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NEW DELHI. एनआईए ने दिल्ली के लाल किला बम धमाके में बड़ी कामयाबी पाई है। एनआईए ने इस्तेमाल हुई i20 कार के मालिक आमिर राशिद अली को गिरफ्तार किया है। आमिर ने उमर के साथ मिलकर दिल्ली ब्लास्ट की साजिश रची थी। ब्लास्ट में 13 लोग मारे गए थे और 30 से अधिक घायल हुए थे। उमर ने खुद को कार में ब्लास्ट कर उड़ा लिया था।
मिलकर प्लान किया था हमला
धमाके में इस्तेमाल की गई कार आमिर के नाम पर रजिस्टर्ड थी। एनआईए ने उसे दिल्ली से गिरफ्तार किया। आमिर जम्मू-कश्मीर के सांबूरा, पंपोर का रहने वाला है। उसने पुलवामा के उमर के साथ मिलकर हमला प्लान किया।
आमिर दिल्ली इसलिए आया था ताकि कार खरीदने में मदद कर सके। बाद में उसी कार को धमाके के लिए आईईडी के तौर पर इस्तेमाल किया गया। दिल्ली ब्लास्ट मामले की जांच पहले दिल्ली पुलिस कर रही थी। बाद में ये केस एनआईए को सौंपा गया। एनआईए ने केस संभालने के बाद बड़ी तलाशी अभियान शुरू किया।
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मामले की एनआईए कर रही जांच
एनआईए इस मामले की जांच दिल्ली, जेके, हरियाणा, यूपी पुलिस और अन्य एजेंसियों के साथ कर रही है। जांच एजेंसी यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस धमाके में कौन-कौन लोग और संगठन शामिल थे। जांच में यह भी देखा जा रहा है कि साजिश कितनी बड़ी थी। यह केस नंबर RC-21/2025/NIA/DLI के तहत दर्ज किया गया है। जांच अब कई राज्यों तक फैल चुकी है।
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सुसाइड बॉम्बर की तलाश में था उमर
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आतंकी डॉ. उमर नबी से जुड़े लोगों को हिरासत में लिया है। पूछताछ में पता चला कि यह व्हाइट कॉलर मॉड्यूल पिछले साल सुसाइड बॉम्बर की तलाश कर रहा था। डॉ. उमर इस मॉड्यूल का प्रमुख था। उमर का मानना था कि मॉड्यूल में एक सुसाइड बॉम्बर होना जरूरी है। अधिकारियों ने बताया कि काजीगुंड का जसीर उर्फ दानिश भी हिरासत में है। उसने बताया कि अक्टूबर 2023 में कुलगाम की मस्जिद में उसकी मुलाकात हुई थी।
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अल-फलाह यूनिवर्सिटी ले जाया गया
इसके बाद उसे फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी ले जाया गया। वहां उसे किराए के कमरे में रखा गया। मॉड्यूल चाहता था कि वह ओवर-ग्राउंड वर्कर बने। लेकिन, उमर ने उसे कई महीनों तक सुसाइड बॉम्बर बनने के लिए ब्रेनवॉश किया। मॉड्यूल की योजना इसलिए फेल हुई क्योंकि जसीर ने सुसाइड बॉम्बर बनने से इनकार कर दिया। उसने आर्थिक स्थिति और इस्लाम में आत्महत्या के खिलाफ होने का हवाला दिया।
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