Bullet train project: आणंद में ट्रैक स्लैब फैक्ट्री, बनाएगी 46 हजार जे-स्लैब

भारत की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना के तहत आणंद में एक अत्याधुनिक ट्रैक स्लैब निर्माण कारखाना स्थापित किया गया है। यह फैक्ट्री देश के हाई-स्पीड रेल नेटवर्क के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

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Sandeep Kumar
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भारत की पहली बुलेट ट्रेन (Bullet Train) परियोजना के लिए आणंद में अत्याधुनिक ट्रैक स्लैब फैक्ट्री स्थापित की गई है। यह फैक्ट्री प्रतिदिन 60 जे-स्लैब  बनाएगी, जिससे 115 रूट किमी हाई-स्पीड रेल ट्रैक तैयार होगा। साथ ही, नाडियाड में 200 मीटर लंबा ‘मेक इन इंडिया’ स्टील ब्रिज तैयार किया जा रहा है, जिसे अगस्त 2025 तक पूरा करने की योजना है।

आणंद में हाई-स्पीड ट्रैक स्लैब फैक्ट्री

भारत की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना के तहत आणंद में एक अत्याधुनिक ट्रैक स्लैब निर्माण कारखाना स्थापित किया गया है। यह फैक्ट्री देश के हाई-स्पीड रेल नेटवर्क के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

फैक्ट्री में गिट्टी रहित ट्रैक स्लैब 

अब तक दो कारखानों से 35 हजार ट्रैक स्लैब तैयार हो चुके हैं, जो 175 किमी ट्रैक के बराबर हैं। यह फैक्ट्री 436 किमी एलाइनमेंट पर स्थित है और 393 से 508 किमी तक काम करेगी। परियोजना स्थल से निकटता के कारण ट्रैक स्लैब की समय पर डिलीवरी सुनिश्चित होगी।

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फैक्ट्री में प्रतिदिन 60 स्लैब बनाने की क्षमता

हर स्लैब की चौड़ाई 2220 मिमी, लंबाई 4900 मिमी और मोटाई 190 मिमी होगी। प्रत्येक स्लैब का वजन लगभग 4 टन होगा। फैक्ट्री में प्रतिदिन 60 स्लैब बनाने की क्षमता है। कुल 46 हजार जे-स्लैब तैयार किए जाएंगे, जो गुजरात और डीएनएच (352 किमी) में 115 रूट किमी ट्रैक के लिए उपयोग होंगे।

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फैक्ट्री में 24 हजार ट्रैक स्लैब स्टोर की क्षमता

ट्रैक स्लैब निर्माण में जापानी विशेषज्ञों की देखरेख में भारतीय इंजीनियरों को प्रशिक्षण दिया गया है, ताकि उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके। मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना (Mumbai-Ahmedabad Bullet Train) के तहत नाडियाड में 200 मीटर लंबा स्टील ब्रिज तैयार किया जा रहा है।

क्या है स्टील ब्रिज में 

  1. इसमें 100-100 मीटर के दो स्पैन होंगे।
  2. यह ब्रिज राष्ट्रीय राजमार्ग-48 (Delhi-Mumbai-Chennai Corridor) पर लॉन्च किया जाएगा।
  3. ब्रिज की चौड़ाई 14.3 मीटर और ऊंचाई 14.6 मीटर होगी।
  4. कुल वजन 1500 मीट्रिक टन होगा।
  5. यह ब्रिज उत्तर प्रदेश के हापुड़ के सालासर वर्कशॉप में निर्मित हुआ है।

स्टील ब्रिज निर्माण की आधुनिक तकनीक

स्टील के हिस्सों को जोड़ने के लिए टोर शियर टाइप हाई स्ट्रेंथ बोल्ट (TTHSB) का उपयोग किया गया है। यह ब्रिज 100 साल तक चलने के लिए डिज़ाइन किया गया है। C-5 सिस्टम पेंटिंग तकनीक का उपयोग किया गया है, जो भारत में पहली बार किसी ब्रिज में लागू की गई है। स्टील ब्रिज रेलवे, एक्सप्रेसवे और हाईवे को पार करने के लिए सबसे उपयुक्त होते हैं। एमएएचएसआर कॉरिडोर (MAHSR Corridor) में कुल 28 स्टील ब्रिज बनाए जाएंगे।

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इनमें से 17 गुजरात और 11 महाराष्ट्र में होंगे।

गुजरात में रेलवे/डीएफसीसी पटरियों, राजमार्गों और उद्योग क्षेत्रों में 6 स्टील ब्रिज का निर्माण पूरा हो चुका है।
एक स्पैन मार्च 2025 में लॉन्च किया जाएगा और अगस्त 2025 तक पूरा होगा।

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