स्पेसएक्स (SpaceX) ने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) के लिए निर्धारित AXIOM-4 mission का लॉन्च स्थगित करने की पुष्टि की है। यह मिशन भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला का था, जो भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन हैं। मिशन की स्थगन का कारण 'स्टैटिक फायर' परीक्षण के बाद बूस्टर में लिक्विड ऑक्सीजन लीक का पता चलना था।
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मिशन का स्थगन और लिक्विड ऑक्सीजन लीक
स्पेसएक्स ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर पुष्टि करते हुए बताया कि लॉन्च को टालने का निर्णय लिया गया है ताकि एलओएक्स रिसाव को ठीक किया जा सके। मिशन को बुधवार शाम 5.30 बजे लॉन्च किया जाना था, लेकिन लिक्विड ऑक्सीजन लीक (liquid oxygen leak) की समस्या के कारण इसे स्थगित किया गया। स्पेसएक्स ने कहा कि मरम्मत कार्य के बाद और रेंज की उपलब्धता के आधार पर नई लॉन्च तारीख की घोषणा की जाएगी।
इससे पहले, स्पेसएक्स ने एक बयान में कहा था कि मौसम की स्थिति 85 प्रतिशत अनुकूल थी। हालांकि, चढ़ाई मार्ग (एसेंट कॉरिडोर) में तेज हवाओं की निगरानी की जा रही थी।
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AXIOM-4 mission - भारत का प्रमुख अंतरिक्ष मिशन
AXIOM-4 mission का उद्देश्य भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (International Space Station) भेजना था। इस मिशन में भारत, पोलैंड और हंगरी के अंतरिक्ष यात्री शामिल थे। यह भारत और नासा के बीच सहयोग का परिणाम है।
यह चौथी बार है जब ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्लामिशन को टाला गया है। पहले भी, मौसम की स्थिति और तेज हवाओं के कारण लॉन्च को स्थगित किया गया था। मिशन के दौरान अंतरिक्ष यात्री लगभग 14 दिन ढ्ढस्स् पर रहकर माइक्रोग्रेविटी, जीवन विज्ञान और मटेरियल साइंस से जुड़े वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे। इन प्रयोगों में 30 से अधिक देशों के शोधकर्ताओं का सहयोग रहेगा।
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शुभांशु शुक्ला का अंतरिक्ष मिशन
शुभांशु शुक्ला को 2023 में अमेरिका की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मिशन के लिए चुना था। शुभांशु शुक्ला ने स्पेसएक्स और एक्सिओम स्पेस से विशेष ट्रेनिंग ली है। वे गगनयान कार्यक्रम के चार अंतरिक्ष यात्रियों में से एक हैं। इस मिशन के माध्यम से भारत को एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर प्राप्त होगा। यह मिशन भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक ऐतिहासिक कदम है, जो राकेश शर्मा के 1984 के ऐतिहासिक मिशन की याद दिलाता है।
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AXIOM-4 mission का महत्व
यह मिशन भारत के लिए ना केवल एक तकनीकी सफलता का प्रतीक है, बल्कि यह भारत और अमेरिका के बीच अंतरिक्ष में सहयोग का भी प्रतीक है। जब एएक्सआईओएम -4 मिशन लॉन्च होगा, तब यह भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की दिशा में एक कदम होगा।
Axiom-4 Spaceflight Mission