वर्ल्ड बैंक रिपोर्ट : शादी के बाद महिलाओं के रोजगार में आई बड़ी गिरावट

समाज में शादीशुदा पुरुष का नौकरी करना अच्छा माना जाता है और उनकी अच्छी नौकरी के लिए उन्हें सराहा जाता है। जबकि शादीशुदा महिलाओं का नौकरी करना परिवार और समाज द्वारा उतना स्वीकार्य नहीं है।

Advertisment
author-image
Dolly patil
New Update
महिलाओं के करियर पर बंदिशें भारी
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

वर्ल्ड बैंक द्वारा जारी एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि शादी के बाद नौकरी करने वाली महिलाओं की संख्या में भारी गिरावट आई है। शादी के बाद वर्किंग वुमन को नौकरी छोड़नी पड़ती है, जिससे शादी उनके लिए एक सजा की तरह बन जाती है।

महिलाओं को मिलती है रोक

रिपोर्ट के अनुसार, समाज में शादीशुदा पुरुष का नौकरी करना अच्छा माना जाता है और उनकी अच्छी नौकरी के लिए उन्हें सराहा जाता है। जबकि शादीशुदा महिलाओं का नौकरी करना परिवार और समाज द्वारा उतना स्वीकार्य नहीं है। अधिकतर परिवार नई बहू को नौकरी करने से रोकते हैं और ससुराल वाले शादी के बाद बहू की नौकरी तक छुड़वा देते हैं, जिससे महिलाओं की नौकरी करने की दर में कमी आती जा रही है।

बाल विवाह पर SC का फैसला! कहा- कानून में है सुधार की जरूरत

पुरुषों की रोजगार दर में 13% की बढ़ोतरी दर्ज  

रिपोर्ट बताती है कि शादी के बाद महिलाओं की रोजगार दर में 12% की गिरावट आती है। भले ही उनके बच्चे न हों। वहीं, पुरुषों की रोजगार दर में शादी के बाद 13% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इस कारण शादीशुदा महिलाओं के रोजगार में गिरावट लगभग एक तिहाई हो जाती है।

क्यों महिलाओं को छोड़नी पड़ती है नौकरी

वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत और मालदीव में बिना बच्चों वाली महिलाओं पर शादी के बाद के सामाजिक मानदंड 5 साल तक हावी रहते हैं। वहीं, जिन महिलाओं के बच्चे होते हैं, उन्हें बच्चों की देखभाल के चलते नौकरी छोड़नी पड़ती है। समाज में महिलाओं को बच्चों की जिम्मेदारी से भी जोड़ा जाता है, जिससे वे अपने करियर से समझौता करती हैं।

24 साल में पहली बार बीच में ही KBC छोड़ दिया, अमिताभ बच्चन हुए हैरान

दक्षिण एशिया में भी महिलाओं के रोजगार में गिरावट

महिलाओं के रोजगार दर में गिरावट केवल भारत में ही नहीं, बल्कि पूरे दक्षिण एशिया में देखी गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2023 में दक्षिण एशिया में कामकाजी आयु की केवल 32% महिलाएं ही नौकरी कर रही थीं, जबकि पुरुषों की रोजगार दर 77% थी। यह अंतर साफ दिखाता है कि महिलाओं की रोजगार भागीदारी बेहद कम है।

शिवराज के बड़े बेटे कार्तिकेय की हुई सगाई, देखें तस्वीरें

महिला श्रम बढ़ने से जीडीपी में वृद्धि संभव

रिपोर्ट के अनुसार, अगर महिलाओं की श्रम शक्ति भागीदारी दर को पुरुषों के बराबर बढ़ा दिया जाए तो दक्षिण एशिया के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 13 से 51% तक की वृद्धि संभव है। इससे क्षेत्रीय आर्थिक विकास को एक बड़ी गति मिल सकती है।

thesootr links

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

मालदीव भारत World Bank Working Women वर्ल्ड बैंक World Bank report on India वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट World Bank Report