सावधान! पाकिस्तान कर रहा साइबर अटैक, WhatsApp वीडियो से हो सकते हैं हैकर्स का शिकार

'डांस ऑफ द हिलेरी' (Dance of the Hillary) एक खतरनाक मैलवेयर है, जो सोशल मीडिया और ईमेल के माध्यम से फैल रहा है। यह उपयोगकर्ताओं की संवेदनशील जानकारी चुराने और डिवाइस को नुकसान पहुंचाने में सक्षम है।

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Jitendra Shrivastava
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dance-of-the-hillary Photograph: (THESOOTR)

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भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच अब जंग सिर्फ सरहद पर नहीं, स्मार्टफोन के अंदर भी छिड़ चुकी है। हाल ही में सामने आए एक खतरनाक साइबर हमले ने पूरे देश की साइबर सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी है। इस हमले का नाम है 'डांस ऑफ द हिलेरी', जो न किसी डांस से जुड़ा है और न ही किसी मज़ाक से। यह एक ऐसा मैलवेयर (Malware) है जो आपकी एक छोटी-सी चूक पर पूरे फोन का कंट्रोल हैकर्स के हवाले कर सकता है। सोशल मीडिया और मैसेजिंग ऐप्स के ज़रिए भेजे जा रहे वीडियो और डॉक्युमेंट्स में यह वायरस छिपा होता है। जैसे ही आप इसे खोलते हैं, यह आपके फोन की गोपनीय जानकारी, बैंकिंग डिटेल्स और पासवर्ड चुरा लेता है और आपको पता भी नहीं चलता।

4 पॉइंट्स से जानें डांस ऑफ द हिलेरी...

1. 'डांस ऑफ द हिलेरी' मैलवेयर क्या है?

'डांस ऑफ द हिलेरी' एक खतरनाक मैलवेयर है, जिसे पाकिस्तानी हैकर्स द्वारा भारतीय नागरिकों को निशाना बनाने के लिए फैलाया जा रहा है। यह मैलवेयर वीडियो फाइल्स या दस्तावेजों के रूप में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे WhatsApp, Facebook, Telegram और ईमेल के माध्यम से फैलाया जा रहा है। उपयोगकर्ता जैसे ही इन फाइल्स को खोलते हैं, मैलवेयर डिवाइस में इंस्टॉल हो जाता है और संवेदनशील जानकारी चुराने लगता है।

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2. मैलवेयर ऐसे फैलता है...

  • सोशल मीडिया फॉरवर्ड्स: WhatsApp, Facebook और Telegram पर वीडियो या दस्तावेज के रूप में।
  • फिशिंग ईमेल्स: फर्जी नौकरी के प्रस्ताव या सरकारी सूचनाओं के रूप में।
  • संदिग्ध फाइल्स: 'tasksche.exe' जैसी .exe फाइल्स, जो वैध फाइल्स के रूप में प्रकट होती हैं।

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3. मैलवेयर से होने वाले नुकसान...

  • डेटा चोरी: बैंकिंग विवरण, पासवर्ड और अन्य व्यक्तिगत जानकारी की चोरी।
  • डिवाइस नियंत्रण: हैकर्स को डिवाइस पर रिमोट एक्सेस प्राप्त होता है।
  • सिस्टम क्रैश: डिवाइस की कार्यक्षमता में बाधा और संभावित सिस्टम फेलियर।

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4. मैलवेयर से ऐसे बचें...

  • अज्ञात लिंक और अटैचमेंट से बचें: किसी भी अज्ञात स्रोत से प्राप्त फाइल्स या लिंक को न खोलें।
  • ऑटो-डाउनलोड बंद करें: सोशल मीडिया ऐप्स में ऑटो-डाउनलोड फीचर को बंद करें।
  • सुरक्षा सॉफ़्टवेयर अपडेट रखें: एंटीवायरस और ऑपरेटिंग सिस्टम को नियमित रूप से अपडेट करें।
  • मजबूत पासवर्ड और टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन का उपयोग करें।
  • संदिग्ध गतिविधियों की रिपोर्ट करें: किसी भी संदिग्ध गतिविधि को संबंधित अधिकारियों को रिपोर्ट करें।

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