IAS B Abdul Nassar Story : UPSC की परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है। इसको क्रैक करने के लिए लोग कई साल तक जी तोड़ मेहनत करते हैं। दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित मानी जाने वाली नौकरी आईएएस बनने के लिए एक दो नहीं बल्कि तीन लेवल पार करने होते हैं। इसके बाद ट्रेनिंग पीरियड्स से गुजरना पड़ता है। तब जाकर परीक्षार्थी आईएएस के लिए चुना जाता है। लेकिन हमारे देश में एक ऐसा शख्स है जो आईएएस जैसी प्रतिष्ठित जॉब पर तो है पर UPSC की परीक्षा दिए बिना। आइए जानते हैं बिना UPSC की परीक्षा दिए बिना ही कैसे आईएएस बने बी अब्दुल नासर ...
अब्दुल नासर की कहानी केरल से शुरू होती है। उनका जन्म कन्नूर जिले के थलासेरी इलाके में हुआ था। पांच साल की उम्र में उनके पिता का निधन हो गया था। इसके बाद उनके परिवार पर आर्थिक संकट के बादल छा गए थे। उनकी माँ बच्चों को पालने में असमर्थ थी तो उन्होंने बी अब्दुल नासर को छोटे भाई और बहन के साथ एक आश्रम भेज दिया और स्वयं ने एक घरेलू नौकरानी के तौर पर काम शुरू कर दिया। आश्रम में बच्चों के खाने और रहने की व्यवस्था हो गई थी और नासर की माँ नौकरानी के तौर पर जहां काम कराती थी वहीं रहती थी। देखते ही देखते अब्दुल 10 साल के हो गए।
संघर्षों के बीच पूरी की डिग्री
परिवार की आर्थिक हालत को देखते हुए अब्दुल ने रोजगार तलाशना शुरू किया। काफी मशक्कत के बाद अब्दुल को एक क्लीनर की नौकरी मिली लेकिन एक नौकरी से कुछ नहीं होना था। पढ़ाई करनी थी किताबें और बाकी खर्च के लिए अब्दुल ने एक होटल सप्लायर की नौकरी की। इससे अब्दुल का और अपने भाइयों- बहनों का खर्चा निकल जाता था। अब्दुल ने अपने जीवन के करीब 13 साल उस अनाथ आश्रम में गुजारे। इस दौरान उन्होंने अपनी पढ़ाई भी जारी रखी। पढ़ाई जारी रखने के लिए घर-घर अखबार बांटना, ट्यूशन क्लास देना और फोन ऑपरेटर की जॉब उनके लिए जरूरी हो गई थी। ऐसे संघर्ष से जूझते हुए अब्दुल ने थलासेरी के गवर्नमेंट कॉलेज से ग्रेजुएशन पूरी कर ली।
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PG के बाद केरल स्वास्थ्य विभाग में की नौकरी
साल 1994 में अब्दुल नासर ने पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने एक प्रतियोगी परीक्षा पास कर केरल के स्वास्थ्य विभाग में सरकारी कर्मचारी के तौर पर नौकरी ली। अब्दुल ने अपने बचपन में ही बहुत विषम परिस्थितियां देख ली जिसकी वजह से उनके मन में अपने समाज के साथ असहाय गरीब बच्चों के लिए सहानुभूति थी। अपनी नौकरी के दौरान भी कई मौके ऐसे आए, जब उन्हें समाज सेवा के लिए कोशिश करते देखा गया। उनकी इन कोशिशों और मेहनत को देखते हुए सरकार ने उन्हें 2006 में राज्य सिविल सेवा ( State Civil Service ) के तहत डिप्टी कलेक्टर की भूमिका सौंप दी।
एक के बाद एक चढ़ी सफलता की सीढ़ी
साल 2015 में उन्हें केरल के टॉप डिप्टी कलेक्टर के रूप में मान्यता दी गई। अब्दुल नासर अपनी मेहनत और अपने कामों से लगातार आगे बढ़ रहे थे। टॉप डिप्टी कलेक्टर बनने के दो साल बाद 2017 में सरकार ने उनका प्रमोशन आईएएस अधिकारी ( IAS ) के पद पर कर दिया। पहले उन्हें केरल सरकार में आवास आयुक्त के रूप में नियुक्ति दी गई थी। इसके बाद साल 2019 में अब्दुल नासर कोल्लम के जिला कलेक्टर बन गए। इस तरह अब्दुल नासर ने ज़िन्दगी के कठिन इम्तिहान को पास कर बिना यूपीएससी परीक्षा दिए आईएएस अधिकारी बन गए।
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