप्ताह तक चलने वाला गाजा युद्ध शुरू हुआ।
2012: टोयोटा मोटर कॉर्पोरेशन कारों में तकनीकी खराबी के मुकदमों को निपटाने के लिए 1 बिलियन डॉलर देने पर सहमत हुआ।
2013: तकनीकी गलती के कारण डेल्टा एयर लाइन्स ने हजारों ग्राहकों को 90% कम दाम पर टिकट बेच दिए।
2014: जापान सरकार ने अपनी अर्थव्यवस्था सुधारने के लिए 29 मिलियन डॉलर का प्रोत्साहन पैकेज पारित किया।
भारत के इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाएं
1911: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में पहली बार भारत का राष्ट्रगान 'जन गण मन' गाया गया।
1911: 'जन गण मन' के गायन के साथ ही यह दिन भारतीय राष्ट्रवाद के प्रतीक के रूप में इतिहास में दर्ज हो गया।
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