भारी बारिश से चारमीनार को हुआ नुकसान... ऐतिहासिक धरोहर खतरे में

हैदराबाद में भारी बारिश से चारमीनार को फिर नुकसान हुआ है। मंगलवार शाम करीब 4:30 बजे, चारमीनार की एक मीनार का कलात्मक प्लास्टर टूटकर गिर गया।  मलबा भाग्यलक्ष्मी मंदिर के पास पहुंचा। जानिए पूरी जानकारी।

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Jitendra Shrivastava
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charminar-damage Photograph: (thesootr)

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भारी बारिश (Heavy Rainfall) और तेज हवाओं ने हैदराबाद के ऐतिहासिक स्मारक चारमीनार (Charminar) को नुकसान पहुंचाया है। मंगलवार शाम करीब 4:30 बजे, चारमीनार की एक मीनार का कलात्मक प्लास्टर टूटकर गिर गया। मलबा नीचे स्थित भाग्यलक्ष्मी मंदिर (Bhagyalakshmi Temple) के पास जा गिरा, जिससे क्षेत्र में हड़कंप मच गया।

प्रशासन ने लिया तत्काल एक्शन

जैसे ही घटना की जानकारी प्रशासन को मिली, स्थानीय अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति का आकलन किया। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को भी इसकी जानकारी दी गई। अधिकारियों के अनुसार, मीनार के टूटे हिस्से में सजावटी प्लास्टर (Decorative Plaster) और चूना पत्थर का मोर्टार शामिल था।

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पहले भी हो चुका है चारमीनार को नुकसान

2019 की घटना...  

2019 में भी Charminar का एक हिस्सा तेज बारिश के कारण गिर गया था। उस वक्त भी प्लास्टर का एक बड़ा हिस्सा अलग होकर नीचे गिरा था।  

हालिया घटनाएं और दरारें...  

Charminar के उत्तर-पूर्वी हिस्से में पहले ही एक बड़ी दरार (Structural Crack) देखी गई थी, जिस पर भारतीय पुरातत्व विभाग (ASI) अध्ययन कर रहा है कि क्या इससे इमारत की संरचनात्मक मजबूती पर कोई खतरा है।

किसने करवाया निर्माण?

Charminar का निर्माण 1591 में गोलकुंडा के शासक मुहम्मद कुली कुतुब शाह (Muhammad Quli Qutb Shah) ने करवाया था। इसे हैदराबाद शहर की नींव के प्रतीक के रूप में बनाया गया था, जब शासक ने गोलकुंडा किले के बाहर एक नया शहर बसाने का निर्णय लिया। 1924 में निजाम मीर उस्मान अली खान (Mir Osman Ali Khan) ने चारमीनार पर चूने के प्लास्टर का मरम्मत कार्य करवाया था। यह न केवल एक स्थापत्य चमत्कार है बल्कि हैदराबाद की पहचान भी है।

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संरचना को लेकर बढ़ी चिंता

ASI के विशेषज्ञ अब यह अध्ययन कर रहे हैं कि लगातार हो रही क्षति से इसकी दीर्घकालिक मजबूती पर क्या असर पड़ेगा। अगर समय रहते संरक्षण कार्य नहीं किए गए, तो यह ऐतिहासिक धरोहर गंभीर खतरे में पड़ सकती है।

FAQ- अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

चारमीनार का इतिहास: किसने करवाया निर्माण?
चारमीनार का निर्माण 1591 में गोलकुंडा के शासक मुहम्मद कुली कुतुब शाह (Muhammad Quli Qutb Shah) ने करवाया था। इसे हैदराबाद शहर की नींव के प्रतीक के रूप में बनाया गया था, जब शासक ने गोलकुंडा किले के बाहर एक नया शहर बसाने का निर्णय लिया।
चारमीनार का निर्माण किस चीज के करवाया था?
1924 में निजाम मीर उस्मान अली खान (Mir Osman Ali Khan) ने चारमीनार पर चूने के प्लास्टर का मरम्मत कार्य करवाया था। चारमीनार न केवल एक स्थापत्य चमत्कार है बल्कि हैदराबाद की पहचान भी है।
चारमीनार की संरचना को लेकर बढ़ी चिंता
ASI के विशेषज्ञ अब यह अध्ययन कर रहे हैं कि लगातार हो रही क्षति से चारमीनार की दीर्घकालिक मजबूती पर क्या असर पड़ेगा। अगर समय रहते संरक्षण कार्य नहीं किए गए, तो यह ऐतिहासिक धरोहर गंभीर खतरे में पड़ सकती है।

 

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