भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) चंद्रमा पर अपनी उपस्थिति को और भी मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ा रहा है। हाल ही में केंद्र सरकार ने चंद्रयान 5 मिशन को हरी झंडी दे दी है, लेकिन उससे पहले ISRO चंद्रयान 4 मिशन को 2027 में लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है। यह मिशन चंद्रमा से मिट्टी के नमूने लाने का लक्ष्य रखता है, और इसके साथ ISRO एक नया इतिहास रचने की कोशिश करेगा।
चंद्रयान 4: मिशन की खासियत
चंद्रयान 4 मिशन की सबसे बड़ी खासियत इसका उद्देश्य है — चंद्रमा की सतह से मिट्टी के नमूने लाना। इस मिशन को 2027 में लॉन्च किया जाएगा, और इसे भारत का सबसे महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष मिशन माना जा रहा है। इसके तहत ISRO चांद पर एक विशेष लूनर सैंपल कलेक्शन मिशन लॉन्च करेगा, जिसका उद्देश्य चंद्रमा की सतह से मिट्टी और चट्टानों के नमूने लाना होगा।
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चंद्रयान 4 की तैयारी
केंद्र सरकार ने इस मिशन के लिए 2104 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया है। इस मिशन के तहत दो प्रमुख मॉड्यूल होंगे:
- एसेंडर मॉड्यूल– जो चंद्रमा की सतह से मिट्टी के नमूने संग्रहित करेगा।
- डिसेंजर मॉड्यूल– जो इन नमूनों को पृथ्वी पर वापस लाएगा।
इसके अलावा, अन्य मॉड्यूल भी इस मिशन का हिस्सा होंगे, जैसे प्रपल्शन मॉड्यूल, ट्रांसफर मॉड्यूल, और री-एंट्री मॉड्यूल, जो मिशन की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
चंद्रयान 5 मिशन का ऐलान
चंद्रयान 4 मिशन के बाद, ISRO चंद्रयान 5 मिशन की योजना भी बना रहा है। इस मिशन में जापान का सहयोग भी रहेगा, और इसमें चंद्रयान 3 के मुकाबले 250 किलोग्राम का रोवर चांद पर भेजा जाएगा। चंद्रयान 5 मिशन को लेकर अधिक जानकारी अभी तक साझा नहीं की गई है, लेकिन यह निश्चित है कि यह मिशन चांद पर विज्ञान के लिए नई संभावनाएं खोलेगा।
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चंद्रयान मिशन का इतिहास...
ISRO के चंद्रयान मिशनों का इतिहास काफी दिलचस्प रहा है।
- चंद्रयान 1 (2008) ने चंद्रमा पर पानी के अंशों का पता लगाया।
- चंद्रयान 2 (2019) को लैंडिंग में विफलता का सामना करना पड़ा।
- चंद्रयान 3 (2023) ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग की, जो एक बड़ा मील का पत्थर था।
ISRO का भविष्य प्लान और महत्व
ISRO ने चंद्रयान 4 मिशन को लेकर बड़ी योजना बनाई है, जो ना केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि हो सकती है। इस मिशन का उद्देश्य चांद के बारे में अधिक गहन जानकारी प्राप्त करना और पृथ्वी पर वापस लाए गए नमूनों से चंद्रमा की संरचना को समझने का प्रयास करना है।
चंद्रयान 4 के तहत लॉन्च की जाने वाली प्रमुख प्रणालियां...
- LVM-3 और PSLV (रॉकेट): ये रॉकेट मिशन को लॉन्च करने के लिए इस्तेमाल होंगे।
- मूल्यांकन और प्रयोग: इससे प्राप्त जानकारी से हम चंद्रमा पर जीवन के संकेतों को और बेहतर तरीके से समझ सकेंगे।