बिना ICU-वेंटीलेटर के अस्पताल में डॉक्टरों ने किया ऑपरेशन, 14 किलो का ट्यूमर निकाला

बस्ती जिला अस्पताल में चार डॉक्टरों ने एक गरीब महिला का पेट से 14 किलो का ट्यूमर सफलतापूर्वक निकाला। ऑपरेशन के लिए आईसीयू और वेंटिलेटर की सुविधा नहीं थी, फिर भी ऑपरेशन सफल रहा।

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Jitendra Shrivastava
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उत्तर प्रदेश के बस्ती जिला अस्पताल में डॉक्टरों की एक टीम ने एक महिला के पेट से 14 किलो का ट्यूमर निकालकर चिकित्सा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल की। खास बात यह थी कि इस ऑपरेशन के लिए अस्पताल में आईसीयू और वेंटिलेटर की कोई सुविधा नहीं थी, फिर भी यह ऑपरेशन पूरी तरह से सफल रहा। जानें इस ऑपरेशन के बारे में विस्तार से।

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बस्ती जिला अस्पताल में ऑपरेशन के इतिहास

बस्ती जिले के भवसिंघपुर गांव की रहने वाली किरन कई महीनों से पेट दर्द से परेशान थीं। इस दर्द से वह काफी तंग आ चुकी थीं। जब उनके परिजनों ने लखनऊ और दिल्ली के बड़े प्राइवेट अस्पतालों में जांच कराई, तो पता चला कि उनके पेट में एक बड़ा ट्यूमर है। डॉक्टरों ने ऑपरेशन का सुझाव दिया, लेकिन प्राइवेट अस्पतालों में लाखों रुपये का खर्च होने की वजह से परिवार इस ऑपरेशन को कराने में सक्षम नहीं था। 

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बस्ती जिला अस्पताल के डॉक्टरों की पहल

इस स्थिति में बस्ती जिला अस्पताल के डॉक्टर अनिल कुमार ने ऑपरेशन का निर्णय लिया। डॉक्टर अनिल के नेतृत्व में तीन सर्जन, डॉक्टर राजेश पटेल, डॉक्टर अरशद अहमद, और डॉक्टर अनिल सिंह, और एक एनस्थीसिया विशेषज्ञ डॉक्टर असलम ने मिलकर ऑपरेशन किया। सबसे बड़ी चुनौती यह थी कि जिला अस्पताल में आईसीयू और वेंटिलेटर की सुविधा उपलब्ध नहीं थी। हालांकि, डॉक्टरों की टीम ने इन चुनौतियों का सामना करते हुए महिला का ऑपरेशन शुरू किया।

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ऑपरेशन की सफलता

ऑपरेशन करीब ढाई घंटे तक चला। इस दौरान महिला को बेहोश रखा गया और बिना किसी वेंटिलेटर के ऑपरेशन किया गया। आखिरकार, महिला के पेट से 14 किलो का ट्यूमर निकाल लिया गया। ऑपरेशन पूरी तरह से सफल रहा और महिला अब पूरी तरह से स्वस्थ हैं। इस ऑपरेशन में केवल 10,000 रुपये का खर्च आया, जबकि प्राइवेट अस्पतालों में लाखों रुपये खर्च होने थे।

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ऑपरेशन के बाद की स्थिति

महिला के परिजनों को यह घटना किसी चमत्कार से कम नहीं लगी। बस्ती जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने यह साबित कर दिया कि अगर टीमवर्क और समर्पण हो, तो किसी भी बड़ी चुनौती को पार किया जा सकता है। इस ऑपरेशन से यह भी साबित हुआ कि सरकारी अस्पतालों में भी उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सेवाएं प्रदान की जा सकती हैं, बशर्ते डॉक्टरों की प्रतिबद्धता हो।

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प्राइवेट अस्पतालों से तुलना

आजकल प्राइवेट अस्पतालों में इलाज काफी महंगा हो गया है। कई लोग अपनी जमीन और घर तक बेच देते हैं, ताकि वे अपने परिवार के सदस्य का इलाज करवा सकें। बस्ती जिला अस्पताल के इस ऑपरेशन ने यह साबित किया कि उच्च गुणवत्ता की चिकित्सा सेवाएं सरकारी अस्पतालों में भी दी जा सकती हैं, और वह भी कम खर्च में।

मरीजों को मिल रही राहत

यह घटना गरीब मरीजों के लिए एक प्रेरणा है। अब बस्ती जिला अस्पताल को लेकर लोगों का विश्वास और बढ़ गया है। डॉक्टरों के द्वारा की गई इस सफलता ने यह साबित कर दिया कि गरीबों को भी अच्छी चिकित्सा सुविधाएं मिल सकती हैं, बशर्ते अच्छे डॉक्टर हों और सरकार की नीतियां सही हों।



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