आरएसएस चीफ भागवत बोले, भारत की तरक्की से डर रहे दूसरे देश, इसलिए थोपे जा रहे टैरिफ

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने हाल ही में कहा कि कुछ देशों को डर है कि अगर भारत और मजबूत हो जाता है, तो उनका क्या होगा। इस डर के चलते भारत पर टैरिफ लगाए जा रहे हैं।

author-image
Sanjay Dhiman
New Update
mohan bhagvat staitment

Photograph: (the sootr)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने हाल ही में एक बयान में कहा कि कुछ देशों को डर है कि अगर भारत और मजबूत हो जाता है तो उनका क्या होगा, इस वजह से भारत पर टैरिफ लगाए जा रहे हैं। भागवत ने यह टिप्पणी नागपुर में ब्रह्माकुमारी विश्व शांति सरोवर के 7वें स्थापना दिवस पर दी।

उन्होंने बिना किसी देश का नाम लिए हुए यह कहा कि कुछ देश ऐसे कदम उठाते हैं, जो खुद को हमेशा चर्चा में देखना चाहते हैं और उनके कदमों के पीछे एक छिपा हुआ डर होता है।

अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ पर पलटवार

मोहन भागवत का बयान उस समय आया जब अमेरिका ने 30 जुलाई को भारत पर 25% टैरिफ लगाने का ऐलान किया, जो 7 अगस्त से लागू हो गया। इसके अलावा, रूस से सस्ता तेल खरीदने के कारण भारत पर 25% एक्स्ट्रा टैरिफ लगाया गया, जो 27 अगस्त से प्रभावी हुआ।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना था कि भारत रूस से सस्ता तेल खरीदकर उसे खुले बाजार में बेच रहा है, जिससे रूस को यूक्रेन के खिलाफ युद्ध जारी रखने में मदद मिल रही है। इस पर भागवत ने कहा कि ऐसे कदम तब उठाए जाते हैं जब किसी देश को डर होता है कि दूसरे देशों की शक्ति बढ़ने से उनका प्रभाव कम हो सकता है।

यह खबरें भी पढ़ें...

इंदौर में 14 सितंबर को होगा ‘परिक्रमा कृपा सार’ का विमोचन, RSS प्रमुख मोहन भागवत आएंगे

संघ प्रमुख भागवत से वसुंधरा-सीएम भजनलाल की मुलाकात, प्रदेश की राजनीति में नई हलचल

भागवत ने कहा- दुनिया को मैं छोड़कर हम को अपनाना होगा

भागवत ने आगे कहा कि दुनिया की समस्याओं का समाधान तब तक नहीं हो सकता जब तक हम खुद को सही तरीके से नहीं समझते। उन्होंने कहा कि यदि हम अपनी मानसिकता में बदलाव लाते हैं, दया का भाव रखते हुए डर पर काबू पा लेते हैं, तो हमारे पास कोई दुश्मन नहीं रहेगा।

उनकी यह टिप्पणी उस मानसिकता पर आधारित है, जहां लोग अपनी सीमित दृष्टि से ही सोचते हैं, और इस वजह से वे भविष्य के लिए समाधान नहीं खोज पाते। भागवत ने यह भी कहा कि दुनिया वर्तमान में समाधान खोज रही है, लेकिन अपनी अधूरी दृष्टि के कारण उसे सफलता नहीं मिल रही है। 

आरएसएस चीफ मोहन भागवत के बयान को ऐसे समझें 

Mohan Bhagwat Gave The Solution To India's Biggest Challenge, Told The  Mantra Of Success Of Rss - Amar Ujala Hindi News Live - Rss 100 Years:भारत  की सबसे बड़ी चुनौती का समाधान

मोहन भागवत का बयान:आरएसएस प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि भारत पर टैरिफ इसलिए लगाया जा रहा है क्योंकि कुछ देशों को डर है कि भारत अगर मजबूत हो गया तो उनका क्या होगा।

