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NEW DELHI. दिल्ली दंगों के आरोपी और AAP के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन को सुप्रीम कोर्ट ने राहत देते हुए सशर्त कस्टडी पैरोल दे दी है। ताहिर हुसैन को पुलिस हिरासत में रहकर चुनाव प्रचार करने की छूट दी गई है। ओवैसी की पार्टी AIMIM ने ताहिर को मुस्तफाबाद सीट से कैंडिडेट बनाया है। ताहिर ने इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में चुनाव प्रचार के लिए जमानत देने की याचिका दायर की थी, लेकिन मंजूरी नहीं मिली। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट से पुलिस हिरासत में ही चुनाव प्रचार करने की इजाजत मांगी थी। जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया। बता दें दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए 5 फरवरी को मतदान होना है।
सुप्रीम कोर्ट ने दी कस्टडी पैरोल
सुप्रीम कोर्ट ने ताहिर हुसैन को 29 जनवरी से 3 फरवरी तक दिन के समय चुनाव प्रचार के लिए रिहा करने का आदेश दिया है, लेकिन रात में उन्हें जेल लौटना होगा। साथ ही कोर्ट ने हुसैन को सुरक्षा खर्च के तौर पर हर दिन 2 लाख 47 हजार रुपए देने का आदेश दिया है। इसमें दिल्ली पुलिस के कर्मचारियों का खर्च, जेल वाहन और एस्कॉर्ट वाहन का खर्च भी शामिल है। मंगलवार को याचिका पर जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संजय करोल और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने सुनवाई की।
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सुप्रीम कोर्ट ने दी पैरोल, साथ ही लगाए ये शर्तें
- पुलिस कस्टडी में रहकर ताहिर हुसैन जेल से बाहर आएंगे।
- वह दिन के केवल 12 घंटे प्रचार कर सकेंगे, फिर उन्हें रात में जेल लौटना होगा।
- इन छह दिनों ( 29 जनवरी से 3 फरवरी) में ताहिर मुस्तफाबाद स्थित अपने घर नहीं जा सकेंगे।
- चुनाव प्रचार के दौरान पुलिस अधिकारी उनके साथ रहेंगे।
- ताहिर को सुरक्षा गार्ड, जेल वैन, और अन्य खर्चे खुद उठाने होंगे, जो प्रतिदिन 2.47 लाख होंगे।
ताहिर के वकील बोले- कोर्ट को देंगे पूरी जानकारी
ताहिर हुसैन के वकील सिद्धार्थ अग्रवाल ने कहा कि उनके पास सिर्फ चार-पांच दिन का समय बचा है चुनाव प्रचार के लिए। ताहिर हुसैन मुस्तफाबाद सीट से उम्मीदवार हैं और उनका घर भी वहीं है, लेकिन वह घर नहीं जाएंगे। मुस्तफाबाद इलाके में ताहिर हुसैन का घर स्थित है, जहां दंगा हुआ था। उन्होंने कोर्ट को आश्वस्त किया कि ताहिर होटल में रहेंगे और इसका पूरा विवरण कोर्ट को देंगे।
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ASG ने किया पैरोल का विरोध
एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने पैरोल याचिका का विरोध करते हुए कहा कि ताहिर का दिल्ली दंगों में गंभीर रोल था। अगर उसे राहत मिलती है, तो हर व्यक्ति जेल से चुनाव प्रचार के लिए बाहर आना चाहेगा।
नामांकन के लिए हाईकोर्ट ने दी थी पैरोल
इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने ताहिर हुसैन को 14 जनवरी को पैरोल दी थी। कोर्ट ने ये पैरोल मुस्तफाबाद विधानसभा सीट से नामांकन भरने के लिए दी थी। हालांकि, अदालत ने चुनाव प्रचार के लिए उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। जिसके बाद ताहिर हुसैन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई।
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कब से जेल में बंद हैं ताहिर?
उल्लेखनीय है कि दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन के खिलाफ कई मामले चल रहे हैं। वह दंगों के आरोप में 4 साल 9 महीने से जेल में बंद हैं। उन्होंने 22 जनवरी को चुनाव प्रचार के लिए जमानत देने की मांग की थी, लेकिन याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच ने अलग-अलग आदेश दिया। जजों की बेंच में सहमति नहीं बनने पर याचिका को बड़ी पीठ के पास भेजा गया था।
दिल्ली में कब हुए थे दंगे?
दिल्ली में 24 फरवरी 2020 को नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के विरोध में हुए प्रदर्शनों के दौरान दंगे शुरू हुए थे। नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में हुए इस दंगे में 53 लोग मारे गए और 250 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। कई इलाकों में दंगे फैल गए थे, जिनमें जाफराबाद, सीलमपुर, और करावल नगर प्रमुख थे। दंगाइयों ने 11 पुलिस थाना क्षेत्रों में जमकर उत्पात मचाया था। इस मामले में 520 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी। दिल्ली दंगे में चांद बाग हिंसा और जाफराबाद दंगे से संबंधित दो चार्जशीट दाखिल की गई थीं। हुसैन को चांद बाग हिंसा में मास्टरमाइंड बताया गया था, जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी हुई थी।
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