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मंत्रालय हो या मध्यप्रदेश की सियासत सब जगह ड्रामा चल रहा है। यहां साहब लोग रिलैक्सिंग मोड में ज्ञान बांटते हैं तो मंत्रीजी सादगी का ढोंग रचते हैं। कोई मैडम के चक्कर में टेंडर बांट रहा है तो कोई नौशाद टेंडरों का जादूगर बना बैठा है।
सत्ता के गलियारों में सबसे ज्यादा चर्चा तो बीजेपी के ट्रेनिंग कैंप की है। पचमढ़ी की वादियों में पार्टी अपने नेताओं को सुशासन का पाठ पढ़ाएगी। उन्हें बताया जाएगा कि किस तरह तौल मौल के बोलना है। क्या करना है और क्या नहीं करना है...।
खैर...देश, प्रदेश में खबरें तो और भी हैं पर आप तो सीधे उतर आईए और बोल हरि बोल के रोचक किस्सों का आनंद लीजिए।
साहब का रिलैक्सिंग मोड और किस्से!
मंत्रालय की बैठक, वो भी बिना ड्रामे के? अरे, भईया ये तो सूरज का पश्चिम से उगना हुआ। जैसे ही सबसे बड़े साहब कुर्सी पर पीछे झुकते हैं, हाथ ऊपर उठाते हैं और रिलैक्सिंग मोड में आते हैं, बस समझ लीजिए, अब ज्ञान की गंगा बहने वाली है। ये उनका ट्रेडमार्क स्टाइल है... हाथ ऊपर, कुर्सी पीछे और शुरू हो जाता है महाकाव्य... जब मैं यहां था, तब ऐसा किया, वहां था, तो वैसा किया। पहले-पहल तो आला अफसरों ने चटखारे लेकर सुना, नोट्स बनाए। अब? अब तो साहब का ये रिलैक्सिंग मोड उनके लिए सिरदर्द मोड बन गया है। मन ही मन सब सोचते हैं, बस करो साहब, ये ज्ञान अब पचता नहीं। फिर भी साहब बेखबर, अपनी धुन में मगन, दिल्ली के ज्ञान-महासागर में गोते लगाते रहते हैं।
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मंत्री जी की गांधीगिरी...सादगी या सर्कस?
मोहन काबिना के मंत्रीजी, वाह! क्या एनर्जी है, क्या जोश। हर दिन कोई नया तमाशा, ताकि सुर्खियां बटोरें और सादगी का तमगा चमकाएं। जनता का सवाल है कि ये गांधीगिरी है या कैमरे के लिए ड्रामा?अब देखिए न, मंत्रीजी ने एसी से तौबा कर ली। कहते हैं, बैठक बिना एसी के हो, लेकिन मंत्रालय का सेंट्रल एसी तो चुपके से हवा देता रहता है। पेट्रोल-डीजल बचाने का जज्बा लिए स्कूटर पर निकल पड़ते हैं। फोटो खींचे, सोशल मीडिया पर वाहवाही बटोरी, और फिर? चुपके से कार में सैर। रात को ग्वालियर नगर निगम के पार्क में बेंच पर लेटकर सादगी का फोटोशूट कराते हैं और फिर घुप्प अंधेरे में बंगले के मुलायम गद्दों पर चैन की नींद। आप क्या कहेंगे... मंत्रीजी की इस 'अनोखी सादगी' पर।
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साहब का मैडम से 'खास' लगाव
मंत्रालय में एक साहब का दिल धड़क रहा है और वजह एक विदेशी कंसल्टेंट मैडम हैं। जी हां, साहब को मैडम से ऐसा लगाव हो गया है कि बस पूछिए मत। मैडम की कंपनी को टेंडर मिले, कोई अड़चन न आए, इसके लिए साहब दिन-रात एक कर देते हैं। मैडम भी कम नहीं, मौका मिलते ही साहब के चैंबर में पहुंच जाती हैं। दोनों बैठकर घंटों सुख-दुख बांटते हैं। कभी मैडम की कॉफी का स्वाद, कभी साहब की पुरानी कहानियां...बातों का सिलसिला चलता रहता है। हां, अब कुछ दिलजले अफसर पीठ पीछे बड़बड़ाते हैं, ये क्या चक्कर है? अरे भाई, उन्हें जलने दो। साहब तो बस मैडम के 'कंसल्टेंसी' में मगन हैं।
नौशाद का खेल और एजेंसी की नजर
