भारत के 17वें उपराष्ट्रपति के लिए चुनाव आज, कौन मारेगा बाजी? समझें पूरा समीकरण

भारत के 17वें उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए आज मतदान होगा। एनडीए के उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन और इंडिया ब्लॉक के जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी के बीच मुकाबला है।

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Dablu Kumar
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भारत के 17वें उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए आज (9 सितंबर) संसद भवन में वोटिंग होगी। इस चुनाव में एनडीए की ओर से उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन और इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवार जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी के बीच मुकाबला है। यह चुनाव 16वें उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के 21 जुलाई को अचानक अपने स्वास्थ्य कारणों के चलते इस्तीफा देने के बाद हो रहा है। बीते कुछ दिनों से उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 के लिए चर्चा तेज थी। 

आज उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक संसद भवन के कमरे एफ-101, वसुधा में होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुबह 10 बजे अपने वोट का इस्तेमाल करेंगे।

एनडीए सांसद ने ब्रेकफास्ट मीटिंग में हिस्सा लिया

वोटिंग शुरू होने से पहले सभी एनडीए सांसद सुबह 9:30 बजे एक ब्रेकफास्ट मीटिंग में हिस्सा लिया। केंद्र सरकार के मंत्री अपने-अपने राज्यों के सांसदों के साथ यह मीटिंग की। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के सांसदों के साथ मीटिंग की।

वहीं, केंद्रीय विधि मंत्री अर्जुन राम मेघवाल राजस्थान के सांसदों के साथ और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय बिहार और झारखंड के सांसदों के साथ मीटिंग की।

उपराष्ट्रपति चुनाव की मतगणना शाम 6 बजे से शुरू होगी और परिणाम मंगलवार देर रात या बुधवार सुबह तक घोषित होने की संभावना है।

लोकसभा और राज्यसभा में इस वक्त कुल इतने सांसद

उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान के लिए लोकसभा (543 सदस्य) और राज्यसभा (233 निर्वाचित, 12 मनोनीत सदस्य) के सभी सांसदों को शामिल किया जाता है। वर्तमान में 5 राज्यसभा और 1 लोकसभा सीट खाली होने के कारण 781 सांसद मतदान के लिए अधिकृत हैं।

भारत राष्ट्र समिति (BRS, 4 राज्यसभा सांसद), बीजू जनता दल (BJD, 7 राज्यसभा सांसद) और शिरोमणि अकाली दल (SAD, 1 लोकसभा और 2 राज्यसभा सांसद) ने अपने सांसदों को मतदान से दूर रहने का निर्देश दिया है, जिससे मतदाता संख्या घटकर 767 हो सकती है।

एनडीए के पक्ष में इतने सांसद

उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए को जीत तय मानी जा रही है। इस वक्त राज्यसभा में 239 और लोकसभा में 542 सांसद हैं, यानी जीत के लिए 391 वोट चाहिए। एनडीए के पास 425 सांसद हैं और उसे कुछ और दलों के वोट भी मिल सकते हैं। इस स्थिति में, सी. पी. राधाकृष्णन का अगला उपराष्ट्रपति बनना लगभग तय माना जा रहा है।

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इंडिया ब्लॉक के पास इतने सांसद

विपक्ष के इंडिया ब्लॉक के पास इस चुनाव में 324 वोट हैं, जिससे यह अनुमान है कि जीत का अंतर 100 से 125 वोट के बीच रहेगा। पिछले चुनाव 2022 में, जगदीप धनखड़ ने विपक्ष की मार्गरेट अल्वा को 346 वोटों से हराया था। लेकिन इस बार जीत का अंतर इतना बड़ा नहीं होगा क्योंकि विपक्ष पहले की तुलना में मजबूत स्थिति में है।

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मतदान प्रक्रिया को समझें

उपराष्ट्रपति चुनाव की मतदान प्रक्रिया के तहत राज्यसभा महासचिव पी.सी. मोदी को रिटर्निंग ऑफिसर नियुक्त किया गया है। मतदान एकल संक्रमणीय आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली (सिंगल ट्रांसफरेबल वोट) के माध्यम से गुप्त रूप से होगा। सफेद मतपत्रों पर सांसदों को विशिष्ट स्याही वाले पेन से उम्मीदवारों के नाम के आगे प्राथमिकता (1, 2, 3...) अंकित करनी होगी। 

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कैसे होगी वोटों की गिनती?

उपराष्ट्रपति चुनाव में वैध मतों की पहली प्राथमिकता गिनी जाएगी। यदि किसी उम्मीदवार को 50% से अधिक वोट मिलते हैं, तो वही उम्मीदवार विजयी होगा। अगर दोनों में से कोई भी उम्मीदवार बहुमत नहीं प्राप्त कर पाता, तो सबसे कम वोट पाने वाले उम्मीदवार को हटाकर वोट अगली प्राथमिकता के आधार पर ट्रांसफर किए जाएंगे।

यह प्रक्रिया तब तक जारी रहेगी जब तक बहुमत का फैसला नहीं हो जाता। अवैध मतपत्र जैसे कि उम्मीदवार के नाम के आगे अंकित प्राथमिकता अस्पष्ट होना, गलत चिह्न वाले मतपत्र या बिना दस्तखत वाले मतपत्र खारिज कर दिए जाएंगे। यदि किसी उम्मीदवार को वैध वोटों का छठा हिस्सा (लगभग 128 वोट) भी नहीं मिलता, तो 15,000 रुपये की जमानत जब्त कर ली जाएगी।

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क्रॉस वोटिंग की संभावना

इस चुनाव में क्रॉस वोटिंग की भी संभावना है, क्योंकि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव में पार्टी चिह्न नहीं होते, जिससे व्हिप लागू नहीं होता है। दल-बदल कानून भी प्रभावी नहीं है, जिससे सांसद स्वतंत्र रूप से वोट दे सकते हैं। इस कारण क्रॉस वोटिंग की संभावना बनी रहती है। यह चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि नया उपराष्ट्रपति राज्यसभा का सभापति भी बनेगा।

भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन और कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया ब्लॉक ने इस चुनाव को लेकर अपनी रणनीतियां मजबूत कर ली हैं। इंडिया गठबंधन और एनडीए गठबंधन के बीच बीच यह मुकाबला काफी दिलचस्प माना जा रहा है। 

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