कैथोलिक पादरियों पर 4400 बच्चों के यौन शोषण के आरोप, इटली के चर्च की साख पर सवाल

इटली में संगठन रेते ल'अबूजो की रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि 2020 के बाद से 4,400 बच्चों का शोषण कैथोलिक पादरियों ने किया। पोप लियो XIV ने नए बिशपों को चेतावनी दी कि वे ऐसे मामलों को छिपाएं नहीं।

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Jitendra Shrivastava
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Photograph: (THESOOTR)

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इटली में कैथोलिक चर्च पर यौन शोषण के गंभीर आरोप लगे हैं। मानवाधिकार संगठन रेते ल'अबूजो ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि 2020 के बाद से कैथोलिक पादरियों ने करीब 4400 बच्चों का यौन शोषण किया है। 

रिपोर्ट के बाद विश्वभर में चर्च की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हो गए हैं। पोप लियो XIV ने चेतावनी दी है कि कोई भी बिशप या धार्मिक अधिकारी यदि ऐसे मामलों को छिपाता पाया गया, तो उस पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।

इटली की रिपोर्ट से हिला कैथोलिक चर्च

इटली के संगठन रेते ल'अबूजो (Rete L'Abuso) ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि 2020 से अब तक 4,400 बच्चे कैथोलिक पादरी के यौन शोषण का शिकार हुए। रिपोर्ट पीड़ितों के बयानों, न्यायिक दस्तावेजों और मीडिया रिपोर्टों पर आधारित है।

रिपोर्ट के अनुसार, 1,250 संदिग्ध मामलों में से 1,106 पादरियों से जुड़े हैं। बाकी मामलों में नन, धार्मिक शिक्षक, स्वयंसेवक और स्काउट संगठन के सदस्य शामिल हैं।

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मुख्य आंकड़े...

👉 कुल संदिग्ध मामले- 1,250
👉 पादरियों से जुड़े मामले- 1,106
👉 कुल पीड़ित- 4,625
👉 बाल यौन शोषण पीड़ित (18 वर्ष से कम आयु)- 4,395
👉 पुरुष पीड़ित- लगभग 4,100

कम कार्रवाई, बढ़ती आलोचना 

रिपोर्ट के अनुसार, 1,106 में से सिर्फ 47 पादरियों पर चर्च स्तर पर कार्रवाई हुई। इनमें-

  • 17 को अस्थायी निलंबन मिला
  • 7 को दूसरे पैरिश में भेजा गया
  • 18 को पद से हटाया गया या उन्होंने इस्तीफा दिया
  • 5 ने आत्महत्या कर ली

इतालवी बिशप कमिटी (Italian Bishops Committee) ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। हालांकि, वैटिकन बाल संरक्षण आयोग ने चर्च की निष्क्रियता की आलोचना की।

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पोप लियो XIV की सख्त चेतावनी 

नए पोप लियो XIV (Pope Leo XIV) ने इस सप्ताह शोषण पीड़ितों से मुलाकात की। उन्होंने नए बिशपों से कहा कि वे किसी भी दुराचार को छिपाने की कोशिश न करें। उन्होंने कहा कि चर्च का उद्देश्य सेवा है, सुरक्षा नहीं। अपराध को ढंकना भी अपराध है।

पोप लियो XIV के पूर्ववर्ती पोप फ्रांसिस (Pope Francis) ने भी अपने कार्यकाल में बाल शोषण मामलों पर कार्रवाई की थी। हालांकि, अब भी कई देशों में चर्च पर आरोप लग रहे हैं कि वह “यौन शोषण की वास्तविकता को स्वीकार नहीं कर रहा।”

वैटिकन की भूमिका और आलोचना 

वैटिकन पर आरोप है कि वह शोषण के मामलों को “अंदरूनी” रखता है और सार्वजनिक रूप से रिपोर्ट नहीं करता। कई मानवाधिकार संगठनों ने मांग की है कि चर्च प्रशासन पारदर्शी प्रक्रिया अपनाए और सभी दोषी पादरियों को सार्वजनिक रूप से चिन्हित करे।

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अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्च से जुड़े प्रमुख घोटाले...

वर्षदेशपीड़ितों की संख्याकार्रवाई
2002अमेरिका10,000+दर्जनों पादरी बर्खास्त
2010आयरलैंड3,000+चर्च रिपोर्ट जारी
2018चिली1,200+कई बिशपों ने इस्तीफा दिया
2025इटली4,400+सीमित कार्रवाई, रिपोर्ट जारी

रेते ल'अबूजो की मांगें 

संगठन के संस्थापक फ्रांसेस्को जानार्दी (Francesco Zanardi) ने कहा कि चर्च को अब पीड़ितों से माफी मांगने के बजाय न्याय देना चाहिए।

  1. सभी आरोपियों की सार्वजनिक सूची जारी की जाए।
  2. चर्च से स्वतंत्र जांच एजेंसी गठित की जाए।
  3. पीड़ितों को मानसिक और कानूनी सहायता दी जाए।

शोषण के कारण और सामाजिक प्रभाव 

कैथोलिक चर्च में पादरियों से संयम की अपेक्षा की जाती है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि यह नियम दमन और गुप्तता को बढ़ाता है, जिससे यौन अपराधों का खतरा बढ़ता है।

इस तरह की घटनाओं ने चर्च की नैतिक साख (Moral Credibility) को गहरा आघात पहुंचाया है। विश्वभर में चर्च से जुड़े संस्थानों पर विश्वास घटा है।

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पोप की नई पहल: पारदर्शिता और जवाबदेही 

पोप लियो XIV ने घोषणा की है कि सभी बिशपों को वार्षिक जवाबदेही रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। इस रिपोर्ट में यह दर्ज होगा कि-

  • कितने शोषण मामले दर्ज हुए।
  • कौन-से मामलों पर कार्रवाई हुई।
  • किन कारणों से जांच लंबित है।

पोप ने यह भी कहा कि “अब कोई भी चर्च कानून से ऊपर नहीं।”

निष्कर्ष:

इटली चर्च विवाद की ये रिपोर्ट कैथोलिक चर्च के इतिहास की एक और काली परत खोलती है। जब तक चर्च आंतरिक जवाबदेही और पारदर्शिता नहीं अपनाता, तब तक ऐसे अपराधों पर रोक लगाना कठिन रहेगा। पोप लियो XIV का रुख सख्त है, लेकिन असली बदलाव तभी आएगा जब चर्च पीड़ितों के साथ खड़ा होगा, अपराधियों के साथ नहीं।

FAQ

कैथोलिक चर्च में ऐसे अपराध क्यों बढ़ रहे हैं?
विशेषज्ञों का मानना है कि संयम और गुप्तता की संस्कृति इन अपराधों को बढ़ावा देती है। चर्च में पारदर्शिता की कमी भी एक प्रमुख कारण है।

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