लड़की को आई लव यू कहना क्या यौन उत्पीड़न होगा? जानें हाईकोर्ट का फैसला

बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने कहा कि सिर्फ "I Love You" कहना यौन उत्पीड़न नहीं है। यह तब तक यौन उत्पीड़न नहीं माना जा सकता, जब तक उसके साथ कोई यौन इरादा न हो। 

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Sandeep Kumar
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देश दुनिया न्यूज: बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने एक अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि केवल "I Love You" कहने को यौन उत्पीड़न नहीं माना जा सकता, जब तक व्यक्ति का व्यवहार यौन इरादे को स्पष्ट न करे। यह फैसला नागपुर के काटोल इलाके के युवक से जुड़ा था। 2017 में उसे 17 साल की लड़की को परेशान करने के आरोप में तीन साल की सजा दी गई थी। हाईकोर्ट ने उसे बरी कर दिया।

कोर्ट ने यह कहा 

जस्टिस उर्मिला जोशी-फाल्के ने अपने फैसले में कहा कि सिर्फ प्यार का इजहार यौन इरादे को साबित नहीं करता। उन्होंने कहा कि "आई लव यू" जैसे शब्द यौन भावना को नहीं दर्शाते, जब तक उनके साथ कोई और हरकत न हो, जो यौन नीयत को साफ दिखाए।

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ये था पूरा मामला

यह घटना 23 अक्टूबर 2015 की है, जब नागपुर के पास खापा गांव में एक 11वीं कक्षा की छात्रा ने शिकायत दर्ज कराई। छात्रा ने बताया कि वह अपनी बहन के साथ खेत के पास से जा रही थी, तभी युवक ने उसे रोका, उसका हाथ पकड़ा और नाम पूछा। फिर उसने कहा, "आई लव यू।" इसके बाद पुलिस ने युवक के खिलाफ IPC की धारा 354A (यौन उत्पीड़न), 354D (पीछा करना) और पॉक्सो एक्ट की धारा 8 के तहत मामला दर्ज किया।

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सेशंस कोर्ट के फैसले को चुनौती

2017 में सेशंस कोर्ट ने युवक को दोषी मानते हुए सजा दी थी। लेकिन आरोपी के वकील सोनाली खोब्रागड़े ने हाईकोर्ट में दलील दी कि युवक के बर्ताव में ऐसा कुछ नहीं था, जिससे यौन उत्पीड़न या पीछा करने का इरादा साबित हो सके। उन्होंने यह भी कहा कि युवक ने न तो बार-बार संपर्क किया, न ही कोई शारीरिक हरकत की, जो यौन नीयत को दर्शाती हो।

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यौन दृष्टिकोण साबित नहीं हुआ

हाईकोर्ट ने इस मामले में माना कि केवल शब्दों से नहीं, बल्कि पूरे बर्ताव से आरोपी की नीयत का मूल्यांकन करना जरूरी है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में ऐसा कोई स्पष्ट व्यवहार नहीं था, जो यौन दृष्टिकोण को दर्शाता हो। इसलिए युवक को बरी कर दिया गया।

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