बोल हरि बोल: खाकी वाले साहब प्लेबॉय बने, पंडितजी की भद्द पिटी और कप्तान साहब के पास पहुंचा भाई साहब का फोन!

मध्य प्रदेश में इन दिनों कुछ दिलचस्प घटनाएं हो रही हैं। एक खाकी वाले साहब प्लेबॉय बन चुके हैं, टीआई की कार्रवाई के बाद सम्मानजनक वापसी हुई और एक सीनियर आईएएस को दिल्ली में ठिकाना मिला। जानिए इन घटनाओं की पूरी कहानी आज के बोल हरि बोल में...

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Harish Divekar
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अजब मध्यप्रदेश में फिर गजब किस्से सामने आए हैं। खाकी वाले एक साहब इन दिनों प्लेबॉय के रूप में फेमस हो रहे हैं। उधर, टीआई को थाने से हटाने के मामले में संघ के एक नेता ने कप्तान साहब को जमकर फटकार लगाई है। 

दूसरी तरफ सूबे के एक साहब को दिल्ली में अपना नया ठिकाना मिल गया है। ये साहब अरसे से हाशिए पर चल रहे थे। पंडितजी के किस्से भी कम रोचक नहीं हैं।

आप तो सीधे नीचे उतर आइए और वरिष्ठ पत्रकार हरीश दिवेकर (Harish Diwekar) के लोकप्रिय कॉलम बोल हरि बोल के रोचक किस्सों का आनंद लीजिए।

किरकिरी हुई तो एक्शन मोड में आए साहब!

सीएम की समाधान योजना में एक मामला ऐसा उलझा कि मैदान से लेकर दफ्तर तक सबकी बोलती बंद हो गई। जब फाइल सीएम के सामने पहुंची तो पीएस साहब भी जवाब देने की स्थिति में नहीं थे। बस फिर क्या, साहब की जमकर किरकिरी हुई। कहते हैं, उस दिन के बाद से साहब ने मानो कसम खा ली कि दोबारा ऐसी फजीहत नहीं झेलेंगे।

उन्होंने नया फॉर्मूला भी झट से निकाल लिया है। अब हर 15 दिन में सीएम हेल्पलाइन से अपने विभाग के पुराने-नये प्रकरण छांट-छांट कर खुद समीक्षा करते हैं। इतना ही नहीं, कई बार हितग्राहियों को फोन लगाकर सीधे स्थिति जान लेते हैं। विभाग का मैदानी अमला तो हैरान है कि जिन साहब से मुलाकात मुश्किल थी, वे अब खुद मॉनिटरिंग मोड में हैं।

खाकी वाले साहब के चर्चे आपने सुने क्या?

राज्य पुलिस सेवा के एक अफसर इन दिनों असली काम से ज्यादा इश्क के चर्चों में फंसे हैं। कुछ वक्त पहले एक महिला ने उनके साथ जुड़े किस्से सोशल मीडिया पर उछाल दिए थे। इसके बाद तो बाजार में नामों की झड़ी लग गई। पुलिस मुख्यालय से लेकर कप्तानों की बैठकों तक यह टॉपिक काफी ट्रेंड कर रहा है। सूत्र बताते हैं कि खाकी वाले ये साहब अब बचाव पोजीशन में हैं। वे वरिष्ठ अधिकारियों से इस मामले की काट भी पूछ रहे हैं।

टीआई साहब की सम्मानजनक वापसी!

राजधानी से लगे देहात थाना क्षेत्र में अवैध स्लॉटर हाउस पर कार्रवाई का मामला गर्माया तो राजनीति और संगठन दोनों एक साथ मैदान में उतर आए। दरअसल, मामला ऐसा है कि टीआई साहब ने अवैध स्लॉटर हाउस पर कार्रवाई की थी। इस मामले में पहले एक विधायक जी ने स्लॉटर हाउस संचालक और कप्तान साहब की गुपचुप मीटिंग करा दी।

मीटिंग खत्म हुई और उसके कुछ घंटों में टीआई साहब को लाइन अटैच करने का फरमान भी आ गया। पुलिस महकमा फुसफुसाने लगा कि अब कार्रवाई पर ब्रेक लग गया, लेकिन कहानी में ट्विस्ट संघ के एक पदाधिकारी की फटकार के बाद आया। उन्होंने फोन घुमाया और कप्तान साहब की क्लास लगा दी। बस फिर क्या टीआई को थाने से हटाने का आदेश तत्काल निरस्त कर दिया गया। टीआई की थाने में सम्मानजनक वापसी हो गई।

साहब को दिल्ली में मिल गया ठिकाना 

सूबे के एक सीनियर आईएएस को पूर्व सरकार ने अपने खेमे में आखिरकार शामिल करा ही लिया है। एक वक्त था, जब इन साहब का सिक्का चलता था, लेकिन नई सरकार में ये साहब हाशिए पर चले गए थे। लंबे समय तक साइडलाइन रहने के बाद अब उन्हें दिल्ली में ठिकाना मिल गया है।

उन्हें दिल्ली के एक अहम महकमे में बतौर निदेशक नियुक्ति मिली है। आपको बता दें कि ये साहब प्रदेश के बड़े नेता के रिश्तेदार भी हैं। साथ ही पहले वाले सरकार के खासमखास अफसरों की लिस्ट में शुमार हैं। यही वजह है कि प्रदेश से अब ये दिल्ली पहुंच गए हैं।  

कांग्रेस में अध्यक्ष बनाम प्रभारी!

 

विपक्ष में गतिरोध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। अब प्रदेश अध्यक्ष जी ने जिलों में बीजेपी की तरह संगठन मंत्री बना दिए। फिर प्रदेश प्रभारी जी ने इनकी नियुक्ति रद्द कर दी। इन नेताजी का तर्क है कि कांग्रेस के बायलॉज में संगठन मंत्री का कोई पद ही नहीं है तो नियुक्ति कैसे कर दी गई।

कांग्रेस में जनरल सेक्रेटरी ऑर्गनाइजेशन (जीओएस) का पद है, जिस पर प्रदेश और जिले में नियुक्ति की जाएं। इस पूरी सियासी नौटंकी में प्रदेश अध्यक्ष जी की भारी किरकिरी हुई है। बताया जाता है कि अध्यक्ष जी प्रभारी साहब से इसे लेकर खफा भी हो गए हैं। 

दो पंडित जी...दोनों हैं जुदा जुदा!

पंडित जी का पद क्या गया, लगता है कि वो कोपभवन में चले गए हैं। प्रदेश में आईएएस संतोष वर्मा के बयान पर बवाल मचा हुआ है। जनता पूछ रही है कि नेताजी जब पद पर थे, तब खूब बयानबाजी करते थे, लेकिन अब क्या उन्हें समाज की याद की नहीं आ रही है? लोग लगातार सोशल मीडिया पर उन्हें घेर रहे हैं। इधर, एक पंडित जी ने इसी मामले में धार्मिक मंच से ऐसा बयान दिया है, जिसकी चारों तरफ आलोचना हो रही है। इन्होंने आव देखा न ताव...मंच पर माइक थामते ही विवादित टिप्पणी कर दी। इसे लेकर समाज में भारी आक्रोश है। आपको बता दें कि चुनाव हारने के बाद ये नेताजी भी लंबे अरसे से हाशिए पर हैं।

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