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राजस्थान के बाड़मेर जिले के रामसर एसडीएम अनिल जैन और उनके परिवार पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। आरोप है कि उन्होंने भारत-पाक सीमा से सटी प्रतिबंधित जमीनों को बाहरी लोगों को बेचने का खेल खेला। इस संदर्भ में, 10 महीने के रिकॉर्ड के अनुसार, हरसाणी उप पंजीयक के क्षेत्र में 7 सोलर कंपनियों ने 5 हजार 735.4 बीघा जमीन खरीदी, जिसमें से 2 हजार 350.49 बीघा जमीन का रजिस्ट्रेशन एसडीएम और उनके परिवार ने दो सोलर कंपनियों के नाम पर करवाया।
एसडीएम ने अपने राजनीतिक रसूख का इस्तेमाल करते हुए गडरा रोड एसडीएम का अतिरिक्त चार्ज लिया और इस क्षेत्र की जमीनों की खरीद-फरोख्त करवाई। सीलिंग एक्ट 1955 के तहत एक व्यक्ति अधिकतम 437 बीघा जमीन ही खरीद सकता है, लेकिन एसडीएम के परिवार ने 1500 बीघा से अधिक जमीन खरीदने का दावा किया। इसके अलावा, जमीन की रजिस्ट्री की गई, लेकिन स्टांप ड्यूटी में घोटाला करने के लिए नोटरी की गई रजिस्ट्री का इस्तेमाल किया गया।
एसडीएम के परिवार ने जमीन किसानों से ओने-पौने दामों पर खरीदी, और कई मामलों में वाद सुलझाने या कोर्ट के फैसले का हवाला दिया। यह जमीनें बाद में सोलर कंपनियों को ज्यादा कीमत पर बेच दी गईं। इसके अलावा, कुछ जमीनें एसडीएम के परिवार के नाम पर पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिए खरीदी गई और बाद में ऊंची कीमतों पर सोलर कंपनियों को बेच दी गई।
रामसर, गडरा रोड, चौहटन जैसे क्षेत्रों में जमीन खरीदने या बेचने के लिए बाहरी व्यक्तियों को एसडीएम से अनुमति प्राप्त करनी आवश्यक है, जोकि अनिल जैन ने नियमों का उल्लंघन करते हुए बिना अनुमति के जमीनों की बिक्री की। इसके अलावा, रात के समय रजिस्ट्री करवाने पर उप पंजीयक ने आपत्ति जताई, जिसके बाद बाड़मेर कलेक्टर को चिट्ठी लिखकर उनका चार्ज भी हटा दिया गया।
इस मामले में एसडीएम अनिल जैन ने एक मीडिया संस्थान से बात करते हुए कहा कि यह उनका व्यक्तिगत कारोबार है और उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया। उनका कहना था कि उनके परिवार के लोग पिछले 40 वर्षों से यह कार्य कर रहे हैं और किसी भी कानून का उल्लंघन नहीं किया गया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस मामले की जांच बाड़मेर कलेक्टर टीना डाबी का कहना है कि CMO के आदेश पर जांच चल रही है और एसडीएम रामसर के खिलाफ शिकायतें की गई हैं, जो फिलहाल जांच के दायरे में हैं।