दिल्ली NCR बना गैस चैंबर, AQI 551 पार, पटाखे और ट्रैफिक से सांस लेना मुश्किल

दिल्ली दुनिया की सबसे प्रदूषित शहर बन गई है। देश का राजधानी का प्रदूषण स्तर रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है। दिवाली के बाद वायु गुणवत्ता गंभीर स्तर पर, कई इलाकों में AQI 500 से ऊपर दर्ज। 

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Jitendra Shrivastava
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Photograph: (THESOOTR)

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NEW DELHI. दिल्ली NCR बना गैस चैंबर: दिवाली के तुरंत बाद राजधानी दिल्ली की एयर क्वालिटी अचानक खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है। स्विट्जरलैंड की एयर क्वालिटी फर्म IQAir की रिपोर्ट में दिल्ली को दुनिया का नंबर-1 प्रदूषित शहर बताया गया है।

इस रिपोर्ट के अनुसार भारत के मुंबई को पांचवां स्थान और कोलकाता को आठवां स्थान मिला है। पाकिस्तान के लाहौर और कराची, कुवैत, दोहा, ताशकंद, जकार्ता और कैनबरा भी प्रदूषित शहरों की इस टॉप-10 सूची में शामिल हैं।

प्रदूषण बढ़ने का कारण

दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने का सबसे बड़ा कारण दिवाली पर पटाखों का बड़े पैमाने पर उपयोग करना है। पराली जलाना और वाहनों से निकलने वाला धुआं भी एक कारण है। मौसम में नमी और ठंडी हवा की कमी के कारण प्रदूषक कण वातावरण में फंस जाते हैं, जिससे हवा की गुणवत्ता और अधिक खराब हो जाती है।

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दिल्ली-NCR में भयावह स्थिति में AQI...

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार मंगलवार सुबह दिल्ली का औसत AQI 350 दर्ज किया गया, जो बहुत खराब श्रेणी में आता है।

दिल्ली के इन इलाकों में स्थिति गंभीर...

delhi

क्षेत्रAQI
नरेला551
बवाना430+
जहांगीरपुरी415
अलीपुर409
वज़ीरपुर401

NCR प्रदूषण स्थिति...

  1. नोएडा: 407
  2. गुरुग्राम: 402
  3. गाजियाबाद: 402
  4. आनंद विहार: 394
  5. सिर्फ चंडीगढ़ बेहतर: 158

दिवाली के बाद गैस चैंबर जैसे हालात

दिवाली की रात भारी मात्रा में पटाखे छोड़े जाने से प्रदूषण ने अचानक उछाल लिया। पहले से मौजूद पराली के धुएं और स्थानीय प्रदूषण के साथ मिलकर हवा जहरीली बन गई। सुबह के समय घना स्मॉग साफ दिखा और लोगों की आंखों में जलन तथा सांस लेने में कठिनाई महसूस होने लगी।

डॉक्टरों का कहना है कि इस प्रकार की हवा श्वसन रोगों, अस्थमा, आंखों की एलर्जी और हृदय रोगों को बढ़ा सकती है। छोटे बच्चे और बुजुर्ग विशेष रूप से जोखिम में हैं।

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विशेषज्ञों की चेतावनी

पर्यावरण विशेषज्ञों के अनुसार यदि तुरंत सख्त कदम नहीं उठाए गए तो सर्दियों के अगले सप्ताहों में प्रदूषण का स्तर और बढ़ सकता है। प्रशासन स्कूल बंद करने, निर्माण कार्यों पर रोक लगाने तथा वाहनों की संख्या सीमित करने जैसे आपातकालीन कदमों पर विचार कर रहा है।

कोर्ट की शर्तों पर पटाखों की अनुमति

सुप्रीम कोर्ट ने 15 अक्टूबर को कुछ शर्तों के साथ दिल्ली-NCR में हरित पटाखों की बिक्री और उपयोग की अनुमति दी थी। हालांकि, निर्धारित समय-सीमा के बावजूद रात में बड़े पैमाने पर पटाखे छोड़े गए, जिससे प्रदूषण और बढ़ा।

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इधर... पंजाब पर पराली का आरोप

दिल्ली की भाजपा सरकार ने पंजाब की AAP सरकार पर आरोप लगाया है। कहा गया कि पंजाब में किसान अभी भी पराली जला रहे हैं। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने यह बात प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही। उन्होंने पराली जलाने के कई वीडियो भी दिखाए। 

सिरसा का कहना है कि पंजाब सरकार किसानों को समाधान नहीं दे पा रही है। इसी कारण किसान खेतों में पराली जलाने को मजबूर हैं। उनके मुताबिक दिवाली की रात पराली जलाने के सबसे ज्यादा मामले पंजाब में देखे गए। सिरसा ने कहा कि AAP नेता पटाखों का विरोध करते हैं, लेकिन पराली का मुद्दा दबा देते हैं। यही वायु प्रदूषण का बड़ा कारण है।

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दिल्ली-NCR में पटाखों से भी बढ़ा प्रदूषण

दिवाली की रात दिल्ली और आसपास के शहरों में काफी पटाखे फोड़े गए। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने सीमित समय की अनुमति दी थी, लेकिन लोग देर रात तक पटाखे चलाते रहे। इससे हवा में धुआं और धुंध बढ़ गई। मंगलवार सुबह दिल्ली-NCR गैस चैंबर जैसा दिखाई दिया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार AQI 344 से ऊपर पहुंच गया। कुछ इलाकों की हालत और खराब रही। द्वारका में AQI 417, वजीरपुर में 423 और आनंद विहार में 404 दर्ज हुआ। आईटीओ, एम्स और अक्षरधाम जैसे इलाकों में भी AQI 300 से ज्यादा रहा। कुल 38 में से 36 मॉनिटरिंग स्टेशनों में रेड जोन वाली वायु गुणवत्ता दर्ज की गई। लोगों को आंखों में जलन और सांस लेने में परेशानी महसूस हुई।

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