भिवाड़ी में छाया प्रदूषण का काला साया : AQI का स्तर 335 के पार, ग्रेप-2 की पाबंदियां लागू

राजस्थान का सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र भिवाड़ी अब प्रदूषण के काले धुंधले बादल की चपेट में आ गया है। भिवाड़ी और आसपास के क्षेत्रों में हवा की गुणवत्ता गंभीर स्तर पर पहुंच चुकी है।

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Amit Baijnath Garg
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सुनील जैन @ अलवर

दीपावली की शुरुआत से ही राजस्थान का सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र भिवाड़ी अब प्रदूषण के काले धुंधले बादल की चपेट में आ गया है। भिवाड़ी और आसपास के क्षेत्रों में हवा की गुणवत्ता गंभीर स्तर पर पहुंच चुकी है। 

अलवर शहर में अब जहरीली हवा आमजन को प्रभावित करने लगी है। दीपावली के दूसरे दिन ही भिवाड़ी में AQI (एयर क्वालिटी इंडेक्स) 335 को पार कर गया, जिसके चलते दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र के साथ भिवाड़ी और अलवर भी अलर्ट जोन में आ गया है। हरियाणा में पड़ोसी धारूहेड़ा में तो हालात और भी खराब हैं, जहां AQI 377 तक पहुंच गया है।

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आधा दर्जन से अधिक औद्योगिक क्षेत्र

भिवाड़ी के पास करीब आधा दर्जन से अधिक औद्योगिक क्षेत्र बन गए हैं, जिनमें सलारपुर औद्योगिक क्षेत्र, खुशखेड़ा, पथरेड़ी, कहरानी, चोपानकी, टपूकड़ा, सारेखुर्द सहित कई औद्योगिक क्षेत्र हैं। इनमें करीब पांच हजार से अधिक फैक्ट्रियां हैं, जिनमें बहुराष्ट्रीय कंपनी भी शामिल हैं। दीपावली पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से ग्रीन पटाखे चलाने की अनुमति रात 8 बजे से 10 बजे तक ही मिली थी, लेकिन लोगों ने देर रात तक जमकर पटाखे फोड़े।

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सांस लेना हुआ मुश्किल

जहरीले पटाखों की बिक्री ने हवा को जहर से भर दिया। नतीजा यह रहा कि सांस लेना मुश्किल हो गया। खैरथल-तिजारा जिले सहित पूरे क्षेत्र में धुंध की चादर बिछ गई है और लोग घरों में कैद होकर रह गए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर तत्काल कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले दिनों में भिवाड़ी-एनसीआर एक गैस चैंबर में तब्दील हो सकता है। 

NCR में ग्रेप-2 लागू

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने NCR में ग्रेप-2 का चरण लागू कर दिया है, जिसमें कई पाबंदियां लगाई गई है। निर्माण कार्य बंद, डीजल जनरेटर पर रोक, प्रदूषण नियंत्रण के लिए ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के दूसरे चरण को तुरंत लागू कर दिया गया है। इसके तहत सभी निर्माण और धूल पैदा करने वाले कार्यों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है।

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24 घंटे निगरानी

कोयला और लकड़ी से चलने वाले चूल्हों व भट्टियों पर सख्ती की गई है। इसके साथ ही औद्योगिक इकाइयों को प्रदूषण कम करने के लिए अतिरिक्त उपाय अपनाने के निर्देश दिए गए हैं। दीपावली की रात अधिक पटाखों के चलने से एनसीआर में यह स्थिति पैदा हुई है। भिवाड़ी प्रदूषण विभाग के अधिकारी भी इस पर 24 घंटे निगरानी रख रहे हैं।

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अस्पतालों में बढ़े मरीज

अस्पतालों में सांस संबंधी शिकायतों के मामले दोगुने हो गए हैं। डॉक्टरों का कहना है कि AQI 300 से ऊपर होने पर बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा रोगियों के लिए हवा जहर की तरह घातक साबित हो रही है। पटाखों के प्रदूषण का असर महीनों तक रहेगा।

सरकार को अब सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। भिवाड़ी के अलावा दिल्ली-एनसीआर के अन्य हिस्सों में भी AQI 400 के पार पहुंच गया है। हवा की गति कम होने से प्रदूषक कण हवा में लटक रहे हैं, जो अगले 48 घंटों तक बने रह सकते हैं।

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ऐसी स्थिति में क्या करें नागरिक

घर के अंदर रहें, एसी और हीटर का उपयोग करें। मास्क और एयर प्यूरीफायर का सहारा लें। वाहनों की संख्या कम करें, पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करें। पेड़ लगाने और कचरा प्रबंधन जैसे लंबे उपाय अपनाएं। 

प्रशासन ने चेतावनी दी है कि अगर AQI 400 के पार पहुंचा, तो GRAP-3 लागू हो सकता है, जिसमें और सख्त प्रतिबंध शामिल होंगे। भिवाड़ी की अभी से यह स्थिति चिंताजनक है। अगर प्रदूषण इसी तरह बढ़ता रहा, तो जल्द ही भिवाड़ी गैस चैंबर में तब्दील हो सकता है।

अगर GRAP-3 की पाबंदी लगी, तो औद्योगिक क्षेत्रों में लाखों मजदूर प्रभावित होंगे। कई इकाइयों उत्पादन पर असर पड़ेगा। निर्माण कार्यों पर काम करने वाले मजदूर भी बेरोजगार हो जाएंगे। जब तक पाबंदियां दूर नहीं होंगी, तब तक उनके सामने रोजगार का संकट रहेगा।

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