बीआर गवई होंगे भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश: राष्ट्रपति ने दी मंजूरी, 14 मई को संभालेंगे पद

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने न्यायमूर्ति बीआर गवई को भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में नियुक्ति की मंजूरी दी। वे 14 मई को अपना पद संभालेंगे। न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर पोस्ट कर जानकारी दी। 

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Jitendra Shrivastava
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BR-Gavai-new-CJI Photograph: (THE SOOTR)

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भारत के न्यायपालिका में एक महत्वपूर्ण बदलाव हुआ है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने न्यायमूर्ति बीआर गवई (BR Gavai) को देश के 52वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में नियुक्ति की मंजूरी दे दी है। वे 14 मई 2024 को पदभार संभालेंगे। इस दिन वर्तमान सीजेआई (Chief Justice of India) संजीव खन्ना अपने पद से रिटायर हो जाएंगे, और न्यायमूर्ति गवई उनकी जगह लेंगे। 

इस नियुक्ति को लेकर कानून और न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर पोस्ट कर जानकारी दी और बताया कि यह नियुक्ति भारत के संविधान की शक्ति के तहत की गई है।

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बीआर गवई का न्यायिक करियर

न्यायमूर्ति बीआर गवई का जन्म 24 नवंबर 1960 को महाराष्ट्र के अमरावती में हुआ था। उन्होंने अपनी वकालत की शुरुआत 1987 में बॉम्बे हाई कोर्ट से की थी। इसके बाद उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया और न्यायिक प्रणाली में अपनी पहचान बनाई। 

न्यायमूर्ति गवई ने 1992 में बॉम्बे उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ में सहायक सरकारी वकील और अतिरिक्त सरकारी अभियोजक के रूप में कार्य किया। इसके बाद, उन्होंने 2000 में सरकारी वकील और सरकारी अभियोजक के तौर पर कार्य किया।

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न्यायमूर्ति गवई का सर्वोच्च न्यायालय में योगदान

न्यायमूर्ति गवई ने 2019 में भारत के सर्वोच्च न्यायालय में न्यायधीश के रूप में शपथ ली थी। उन्होंने अपने कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण मामलों में भाग लिया, जिनमें भारत के संवैधानिक मामलों और न्यायिक व्यवस्था के सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। 
उनकी सबसे प्रमुख भूमिका उस संविधान पीठ में थी, जिसने दिसंबर 2023 में जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को लेकर अनुच्छेद 370 (Article 370) के प्रावधानों को निरस्त करने के फैसले को बरकरार रखा। इस निर्णय ने भारत के संवैधानिक और राजनीतिक परिप्रेक्ष्य को नया दिशा दी।

बीआर गवई का कार्यकाल और रिटायरमेंट

न्यायमूर्ति बीआर गवई 14 मई को देश के 52वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यभार संभालेंगे। वे लगभग 6 महीने तक इस पद पर रहेंगे, क्योंकि उनका कार्यकाल नवंबर 2025 में समाप्त होगा। इस दौरान, वे भारतीय न्यायपालिका के प्रमुख के रूप में कई महत्वपूर्ण फैसले लेंगे और न्यायिक प्रणाली में सुधार की दिशा में काम करेंगे।
उनके कार्यकाल के दौरान कई संवैधानिक और सामाजिक मामलों में महत्वपूर्ण फैसले किए जा सकते हैं। उनकी शैक्षिक पृष्ठभूमि और न्यायिक क्षमता ने उन्हें इस पद के लिए एक योग्य उम्मीदवार बना दिया है।

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प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति का संदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने न्यायमूर्ति बीआर गवई की नियुक्ति पर अपने-अपने बयान जारी किए। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि न्यायमूर्ति गवई का चयन भारतीय न्यायपालिका के लिए एक ऐतिहासिक पल है, और उनका अनुभव और ज्ञान इस पद के लिए उन्हें एक आदर्श उम्मीदवार बनाता है। 
प्रधानमंत्री मोदी ने भी न्यायमूर्ति गवई को शुभकामनाएं दीं और उन्हें भारतीय न्यायपालिका की गरिमा और स्वतंत्रता बनाए रखने की शुभकामनाएं दी।

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