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अफसरशाही और नेतानगरी कमाल होती है। यहां कब क्या हो जाए, कोई कुछ नहीं कह सकता। अब देखिए ना, दीदी ने अपने घर फिर मीडिया बुलाई और पिछली बातें करके चाय की प्याली में फिर तूफान उठा दिया। बोलीं कि उन्हें भाजपा सरकारों में प्रताड़ना झेलनी पड़ी। मीडिया ने नाम पूछे तो टाइम बता दिया। अब मीडिया का तो काम ही विश्लेषण करना, सो भाई टाइम के हिसाब से देखा तो पता चला कि दीदी को मामा की सरकार में प्रताड़ना झेलनी पड़ी। अब इसके क्या मायने हैं, ये तो दीदी ही जानें। उधर मामा के बारे में खबर है कि वे मामी को ही भूल गए और काफिला लेकर निकल पड़े, थोड़ी दूर जाकर याद आया तो काफिला वापस मुड़ा और मामी को लेकर आया। MP में एक चंदे वाली कार और सबसे बड़े साहब के जोश की भी खासी चर्चा है। डॉक्टर साहब आज विदेश यात्रा से लौट आएंगे। खैर, देश प्रदेश में खबरें तो और भी हैं, पर आप तो सीधे नीचे उतर आइए और बोल हरि बोल के रोचक किस्सों का आनंद लीजिए।
मामा की जल्दबाजी और...
तो आज के बोल हरि बोल की शुरुआत मध्य प्रदेश के पूर्व सरकार से करते हैं। हुआ यूं कि मामा मामी के साथ गुजरात दौरे पर गए थे। वहां उन्होंने बब्बर शेर देखे। मूंगफली किसानों से मिले और लौटते वक्त मामी को भूल गए। दरअसल, मामा जल्दी में थे। उन्हें फ्लाइट पकड़नी थी। सभा में भी वे बार- बार घड़ी देख रहे थे। मंच से कहा भी कि आज समय कम है। भाषण खत्म करके वे जूनागढ़ से राजकोट एयरपोर्ट के लिए निकल गए, लेकिन मामी जूनागढ़ में ही रह गईं। किसी को याद नहीं रहा। काफिला एक किलोमीटर निकल आया, तब जाकर मामी का ध्यान आया। फिर क्या था… काफिला वापस मुड़ा और मामी को लेकर आया।
आज स्वदेश लौटेंगे डॉक्टर साहबडॉक्टर साहब आज रात अपनी हफ्ते भर की विदेश यात्रा से लौट रहे हैं। उनकी गैरहाजिरी में मध्य प्रदेश में खूब कांड हुए हैं। हरदा वाला बवाल हुआ। SEIAA में घमासान हुआ। अफसरों ने भी मौज काटी। अब माना जा रहा है, डॉक्टर साहब एक दो दिन में तगड़ी कार्रवाई करेंगे। इसे लेकर कुछ अफसर चिंता में हैं। वैसे भी प्रदेश में बहुप्रतीक्षित ट्रांसफर लिस्ट हवा में झूल रही है। माना जा रहा है कि इसमें फेरबदल के साथ अब बड़े बदलाव हो सकते हैं। |
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बड़े साहब का जोश हाई है!
मध्य प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी में बड़े साहब के रिटायरमेंट को लेकर जबरदस्त चर्चा है। एक लॉबी कह रही है कि वे अगस्त में रिटायर हो जाएंगे तो दूसरी लॉबी का कहना है कि उन्हें 6 माह का एक्सटेंशन देने का दिल्ली हाईकमान का फरमान आएगा। होगा क्या ये तो 31 अगस्त को 12 बजे ही पता चलेगा, लेकिन इसी बीच खुद बड़े साहब का जोश हाई है। एक बैठक में उन्होंने खुद अघोषित रूप से यह ऐलान कर दिया कि वे अभी कहीं नहीं जा रहे हैं। वे नवंबर में प्रधानमंत्री के साथ होने वाली मुख्य सचिव कॉन्फ्रेंस की तैयारी में जुट गए हैं। उनका कॉन्फिडेंस उनके एक्सटेंशन का ऐलान कर रहा है।
राजस्थान में इसलिए नपे अफसर!
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के गृह जिले के पंडितजी पर हाथ डालना एक आईपीएस अफसर को भारी पड़ गया। दरअसल, पंडितजी सीएम से मिलने उनके आवास गए थे। हाउस में पदस्थ इंस्पेक्टर से पंडितजी का विवाद होने लगा तो आईपीएस भी इस विवाद में कूद पड़े। ये सारा वाकया सीएम के सामने हुआ। सीएम समझाते रहे, लेकिन बात नहीं बनी। अपने पंडितजी का अपमान देखकर सीएम जमकर नाराज हुए। उन्होंने खाकी की गर्मी उतारने के लिए उस आईपीएस का तबादला तो किया ही, साथ में प्रदेश भर में 91 आईपीएस अफसरों के तबादले करके स्ट्रांग मैसेज दिया कि वे सीएम हैं, अफसर अपनी हद में रहें।
बड़े साहब की छोटी जेब...
मध्य प्रदेश में एक आईपीएस अफसर का परिवार चंदे की कार में सैर कर रहा है। इन साहब ने कप्तान साहब के एक काम के बदले कार की डिमांड की थी। कप्तान साहब भी बड़े खिलाड़ी हैं। उन्होंने तत्काल अपने अधीनस्थ थाना प्रभारियों को टास्क थमा दिया, फिर क्या था खाकी वाले बड़े साहब के लिए धड़ाधड़ कार का चंदा हो गया। थाना प्रभारियों में चर्चा है कि जितने बड़े लोग होते हैं, उनकी जेब उतनी छोटी होती है। परिवार को भी चंदे की कार में घुमाएंगे... ये हद है साहब। अब देखना यह है कि यह बात भोपाल तक कब पहुंचती है।
दीदी की 'पुरानी डायरी' के नए पन्ने!