नौशाद... ये नाम आजकल मंत्रालय के गलियारों में गूंज रहा है, मानो कोई बॉलीवुड स्टार हो। जनाब रुकिए, ये स्टारडम नहीं, केन्द्रीय एजेंसी की टॉर्चलाइट है, जो नौशाद पर चमक रही है। सुना है कि बड़े साहब ने नौशाद की कुंडली बनवा ली है। पता चला है कि नौशाद हजारों करोड़ के टेंडरों का जादूगर है। वही तय करता है कि कौन सा टेंडर किसकी झोली में जाएगा। बड़े साहब ने दिल्ली हाईकमान को जन्मपत्री भेज दी है। इधर, मसाला अभी बाकी है। नौशाद की एक मंत्री पुत्र से गहरी दोस्ती है। लिहाजा, मंत्री के लाड़ले की भी कुंडली बन गई है। एक्शन कब होगा, कोई नहीं जानता, लेकिन घड़ी टिक-टिक कर रही है।
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सुनील और मैडम का 'टार्चर ड्रामा'
वाह रे मंत्रालय, क्या तमाशा है! एक वेयरहाउस संचालक का मेल वायरल हो गया, जिसमें वो पूरे परिवार के साथ आत्महत्या की धमकी दे रहा है। वजह? 2021-22 से बकाया भुगतान और दो टार्चर मास्टर... इसमें एक कोई मैडम है और एक सुनील नाम का बंदा। आरोप है कि ये दोनों मिलकर संचालक की जिंदगी नर्क बना रहे हैं। मेल में साफ लिखा है कि बैंक की 40,000 की EMI सिर पर है और कमीशन की भूखी जोड़ी भुगतान रोक रही है। जेब खाली, बैंक कुर्की की तलवार लिए खड़ा, तो संचालक बेचारा क्या करे? कहता है, "बैंक वाले तो पैसा वसूलते हैं, ये लोग इज्जत ही छीन लेते हैं।" सुनील और मैडम का ये खेल पुराना लगता है। कुछ दिन पहले एक और संचालक दुनिया छोड़ गया और अब ये मेल। जनता पूछ रही है कि ये मैडम कौन है? सुनील का असली खेल क्या है?
चलो भाई वनतारा चलते हैं...
प्रदेश के जंगल महकमे के चुनिंदा अफसर मुकेश अंबानी का जू देखने जाएंगे। जी हां, मोहन सरकार प्रदेश में गुजरात के जामनगर में रिलायंस इंडस्ट्री द्वारा तैयार किए गए वनतारा जू जैसी वाइल्डलाइफ रेस्क्यू और रिहैबिलिटेशन सेंटर फैसिलिटी विकसित करने पर विचार कर रही है। वनतारा देश का पहला निजी वाइल्डलाइफ रेस्क्यू सेंटर है। इस रेस्क्यू सेंटर की कार्यप्रणाली और व्यवस्थाओं को जानने के लिए जल्द ही मध्यप्रदेश के वन अधिकारियों का छह सदस्यीय दल गुजरात के जामनगर जाएगा। इस संबंध में सूबे के वन विभाग और वनतारा जू प्रबंधन के बीच बातचीत हो गई है। अफसर जल्द ही वहां रवाना होंगे।
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पचमढ़ी में क्लास लगाएगी बीजेपी
सत्तारूढ़ दल के नेताओं को सुशासन का पाठ पढ़ाया जाएगा। इसके लिए बीजेपी पचमढ़ी में 14 से 16 जून के बीच तीन दिन का ट्रेनिंग कैंप लगाने जा रही है। इस कैंप में जनप्रतिनिधियों को पांच बातें प्रमुख रूप से सिखाई जाएंगी। इनमें खुद की छवि कैसे बेहतर बनाएं रखें, अपने कार्यकर्ताओं के साथ कैसा व्यवहार रखें, सोशल मीडिया पर क्या करें और क्या न करें, जनता से संवाद करते समय किन बातों का ध्यान रखें, मंच पर बोलते समय किन बातों का ध्यान रखें और सोशल मीडिया पर पोस्ट करते समय कौन सी बातें नहीं करनी चाहिए। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री अमित शाह अलग अलग दिन शामिल होकर नेताओं को मंत्र देंगे। कैंप में बीजेपी के सभी विधायक, मंत्री और लोकसभा, राज्यसभा के सांसद शामिल होंगे। दरअसल, क्या है कि इन दिनों बीजेपी नेताओं की बयानबाजी से पार्टी की
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