कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने राहुल गांधी के बयान की तारीफ करते हुए एक बड़ा खुलासा किया। उन्होंने कहा कि जब वे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री थे, तो उन्हें गुजरात में प्रचार करने के दौरान आदेश मिला था कि वह RSS (Rashtriya Swayamsevak Sangh) के खिलाफ बोलने से बचें, क्योंकि इससे हिंदू समुदाय नाराज हो सकता था।
राहुल गांधी के बयान पर दिग्विजय सिंह का खुलासा
दिग्विजय सिंह ने ट्वीट करते हुए कहा कि जब वह गुजरात में प्रचार के लिए गए थे, तो उन्हें यह निर्देश मिला था कि RSS के खिलाफ कोई बयान न दिया जाए। उनका कहना था कि संघ हिंदुओं का प्रतिनिधित्व नहीं करता बल्कि धर्म के नाम पर हिंदू समुदाय को गुमराह कर उनका शोषण करता है। उन्होंने यह भी कहा कि शंकराचार्य जैसे धर्मगुरुओं ने संघ को कभी समर्थन नहीं दिया है, और यह एक शोषक तत्वों का समूह है, जिसका एकमात्र उद्देश्य लोगों को धर्म के नाम पर लूटना और सत्ता हासिल करना है।
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कांग्रेस में अंदरूनी राजनीति पर राहुल गांधी की बात
राहुल गांधी ने हाल ही में अहमदाबाद में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि कांग्रेस पार्टी में नेता कम नहीं हैं, बल्कि कुछ नेता अंदर से भाजपा (BJP) के लिए काम कर रहे हैं। राहुल ने कहा कि कांग्रेस में “बब्बर शेर” जैसे नेता हैं, लेकिन उनके पीछे चेन लगी है। उन्होंने कहा कि पार्टी के कुछ नेता अपने निजी स्वार्थ के लिए BJP के पक्ष में काम कर रहे हैं। राहुल गांधी का यह बयान कांग्रेस के अंदरूनी संघर्ष को उजागर करता है, जहां कुछ नेता भाजपा से जुड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
राहुल गांधी ने यह भी कहा कि कांग्रेस को अपने नेताओं को जनता से जोड़ने की जरूरत है। उन्होंने अपनी भारत जोड़ो यात्रा का उदाहरण देते हुए कहा कि कांग्रेस नेताओं को जनता से जुड़ने के लिए काम करना होगा। राहुल गांधी ने यह भी बताया कि अगर कांग्रेस पार्टी को सख्त निर्णय लेना पड़े, तो 30-40 नेताओं को बाहर निकाला जा सकता है।
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RSS और BJP पर दिग्विजय सिंह की आलोचना
दिग्विजय सिंह ने ट्वीट में साफ तौर पर BJP और RSS की आलोचना की। उनका कहना था कि BJP और RSS धर्म के नाम पर सत्ता में आकर समाज को विभाजित करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि धर्मगुरु जैसे शंकराचार्य जी कभी भाजपा और RSS के समर्थक नहीं रहे। इस बयान के बाद कांग्रेस में एक बार फिर से RSS और BJP के खिलाफ जंग का माहौल बन गया है, और राजनीतिक विवाद बढ़ गया है।