BHOPAL. खुद को शासकीय अधिकारी बता कर गांव में बन रहे मकानों में ठीक तरीके से निर्माण नहीं करने के साथ, समय पर मकान पूरा नहीं करने और फाइन लगाने की धमकी देकर आवास निर्माण के हितग्राहियों से ठगी करने वाले एक गिरोह का पुलिस ने पर्दाफाश किया है। बता दें कि इस मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार भी किया है।
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सूचना के बाद पुलिस आई अलर्ट मोड में
ये तीनों आरोपी झारखंड के साथ छत्तसीगढ़ और दूसरे राज्यों में घूम-घूम कर ठगी कर फरार हो जाते थे। कुछ दिन पहले ही बतौली में इसी तरह की ठगी ग्रामीणों से की थी, जिसके बाद से पुलिस अलर्ट मोड पर थी। मामले का खुलासा करते हुए पुलिस ने बताया कि मुखबिर से सूचना मिली कि शहर के गंगापुर में तीन संदिग्ध बिना नंबर की मोटरसाइकिल में घूम कर निर्माणाधीन मकान तलाश रहे हैं। सूचना पर साइबर सेल, स्पेशल टीम तत्काल गंगापुर जाकर घेराबंदी कर 2 अपाचे मोटरसाइकिल में घूम रहे तीनों संदेहियों को रोककर पूछताछ की। उनका कहना है कि योजनाबद्ध तरीके से ग्रामीण क्षेत्रों में निर्मार्णाधीन मकान में जाकर आवास योजना अंतर्गत स्वयं को पर्यवेक्षण अधिकारी बताकर मकान निर्माण कार्य में अनियमितता व देरी से निर्माण का हवाला देते हुए उनसे 20-30 हजार रुपए की ठगी कर लेते थे।
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सरगुजा में भी ठगी करने के इरादा
आरोपियों ने बताया कि उन्होंने जिले के बतौली में भी इसी प्रकार की ठगी करना स्वीकार किया। पुलिस ने बताया कि पिछले एक सालों में तीनों आरोपियों ने झारखंड के धनबाद, रांची, गुमला, बोकारो, जशपुर, पत्थलगांव सहित सरगुजा के बतौली में घूम-घूमकर करीब 150 ग्रामीणों से ठगी कर चुके हैं। आरोपियों ने बताया कि सरगुजा में भी ठगी करने के फिराक में वे इधर उधर घूम रहे थे। ठगी करने वाले रोहित तिवारी, कृष्णा कुमार पांडेय व गौतम पांडेय को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। साथ ही आरोपियों के कब्जे से 24000 रुपए 2 नग अपाचे मोटरसाइकिल, 3 मोबाइल, 1 टैबलेट कम्प्यूटर, 2 एटीएम कार्ड भी बरामद किए हैं।
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आरोपियों खिलाफ पहले से हैं मामला दर्ज
आरोपियों के बतौली में ठगी करने की बात स्वीकारने पर जब पुलिस ने जांच-पड़ताल किया तो उन्होंने टैबलेट कंप्यूटर में उसकी फोटो भी दिखाई, साथ ही उनके पास से ठगे गए 24000 रुपए नगद राशि व उनके बैंक खातों में करीब 60,000 धोखाधड़ी की राशि जमा होने की बात आरोपियों ने स्वीकार की। तीनों आरोपियों के खिलाफ रघुनाथपुर चौकी और बतौली थाना में धारा 420, 34 के तहत पहले से ही अपराध दर्ज है।
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