इस्तीफा देने गईं आतिशी पर एलजी ने कसा तंज: 'यमुना की सफाई करनी चाहिए थी'
दिल्ली चुनाव 2025 में आम आदमी पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा है। हार के बाद इस्तीफा देने पहुंचीं दिल्ली की सीएम आतिशी से एलजी वीके सक्सेना ने तंज कसा कि पार्टी को यमुना मैया का शाप लगा है...
दिल्ली चुनाव 2025 के नतीजों ने दिल्ली की राजनीति में बड़ा बदलाव ला दिया है। बीजेपी ने 48 सीटें जीतकर 27 वर्षों के बाद राजधानी में बहुमत हासिल कर लिया। आम आदमी पार्टी को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। इस्तीफा देने पहुंचीं सीएम आतिशी से एलजी वीके सक्सेना ने विवादित टिप्पणी की, जिसके बाद यमुना सफाई का मुद्दा फिर से सुर्खियों में आ गया।
27 साल का राजनीतिक वनवास खत्म
दिल्ली चुनाव 2025 के नतीजों ने दिल्ली की राजनीति में नई पटकथा लिख दी है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 48 सीटों पर जीत दर्ज कर 27 साल का राजनीतिक वनवास समाप्त कर दिया। दूसरी ओर, आम आदमी पार्टी (आप) को मात्र 22 सीटों पर सिमटकर करारी हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस का प्रदर्शन एक बार फिर शून्य पर ही अटक गया।
चुनाव नतीजों के बाद राजनीतिक माहौल में गर्मी बढ़ गई है। खबरों के मुताबिक, इस्तीफा देने के लिए उपराज्यपाल (एलजी) वीके सक्सेना के पास पहुंचीं आतिशी को एलजी ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि "आपको यमुना मैया का शाप लगा है। पार्टी को यमुना की सफाई को लेकर सक्रिय कदम उठाने चाहिए थे।"
आप ने नहीं दी इस पर कोई प्रतिक्रिया
एलजी के इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, एलजी ने यमुना सफाई से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा की और बताया कि सचिवालय की ओर से कई समाधान सुझाए गए थे। हालांकि, आम आदमी पार्टी और आतिशी ने इस पर कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।
दिल्ली चुनाव के दौरान यमुना नदी की सफाई एक प्रमुख मुद्दा रहा था। आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा की बीजेपी सरकार पर आरोप लगाया था कि वह यमुना में जहरीले पदार्थ छोड़ रही है, लेकिन चुनावी नतीजों से साफ हो गया है कि जनता ने इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया।
दिल्ली में चुनावी नतीजे इस प्रकार रहे:
पार्टी
सीटें
वोट शेयर
बीजेपी
48
45.56
आप
22
43.57
कांग्रेस
0
-
अधूरे वादों का आप की हार में बड़ा योगदान
चुनाव प्रचार के दौरान यमुना नदी की सफाई को लेकर खूब बयानबाजी हुई थी। अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे, लेकिन जनता ने वोटिंग में इसे महत्व नहीं दिया। विशेषज्ञ मानते हैं कि पार्टी की हार के पीछे भ्रष्टाचार के आरोपों, कमजोर प्रशासन और यमुना सफाई जैसे अधूरे वादों का बड़ा योगदान रहा है।