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गुजरात अहमदाबाद में जो हुआ, उसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। Air India का अत्याधुनिक बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान जब लंदन के लिए टेकऑफ कर रहा था, तभी एयरपोर्ट की बाउंड्री के पास अचानक जोरदार धमाका हुआ और विमान दीवार से टकरा गया।
इस भीषण दुर्घटना में विमान बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। मौके पर अफरा-तफरी मच गई। हादसे की भयावहता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि विमान में सवार 242 यात्रियों की जान खतरे में पड़ गई। यह घटना सिर्फ विमान हादसा नहीं है, बल्कि ऐसा सबक है जो भारत समेत पूरी दुनिया को एविएशन सुरक्षा के प्रति दोबारा सचेत करता है।
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क्या टेकऑफ बन रहा हादसे की वजह
एविएशन सेफ्टी रिपोर्ट्स के आंकड़े बता रहे हैं कि विमान हादसों में सबसे ज्यादा घटनाएं टेकऑफ और लैंडिंग के दौरान होती हैं। 2023 में दुनियाभर में 109 विमान हादसे हुए, जिनमें से 37 टेकऑफ के दौरान और 30 लैंडिंग के वक्त हुए। इन हादसों में 120 से ज्यादा लोगों की जान गई।
आंकड़ों की मानें तो वर्ष 2017 से 2023 तक के सात सालों में कुल 813 प्लेन क्रैश हुए हैं। इन हादसों में 1 हजार 473 से ज्यादा यात्रियों की मौत हो चुकी है। भारत में भी इस अवधि में 14 विमान हादसे हुए। अब अहमदाबाद की यह ताजा घटना देश की एविएशन प्रणाली को कठघरे में खड़ा कर रही है।
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फ्लाइट्स को सबसे सेफ मानने वाली दुनिया को झटका
दुनियाभर में धारणा है कि हवाई सफर सबसे सुरक्षित होता है। IATA (इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन) की रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में करीब 3.7 करोड़ विमानों ने दुनियाभर में उड़ान भरी और इन लाखों उड़ानों में केवल कुछ ही गंभीर हादसे हुए। IATA का दावा है कि औसतन 12.6 लाख उड़ानों में एक हादसा होता है।
फ्लोरिडा की एम्ब्री-रिडल एयरोनॉटिकल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एंथनी ब्रिकहाउस का मानना है कि जमीन पर ड्राइविंग की तुलना में हवाई यात्रा 38 हजार फीट की ऊंचाई पर कहीं ज्यादा सुरक्षित है। मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) के प्रोफेसर अर्नॉल्ड बार्नेट की रिपोर्ट भी कहती है कि 1.34 करोड़ यात्रियों में से सिर्फ 1 को ही जान का खतरा होता है।
जब कोई बड़ा हादसा होता है, जैसे नेपाल में 2023 में हुआ विमान क्रैश...जिसमें 72 लोगों की जान गई, तब यह आंकड़े भी भरोसा नहीं दे पाते। अहमदाबाद का हादसा भी वैसा ही झटका है, जो इस तथाकथित सुरक्षा की परिभाषा पर सवाल उठाता है।
इतिहास के पहले हादसे से आज तक
दुनिया का पहला विमान हादसा 15 जून 1785 को फ्रांस में हुआ था, जब जीन फ्रैंकोआ पिलैत्रे डी रॉजियरे की एयर बैलून दुर्घटना में मौत हो गई थी। पावर्ड एयरक्राफ्ट का पहला क्रैश 17 सितंबर 1908 को अमेरिका के वर्जिनिया में हुआ था, जिसमें एक यात्री की जान गई और पायलट घायल हो गया था।
आज, 21वीं सदी में तमाम टेक्नोलॉजिकल के बावजूद हादसे रुक नहीं रहे। कारण कुछ भी हो, तकनीकी खराबी, मौसम या पायलट की गलती...नतीजा हमेशा त्रासदी के रूप में ही सामने आया है।
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आखिर क्यों हो रहे हैं इतने हादसे?
विशेषज्ञों का मानना है कि टेकऑफ और लैंडिंग के समय विमान सबसे असुरक्षित स्थिति में होता है। अहमदाबाद हादसे की स्थिति भी यही संकेत देती है। टेकऑफ के ठीक वक्त विस्फोट और टकराव हुआ।
सवाल यह भी उठता है कि इतने आधुनिक विमान बोइंग 787 ड्रीमलाइनर, जो विश्वस्तर पर विश्वसनीय माना जाता है, उसकी प्रणाली में चूक कैसे हुई? क्या यह मानव चूक थी, तकनीकी खामी या सुरक्षा मानकों की लापरवाही?
अहमदाबाद हादसे की जांच शुरू हो चुकी है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय, एयर इंडिया और डीजीसीए (DGCA) इस घटना को सर्वोच्च प्राथमिकता पर लेकर सभी पहलुओं की जांच कर रहे हैं।
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