अमेरिका का टैरिफ: अमेरिका ने 30 जुलाई को भारत पर 25% टैरिफ लगाने का ऐलान किया था, जो 7 अगस्त से लागू हुआ। इसके अलावा, रूस से तेल खरीदने पर भारत पर अतिरिक्त टैरिफ लगाया गया।

भागवत का दृष्टिकोण: भागवत ने कहा कि मनुष्य को अपनी असली पहचान समझनी होगी, ताकि हम दुनिया की समस्याओं का समाधान कर सकें। अगर हम डर पर काबू पा लें, तो कोई दुश्मन नहीं रहेगा।

भारत की शक्ति: उन्होंने यह भी कहा कि भारत एक महान देश है, और भारतीयों को इसे और बड़ा बनाने के प्रयास करने चाहिए।

आत्मनिर्भरता पर बयान: भागवत ने पहले कहा था कि भारत को आत्मनिर्भर होना चाहिए, लेकिन इसका मतलब अंतरराष्ट्रीय व्यापार से दूर रहना नहीं है। भारत को किसी के दबाव में नहीं आना चाहिए।

भारत का महान भविष्य

आरएसएस प्रमुख ने यह भी कहा कि भारत एक महान देश है और भारतीयों को इस बात का प्रयास करना चाहिए कि वे अपनी महानता को आगे बढ़ाएं। भारत बड़ा है, लेकिन उसे और भी बड़ा बनने की आवश्यकता है। भारतीयों के अंदर एक प्रबल अपनत्व की भावना है, जो कठिनाई और दुख में भी उन्हें संतुष्ट रहने में मदद करती है। यह भारत की सामाजिक और सांस्कृतिक ताकत को दर्शाता है, जो देश की एकता और समृद्धि में योगदान देती है। 

यह खबरें भी पढ़ें...

सीएम भजनलाल ने मोहन भागवत और नड्डा से की मुलाकात, राजनीतिक गलियारों में हलचल

संघ प्रमुख डॉ. भागवत 14 सितंबर को आएंगे इंदौर, मंत्री पटेेल की किताब का विमोचन, सीएम के साथ नंबर 1 का जश्न कल


टैरिफ पर भागवत के पिछले चर्चित बयान

27 अगस्त 2025: भारत को आत्मनिर्भर होना चाहिए

भागवत ने पहले भी अमेरिकी टैरिफ विवाद पर बयान दिए जो चर्चाओं में रहे। 27 अगस्त 2025 को उन्होंने कहा था कि भारत को आत्मनिर्भर होना चाहिए, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वह विदेशों से संबंध तोड़े। 

उन्होंने कहा था, अंतरराष्ट्रीय व्यापार चलेगा, लेन-देन होगा, लेकिन हम किसी के दबाव में नहीं आएंगे। इससे यह स्पष्ट होता है कि भारतीय राजनीति और नीति में आत्मनिर्भरता को प्राथमिकता दी जा रही है, लेकिन यह किसी भी प्रकार के अंतरराष्ट्रीय दबाव से मुक्त रहकर किया जाएगा।

8 अगस्त 2025: ज्ञान के कारण भारत विश्वगुरु

8 अगस्त 2025 को भागवत ने यह भी कहा था कि दुनिया भारत को उसकी अध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहर के लिए सम्मान देती है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि भले ही भारत की अर्थव्यवस्था कितनी भी बड़ी हो, दुनिया को इससे उतना फर्क नहीं पड़ता जितना हमारे आध्यात्मिक ज्ञान से पड़ता है। भारत की प्राचीन संस्कृति और ज्ञान को ही आज भी दुनिया सम्मान देती है, जो भारत को "विश्वगुरु" के रूप में स्थापित करता है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मोहन भागवत भारत पर टैरिफ अमेरिका भारत आरएसएस प्रमुख डॉ. मोहन भागवत रूस डोनाल्ड ट्रंप नागपुर
Advertisment