NEW DELHI: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ( arvind kejriwal ) की प्रवर्तन निदेशालय ( ED ) में हिरासत की अवधि एक अप्रैल तक बढ़ गई है। ईडी ने शराब घोटाले ( liquor scam ) को लेकर कोर्ट में सीएम पर जो आरोप लगाए, उसके आधार पर कोर्ट ने उनसे पूछताछ के लिए हिरासत की अवधि बढ़ा दी है। लेकिन कोर्ट में ही सीएम ने कहा कि इस घोटाले में ईडी के पास उनके खिलाफ पुख्ता सबूत नहीं है और मात्र चार गवाहों के बयानों पर उनको दोषी ठहराया गया है। केजरीवाल का दावा है कि यह गवाह ( witness ) भी लगातार बयान बदलते रहे हैं।
मुझे किसी ने दोषी साबित नहीं किया है: AK
आपको बताते हैं कि वे चार गवाह कौन हैं, कोर्ट में जिनके बारे में खुद केजरीवाल ने जानकारी दी और कहा कि जब तक इन लोगों ने शराब घोटाले में मेरा नाम नहीं लिया, तब तक इनसे लगातार पूछताछ की जाती रही। कोर्ट में इनके अलावा सीएम ने और भी बातें कहीं और आरोप लगाया कि असली शराब घोटाला ईडी की जांच के बाद शुरू हुआ। ईडी का मकसद आम आदमी पार्टी को खत्म करना है। केजरीवाल ने कहा पैसा कहां है? सबूत दीजिए। 100 करोड़ का मुझ पर आरोप लगाए जा रहे हैं। अभी तक किसी भी अदालत ने मुझे दोषी साबित नहीं किया है। इस मामले से संबंधित सीबीआई ने 31,000 पेज और ईडी ने 25,000 पेज दाखिल किए हैं। अगर आप इन्हें एक साथ पढ़ेंगे तो भी मैं पूछना चाहूंगा कि मुझे क्यों गिरफ्तार किया गया? मेरा नाम केवल चार लोगों के चार बयानों में सामने आया।
इन चार लोगों की जानकारी आपको देते हैं, इनमें तीन तो साउथ लॉबी से हैं। इनके बयान और केजरीवाल के दावे इस प्रकार हैं।
गवाह 1, सी अरविंद: यह दिल्ली सरकार के पूर्व आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया के पीए रहे हैं। ईडी के अनुसार पूछताछ में इन्होंने बताया है कि सीएम केजरीवाल के आवास में हुई एक बैठक में मनीष सिसोदिया ने उन्हें शराब पॉलिसी का तैयार ड्राफ्ट सौंपा था।
सीएम की सफाई: उनके घर ढेरों मंत्री, नेता व अन्य लोग आते हैं। वे आपस में खुसुर-पुसुर करते रहते हैं। दस्तावेज देते हैं। क्या यह बयान एक सीएम को गिरफ्तार करने के लिए काफी है?
गवाह 2, मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी: यह आंध्रप्रदेश से राजनीतिक पार्टी आईएसआर कांग्रेस के सांसद हैं। इन्होंने ईडी को जानकारी दी कि समाचार पत्रों में नई शराब नीति के विज्ञापन देखने के बाद 16 मार्च 2021 को उन्होंने सीएम केजरीवाल से मुलाकात की थी। बाद में रेड्डी सरकारी गवाह बन गए थे।
सीएम की सफाई: रेड्डी के तब तक लगातार बयान दर्ज किए जाते रहे, जब तक उन्होंने मेरे खिलाफ बयान नहीं दिया। इसका अर्थ यही है कि ईडी मुझे फंसाना चाहती थी।
गवाह 3, राघव मगुंटा: रेड्डी के बेट राघव भी सरकारी गवाह बन गए हैं। ईडी के अनुसार राघव ने बताया है कि सीएम ने उनके पिता को दिल्ली बुलाया था और पंजाव व गोवा के चुनाव के लिए 100 करोड़ रुपए की फंडिंग मांगी थी।
सीएम की सफाई: यह शुरुआती पांच बयान में मेरे खिलाफ कुछ नहीं बोलते हैं। जब इनके पिताजी बयान बदलते हैं तो इन्हें छोड़ दिया जाता है। इनके पूर्व बयानों को रिकॉर्ड पर नहीं लिया गया है।
गवाह 4, सरत रेड्डी: यह अरबिंदो फार्मा के चीफ पीवी रामप्रसाद रेड्डी के बेटे व करोबारी हैं। यह भी पिछले साल सरकारी गवाह बन गए थे। सरत को भी उसी साउथ लॉबी का हिस्सा माना जाता है, जिन्होंने कथित तौर पर आप पार्टी को 100 करोड़ का चंदा दिया।
सीएम की सफाई: इसने (सरत) बीजेपी को 55 करोड़ का चंदा दिया। बाद में इसने गिरफ्तार होने के बाद भी 50 करोड़ बीजेपी को दिए। मेरे पास इस रैकेट के सबूत हैं।
कैसे फंसे केजरीवाल
ईडी का आरोप है कि जब दिल्ली की शराब पॉलिसी तैयार की जा रही थी, तब कई आरोपी केजरीवाल के संपर्क में थे। इन्होंने ही केजरीवाल के खिलाफ गवाही दी। ईडी का यह भी कहना है कि सांसद रेड्डी व केजरीवाल के बीच इस पॉलिसी को लेकर कई दौर की बातचीत हुई। पूछताछ में दो आरोपी बुचीबाबू व अरुण पिल्लई ने खुलासा किया था कि शराब पॉलिसी को लेकर वे लगातार केजरीवाल व मनीष सिसोदिया के संपर्क में थे। केजरीवाल और गिरफ्तार किए गए अन्य आरोपी समीर महेंद्रू के बीच वीडियो कॉल की व्यवस्था अन्य आरोपी विजय नायर ने करवाई थी। केजरीवाल ने विजय को अपना आदमी बताया था। फिलहाल केजरीवाल चार दिन की ईडी हिरासत में है। उनसे पूछताछ जारी है।
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