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भारत की राजनीति में पैसा बड़ी भूमिका निभाता है। खासकर चुनावी चंदा इसका अहम हिस्सा है। कांग्रेस की लगातार हार और भाजपा का बढ़ता प्रभाव, चुनावी चंदे के बंटवारे को प्रभावित करता है।
इसी चंदे को लेकर हाल ही में एक चौकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है। इसमें बताया गया कि टाटा समूह के प्रोग्रेसिव इलेक्टोरल ट्रस्ट (PET) से 915 करोड़ रुपए का राजनीतिक चंदा दिया है। इसमें से सबसे बड़ा हिस्सा 83% भाजपा को मिला है। वहीं, कांग्रेस को केवल 8.4% हिस्सा मिला है।
भाजपा के मिला इतना चंदा
बीजेपी ने लंबे वक्त से सत्ता में रहने के कारण राजनीतिक चंदा जुटाने में खास सफलता पाई है। रिपोर्ट के अनुसार, साल 2024-25 में प्रोग्रेसिव इलेक्टोरल ट्रस्ट (PET) से भाजपा को 757.6 करोड़ रुपए का चंदा मिला है।
इसके अलावा, भाजपा को न्यू डेमोक्रेटिक ट्रस्ट से 150 करोड़, ट्रायम्फ ट्रस्ट से 21 करोड़ मिले हैं। वहीं, जन कल्याण ट्रस्ट से 9.5 लाख और हार्मनी ट्रस्ट से 30.1 करोड़ रुपए मिले हैं। इससे साफ होता है कि सत्ता में रहने वाली पार्टी को चंदे का बड़ा हिस्सा मिलता है।
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चुनावी बॉन्ड्स पर रोक बेअसर
बॉन्ड्स पर सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद, भाजपा को मिलने वाले चंदे पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है। यह साबित करता है कि सत्ता में रहने वाली पार्टी के पास राजनीतिक चंदे का बड़ा हिस्सा होता है, चाहे कानूनी बदलाव आएं या न आएं।
कांग्रेस और भाजपा के चंदे में अंतर: | ||
|---|---|---|
| पार्टी | चंदा (2024-25) | प्रतिशत (%) |
| भाजपा | 757.6 करोड़ | 83% |
| कांग्रेस | 77.3 करोड़ | 8.4% |
कांग्रेस की क्या है स्थिति
रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस को साल 2024-25 में PET से कुल 77.3 करोड़ रुपए का चंदा मिला है। न्यू डेमोक्रेटिक ट्रस्ट से उसे सिर्फ 5 करोड़ मिले हैं। इसके अलावा, दूसरे ट्रस्टों से भी उसे कुछ ही करोड़ रुपए का दान मिला है। वहीं, साल 2023-24 में कांग्रेस को इलेक्टोरल बॉन्ड से 828 करोड़ रुपए का चंदा मिला था, जो अब घटकर काफी कम हो गया है।
किन कंपनियों ने दिया चंदा?
टाटा समूह की कंपनियों ने प्रोग्रेसिव इलेक्टोरल ट्रस्ट के माध्यम से राजनीतिक चंदे का बड़ा हिस्सा दिया है। इन कंपनियों ने भी दिया इतना चंदा-
टाटा संस - 308 करोड़ रुपए
TCS - 217.6 करोड़ रुपए
टाटा स्टील - 173 करोड़ रुपए
टाटा मोटर्स - 49.4 करोड़ रुपए
टाटा पावर - 39.5 करोड़ रुपए
टाटा कम्यूनिकेशन - 14.8 करोड़ रुपए
इसके अलावा, टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, टाटा एलेक्सी और टाटा ऑटोकॉम्प सिस्टम ने भी योगदान दिया है। प्रत्येक ने 19.7 करोड़ रुपए का दान किया है।
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