इस राज्य के 211 स्कूल होंगे 'पीएमश्री', पढ़ाई के साथ सीखेंगे काम-धंधा

केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत देशभर के 14,500 सरकारी स्कूलों को पीएमश्री योजना में अपग्रेड किया जा रहा है। इस योजना के तहत विद्यार्थियों को आइसीटी, डिजिटल क्लास रूम के माध्यम से प्रदान की जाएगी।

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Marut raj
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रायपुर. छत्तीसगढ़ में 211 स्कूल प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया पीएमश्री योजना में शामिल हो रहे हैं। योजना का शुभारंभ 19 फरवरी को होने जा रहा है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान के मुख्य आतिथ्य और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में पीएमश्री योजना का शुभारंभ शाम 5.30 बजे होगा।

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राजधानी रायपुर के साइंस कालेज मैदान स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय आडिटोरियम में कार्यक्रम का अयोजन किया गया है। कार्यक्रम के अति विशिष्ट अतिथि स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल होंगे। ज्ञात हो कि केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत देश भर के 14,500 सरकारी स्कूलों को पीएमश्री योजना में अपग्रेड किया जा रहा है। इस योजना के तहत छत्तीसगढ़ के 211 स्कूलों का चयन प्रथम चरण में किया गया है। इसमें एलीमेंट्री स्तर पर पहली से पांचवीं तक 193 और सेकंडरी स्तर पर 18 स्कूल शामिल हैं। विद्यार्थियों को इन स्कूलों में आइसीटी, डिजिटल क्लास रूम के माध्यम से प्रदान की जाएगी। इन स्कूलों के विद्यार्थियों को व्यावसायिक शिक्षा और स्थानीय उद्योगों के साथ इंटर्नशिप, उद्यमिता के अवसरों से जोड़ा जाएगा।

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राज्य के स्कूलों का ये है हाल

स्कूल से गायब थीं प्रधान पाठिका और 6 शिक्षक, सभी को किया सस्पें

एक ओर सरकार शिक्षा व्यवस्था सुधारने पर जोर दे रही है, वहीं दूसरी और कुछ शिक्षक ही व्यवस्था बिगाड़ने के काम में लगे हुए हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया संभाग आयुक्त के निरीक्षण के दौरान। कमिश्नर जब स्कूल में निरीक्षण के लिए पहुंचे तो प्रधान पाठिका और 6 शिक्षक ड्यूटी से गायब थे। कमिश्नर ने इन सभी को सस्पेंड कर दिया है। कहां का है, ये मामला आइए आपको बताते हैं विस्तार से।

कमिश्नर ने मारा था छापा

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार संभाग आयुक्त सत्यनारायण राठौर ने के पास दुर्ग निवासी महावीर जैन ने एक शिकायत की थी। इस शिकायत में बताया गया था कि महात्मा गांधी शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय में वहां की प्रधान पाठिका और शिक्षकों की ओर से कार्य में लापरवाही बरती जा रही है। वहां स्कूल में दर्ज छात्रों की संख्या के अनुपात में काफी अधिक शिक्षक हैं। इसका फायदा उठाकर प्रधान पाठिका शायना परवीन खान और कई शिक्षक बहुत-बहुत दिनों तक स्कूल नहीं आते हैं। जैन ने इसके साथ ही शिक्षा विभाग के अफसरों पर  20-20 हजार रुपये लेकर प्रधान पाठिका और शिक्षकों पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप भी लगाया था। इसके बाद कमिश्नर और डिप्टी कमिश्नर दुर्ग संभाग, संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग दुर्ग को मिलाकर एक ज्वाइंट टीम गठित की गई। दोनों अधिकारियों की टीम ने महात्मा गांधी शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय का औचक निरीक्षण किया।

यह मिला निरीक्षण में 

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जांच टीम ने निरीक्षण के दौरान पाया कि स्कूल में पदस्थ 11 शिक्षकों में से 6 अनुपस्थित थे। शिक्षकों के गायब रहने की वजह से स्कूल में छात्र भी पढ़ने नहीं आ रहे हैं। स्कूल में विद्यार्थियों की दर्ज संख्या 94 है, लेकिन वहां मात्र 62 विद्यार्थी ही उपस्थित पाए गए। 32 विद्यार्थी स्कूल नहीं आए थे। निरीक्षण के दौरान नदारद मिली प्रधान पाठिका और 6 शिक्षकों को संभागीय कमिश्नर ने किया सस्पेंड कर दिया।

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