देश में 27 करोड़ लोग अति गरीबी के दलदल से बाहर निकलने में सफल हुए है। विश्व बैंक द्वारा जारी की गई ताजा रिपोर्ट में इस बात का दावा किया गया है। विश्व बैंक के अनुसार भारत में अब 27 करोड़ लोगों का प्रतिदिन का खर्च करीब 3 डॉलर या उससे अधिक का हो गया है।
2011-12 में 344.47 मिलियन लोग थे अत्यधिक गरीब
वर्ल्ड बैंक के ताजा आंकड़ों में देश के भीतर 2011-12 में अत्यधिक गरीबी दर 27.1 प्रतिशत था। जो बीते 11 सालों में घटकर 5.3 प्रतिशत आ गई हैं। इस दौरान 344.47 मिलियन लोग अत्यधिक गरीब थे, जो अब घटकर 75.24 मिलियन रह गए हैं। विश्व बैंक के अनुसार इन 11 सालों में 27 करोड़ लोग अत्यधिक गरीब की श्रेणी से बाहर आए हैं। जो एक बडा आंकडा हैं।
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प्रतिदिन की खपत से लगाया अनुमान
विश्व बैंक द्वारा कीमतों पर आधारित गरीबी रेखा तय करने मानक 2.15 डॉलर प्रतिदिन खर्च को आधार बनाया। विश्व बैंक के अनुसार देश में 2.15 डॉलर या 170 रूपए प्रतिदिन पर गुजर बसर करने वाले 2011-12 में 16.2 प्रतिशत लोग देश में थे, जो अब घटकर 2.3 प्रतिशत तक आ गई। इसके चलते 27 करोड़ लोगों की आय में व्रदधि दर्ज की गई।
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भाजपा सरकार की योजनाओं का असर
विश्व बैंक ने देश में तेजी से कम होती गरीबी का श्रेय बीते 11 सालों से चलाई जा रही योजनाऔ को दिया। विकसित भारत के लक्ष्य लेकर देश में कई योजनाए इस समय चल रही है। इन योजनाऔ में पीएम आवास योजना, पीएम उज्ज्वला योजना, जन धन योजना और आयुष्मान भारत, मनरेगा जैसी योजनाऔ ने लोगों का जीवन स्तर सुधारने में भूमिका निभाई। भाजपा सरकार अपने 11 वें साल में इसे बडी उपलिब्ध के तौर पर देख रही है।
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