दीदी को यूं ही दीदी नहीं कहते। वे थोड़े-थोड़े दिनों में अपने घर पर मीडिया को बुला ही लेती हैं। दो दिन पहले दीदी को पुरानी डायरी फिर याद आ गई। अब इसमें उन्होंने कुछ नए पन्ने भी जोड़े हैं। इन नई बातों ने चाय की प्याली में तूफान ला दिया है। दरअसल, दीदी ने मीडिया को बुलाकर कहा कि व्यापमं घोटाले में उनका नाम कैसे आ गया? सीबीआई इस फैक्ट की जांच करे। इस बीच दीदी ने भाजपा की सरकारों में भी प्रताडना झेलने की बात कह डाली। उन्होंने कहा, 1990-1992 और 2005-2013 में उन्हें प्रताड़ना झेलनी पड़ी। हालांकि उन्होंने किसी सीएम का नाम नहीं लिया, बस साल बता दिए...। अब सब जानते हैं कि उस दौर में पटवा जी और मामा जी ही थे। अब अगली प्रेस कांफ्रेंस में देखना— कौन सा नया पन्ना खुलेगा, कौन सा पुराना राज दुबारा जागेगा। अब उनसे जलने वाले तो यही कह रहे हैं कि दीदी हैं भैया, उनका टाइम मशीन मोड कभी भी ऑन हो सकता है।
डेपुटेशन की माया और साहब की दुविधा
कुछ अफसरों को अपना असली कैडर उतना प्यारा नहीं लगता, जितना डेपुटेशन का मेहमाननवाज़ी वाला जुगाड़ लगता है। अब मणिपुर कैडर के एक साहब को ही ले लीजिए। साहब को मध्यप्रदेश भा गया, वे यही रम गए। वापस जाने का नाम ही नहीं ले रहे थे। इसलिए बात अदालत तक जा पहुंची। साहब ने कोर्ट में कहा कि मुझे मणिपुर मत भेजो। वहां 2006 में दो विधायकों ने मारपीट की थी, इसलिए जान खतरा है, लेकिन कोर्ट ने कहा— पुरानी मारपीट की दुहाई अब काम की नहीं। आईबी की रिपोर्ट कहती है कि मणिपुर में सब चंगा है। इस तरह साहब की इंटर स्टेट ट्रांसफर की याचिका धड़ाम से खारिज हो गई है। यही नहीं, कोर्ट ने चार साल से ड्यूटी गायब रहने पर भी साहब के कान उमेठ हैं। अब देखना ये है कि साहब मणिपुर जाते हैं या फिर कोई और जुगाड़ निकालते हैं।
OBC आयोग में स्टाफ गायब, FIR हाजिर...
सत्ता के संस्कार निराले होते हैं, ये जीवन के सोलह संस्कारों में कहीं फिट नहीं बैठते। अब देखिए ओबीसी आरक्षण को लेकर ड्रामा सा चल रहा है। ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण देने के लिए सरकार और विपक्ष दोनों दावा कर रहे हैं, लेकिन इसी ओबीसी वर्ग और उसे आरक्षण दिलाने का झंडा उठाने वाले मध्यप्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के पास पर्याप्त स्टाफ तक नहीं है। अध्यक्ष जी ने डॉक्टर साहब को स्टाफ के लिए चिट्ठी लिखी तो वह भी लीक हो गई। अब अध्यक्ष जी कह रहे हैं कि जिसने भी चिट्ठी लीक की है, उस पर एफआईआर कराएंगे। बस फिर क्या था...विपक्ष को मसाला मिल गया। विपक्ष ने कहा, अध्यक्ष जी को डराया गया होगा, इसलिए अब वे एफआईआर की बात कर रहे हैं।
नए भाईसाहब और रिश्तेदारी का पोस्टर
सत्ता वाकई हर किसी को अपनी तरफ खींचती है। अब ये मामला ही देख लीजिए। बीजेपी को नए भाईसाहब मिले तो सत्ता के गलियारों में उनके कई सियासी रिश्तेदार भी सामने आने लगे। इंदौर में तो गजब हो गया। यहां एक नेताजी ने स्वयं को नए प्रदेश अध्यक्ष का भाई बताते हुए सोशल मीडिया पर पोस्टर जारी कर दिया। वे यहीं नहीं रुके। नेताजी ने सत्ताधारी दल के नए प्रदेश अध्यक्ष जी के सामने सम्मान समारोह का प्रस्ताव भी रख दिया। अब नए भाईसाहब की खांटी राजनेता हैं। उन्होंने तुरंत नेताजी से कह दिया कि हमारा एक प्रॉपर चैनल है। आप नगर अध्यक्ष से कहें। वहां से कार्यक्रम तय होगा तो देखेंगे। इसके बाद भाईसाहब ने बाकायदा मंच से यह संदेश दिया कि उनके नाम पर कोई राजनीति रोटियां सेकें तो सावधान रहना। राजनीति में उनके परिवार से उनके अलावा और कोई नहीं है। अब इंदौर वाले नेताजी की जमकर किरकिरी हो रही है।
हरीश दिवेकर | मोहन यादव | उमा भारती | शिवराज सिंह चौहान
बोल हरि बोल: मंत्रीजी की घंटी बजा गया बंटी, मैडम का मिजाज महारानी जैसा और लक्ष्मण के शब्दबाण