Ahmedabad Plane Crash : पायलट ने दी ‘MAYDAY’ कॉल, जानें क्या होती है ‘पैन-पैन’ कॉल

12 जून को अहमदाबाद में एयर इंडिया का विमान क्रैश हो गया था। इससे पहले पायलट ने ‘MAYDAY’ कॉल दी थी। जानते हैं 'MAYDAY' और 'पैन-पैन' कॉल क्या होते हैं, पायलट इन्हें क्यों बोलते हैं और आपातकालीन स्थिति में ये कॉल किस प्रकार मददगार होती हैं।

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Jitendra Shrivastava
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Photograph: (THESOOTR)

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Ahmedabad Plane Crash :12 जून को अहमदाबाद से लंदन के गैटविक एयरपोर्ट के लिए एयर इंडिया का विमान एआई-171 क्रैश हो गया। विमान में 242 लोग सवार थे, जिनमें पायलट और क्रू मेंबर्स शामिल थे। घटना से पहले पायलट ने एयर ट्रैफिक कंट्रोल को ‘MAYDAY’ कॉल दी थी। यह शब्द अब चर्चा में है। आइए जानते हैं कि ‘MAYDAY’ का क्या मतलब है और पायलट इसे इमरजेंसी में क्यों बोलते हैं।

MAYDAY का मतलब और इसका महत्व

‘MAYDAY’ कॉल एक खास आपातकालीन संदेश है, जिसे पायलट तब बोलते हैं जब विमान को कोई गंभीर खतरा होता है। यह शब्द फ्रेंच के ‘m’aider’ से आया है, जिसका अर्थ है ‘मेरी मदद करें’। पायलट जब विमान में कोई गंभीर समस्या जैसे इंजन की खराबी, आग लगना, हाईजैक या टकराव का खतरा महसूस करते हैं, तो वे रेडियो पर 'MAYDAY, MAYDAY, MAYDAY' तीन बार बोलते हैं। ऐसा किया जाता है ताकि संदेश स्पष्ट रूप से सुना जा सके और कोई इसे मजाक न समझे।

जब पायलट ‘MAYDAY’ कॉल करते हैं, तो एयर ट्रैफिक कंट्रोल और बचाव टीमें तुरंत सक्रिय हो जाती हैं। अहमदाबाद हादसे में भी पायलट कैप्टन सुमीत सभरवाल ने इसी कॉल का इस्तेमाल किया, जिससे इमरजेंसी सेवाएं तुरंत मौके पर पहुंच सकीं।

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टेक्निकल प्रोसेस: MAYDAY कॉल का तरीका

‘MAYDAY’ कॉल रेडियो पर दी जाती है, जो उच्च-फ्रीक्वेंसी चैनल (VHF या HF) पर काम करता है। पायलट इस कॉल में विमान का नाम, उसकी वर्तमान स्थिति, समस्या और मदद की जानकारी देते हैं। जब यह कॉल की जाती है, तो यह संदेश उस क्षेत्र के एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) और अन्य बचाव एजेंसियों तक पहुंचता है, जो तुरंत कार्रवाई करने के लिए तैयार हो जाती हैं।

अन्य आपातकालीन सिग्नल: एसओएस और पैन-पैन कॉल

SOS कॉल

‘SOS’ एक अन्य आपातकालीन संदेश है, जो पहले समुद्री जहाजों द्वारा भेजा जाता था। यह मोर्स कोड में ‘…—…’ के रूप में भेजा जाता था। एसओएस का कोई पूरा नाम नहीं है, लेकिन यह संदेश अब विमानों और समुद्री जहाजों में व्यापक रूप से इस्तेमाल होता है।

‘SOS’ का उपयोग तब किया जाता है जब पायलट या जहाज को गंभीर खतरा महसूस हो, लेकिन वे रेडियो या अन्य संचार उपकरणों के जरिए मदद मांग रहे होते हैं। एसओएस को अब डिजिटल तरीके से भी भेजा जा सकता है, खासकर जब रेडियो का काम न करें।

PAN-PAN कॉल

PAN-PAN कॉल एक कम गंभीर आपात स्थिति के लिए इस्तेमाल होती है। जब विमान में कोई छोटी तकनीकी खराबी, ईंधन की कमी या मेडिकल इमरजेंसी होती है, तब पायलट इसे रेडियो पर तीन बार ‘पैन-पैन, पैन-पैन, पैन-पैन’ बोलकर भेजते हैं। 

‘पैन-पैन’ कॉल कॉल ‘MAYDAY’ से कम गंभीर मानी जाती है, लेकिन फिर भी ATC इसे गंभीरता से लेता है और आवश्यक सहायता भेजता है। पैन-पैन कॉल का उद्देश्य समस्या को जल्दी हल करना है, ताकि बड़ा हादसा न हो।

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MEDAY, SOS और PANN-PANN कॉल का महत्व

मेडे, एसओएस और पैन-पैन कॉल आपातकालीन स्थितियों में जान बचाने का सबसे तेज तरीका होते हैं। इन कॉल्स के जरिए ATC और बचाव टीमें तुरंत सक्रिय होती हैं। अहमदाबाद के विमान हादसे में ‘MAYDAY’ कॉल के बाद बचाव टीमें फौरन घटना स्थल पर पहुंची। हालांकि, हादसा इतना बड़ा था कि तत्काल राहत कार्य करने के बावजूद मदद नहीं मिल सकी। एसओएस और पैन-पैन कॉल भी इसी तरह से मदद के लिए होते हैं, लेकिन इनके प्रभाव की सीमा थोड़ी कम होती है।

अहमदाबाद विमान हादसा | आपातकालीन कॉल

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