दिल्ली ब्लास्ट मामले में ईडी का एक्शन, अल फलाह यूनिवर्सिटी फाउंडर जवाद सिद्दीकी गिरफ्तार

ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जवाद सिद्दीकी को गिरफ्तार किया। हाल ही में दिल्ली आतंकी धमाकों में यूनिवर्सिटी से जुड़े आरोपियों का नाम सामने आया। जवाद सिद्दीकी की गिरफ्तारी इस मामले की जांच के तहत हुई है।

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Sandeep Kumar
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NEW DELHI. ED ने अल फलाह यूनिवर्सिटी के फाउंडर जवाद सिद्दीकी को गिरफ्तार किया। जवाद की गिरफ्तारी मनी लॉन्ड्रिंग केस में हुई है। हाल ही में दिल्ली में आतंकी धमाके के बाद यूनिवर्सिटी चर्चा में है। धमाके में शामिल आरोपियों का यूनिवर्सिटी से कनेक्शन मिला है।

19 ठिकानों पर छापेमारी

ईडी ने जवाद सिद्दीकी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 19 ठिकानों पर छापेमारी की। छापेमारी में अहम दस्तावेज, डिजिटल डिवाइस और 48 लाख रुपए कैश बरामद हुए। जांच में यह सामने आया कि ट्रस्ट का पैसा गलत तरीके से परिवार की कंपनियों में भेजा गया।

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महू से हुई थी जवाद के भाई की गिरफ्तारी

इंदौर जिले के महू थाने की पुलिस ने जवाद के भाई हमूद सिद्दीकी को गिरफ्तार किया गया था। हमूद पर धोखाधड़ी, दंगे, हत्या के प्रयास समेत कई मामले दर्ज हैं। वह काफी दिनों से फरार था, जिसे पुलिस ने हैदराबाद से गिरफ्तार किया। अब जवाद सिद्दीकी की भी गिरफ्तारी हो गई है।

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अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना 1995

ED के मुताबिक, अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना 1995 में हुई थी। जवाद सिद्दीकी ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी हैं। ट्रस्ट के नाम पर चलने वाले सभी कॉलेज और यूनिवर्सिटी उनके कंट्रोल में हैं। जांच में यह सामने आया कि ग्रुप की तेजी से बढ़ोतरी असली कमाई से मेल नहीं खाती।

कंस्ट्रक्शन, कैटरिंग और अन्य सेवाओं के कॉन्ट्रैक्ट उनकी पत्नी और बच्चों की कंपनियों को दिए गए। पैसे की हेराफेरी के लिए कई शेल कंपनियों का इस्तेमाल हुआ। ट्रस्ट के फंड को गलत तरीके से परिवार के बिजनेस में भेजा गया।

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यूनिवर्सिटी के कई झूठों का पर्दाफाश

ED की जांच दिल्ली पुलिस की दो FIR पर आधारित है। FIR में आरोप है कि अल फलाह यूनिवर्सिटी ने झूठा दावा किया कि उसे NAAC की मान्यता है। यूनिवर्सिटी ने यह भी दावा किया कि वह यूजीसी एक्ट की धारा 12(B) के तहत रजिस्टर्ड है। यूजीसी ने कहा कि यूनिवर्सिटी केवल धारा 2(f) के तहत आती है। यूनिवर्सिटी ने फर्जी दावों से छात्रों और पैरेंट्स को गुमराह किया और आर्थिक फायदा उठाया।

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