धरती का कांपना, एक प्राकृतिक घटना जिसे हम भूकंप (Earthquake) के नाम से जानते हैं, मानव सभ्यता के लिए हमेशा एक बड़ी चुनौती रही है। बीते कुछ समय में भूकंप की घटनाओं में बढ़ोतरी देखी जा रही है, जिससे कई देशों में दहशत फैल गई है। रविवार, 9 अप्रैल को भी भारत, म्यांमार और ताजिकिस्तान में एक घंटे के भीतर चार भूकंप आए, जिससे दक्षिण और मध्य एशिया में हलचल मच गई। हालांकि, अभी तक इन घटनाओं से किसी बड़े नुकसान या हताहत होने की खबर नहीं आई है, लेकिन ये घटनाएं संकेत देती हैं कि भूकंपों की आवृत्ति बढ़ रही है।
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रविवार सुबह के चार भूकंप...
पहला भूकंप– हिमाचल प्रदेश
रविवार सुबह हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के मंडी जिले (Mandi District) में पहला भूकंप आया। यह भूकंप सुबह 9:18 बजे के आसपास दर्ज किया गया, और इसकी तीव्रता 3.4 मापी गई। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, यह भूकंप 5 किलोमीटर की गहराई पर आया था और इसका केंद्र 31.49°N अक्षांश और 76.94°E देशांतर पर स्थित था। हालांकि, इस भूकंप से कोई भी जान-माल का नुकसान होने की रिपोर्ट नहीं आई।
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दूसरा भूकंप- म्यांमार में
रविवार सुबह के लगभग उसी समय म्यांमार के मीकटिला (Meiktila) के पास 5.5 तीव्रता (Magnitude) का भूकंप आया। मीकटिला मंडले (Mandalay) और नायपीडॉ (Naypyidaw) शहरों के बीच स्थित है। इस भूकंप को 28 मार्च 2025 को आए 7.7 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप के बाद का आफ्टरशॉक माना जा रहा है। उस भूकंप में 3,600 से अधिक लोग मारे गए थे। अधिकारियों ने इस भूकंप से किसी नए नुकसान या हताहत की सूचना नहीं दी है।
ताजिकिस्तान में- दो बार...
पहला भूकंप – 6.1
ताजिकिस्तान (Tajikistan) में एक घंटे से भी कम समय में दो भूकंप आए। पहला भूकंप सुबह 9:54 बजे 6.1 तीव्रता का था। इसका केंद्र 38.86°N, 70.61°E पर स्थित था और यह 10 किलोमीटर (km) की गहराई पर आया। इस भूकंप से किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है, लेकिन इसकी तीव्रता और तात्कालिक प्रभावों ने ताजिकिस्तान के नागरिकों में डर पैदा कर दिया।
दूसरा भूकंप – 3.9 तीव्रता
ताजिकिस्तान में आए दूसरे भूकंप की तीव्रता 3.9 थी और यह 10:36 बजे के आसपास महसूस किया गया। इसका केंद्र 39.02°N, 70.40°E पर था और यह भी 10 किलोमीटर की गहराई पर आया। अधिकारियों ने अभी तक इस भूकंप से किसी बड़े नुकसान की जानकारी नहीं दी है।
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दक्षिण और मध्य एशिया में हलचल
यह भूकंप केवल भारत, म्यांमार और ताजिकिस्तान तक सीमित नहीं रहे, बल्कि इन क्षेत्रों के आसपास के अन्य देशों में भी हलचल महसूस की गई। हालांकि, भूकंप के तुरंत बाद राहत कार्य शुरू कर दिया गया, और किसी बड़े जान-माल के नुकसान की रिपोर्ट नहीं आई। फिर भी, इन घटनाओं ने क्षेत्रीय नागरिकों में चिंता बढ़ा दी है, खासकर उन क्षेत्रों में जो पहले से ही भूकंप-प्रवण (Earthquake-prone) हैं।
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भूकंप को झटकों के बाद सुनामी जैसी घटनाएं
यह भूकंप इन क्षेत्रों में प्राकृतिक आपदा की गंभीरता को बढ़ाता है। भूकंपों के कारण भूमि में बदलाव, इमारतों का गिरना, और बुनियादी ढांचे का नुकसान हो सकता है। इसके अलावा, ऐसे झटकों के बाद त्सुनामी (Tsunami) जैसी घटनाएं भी हो सकती हैं, जो समुद्र के किनारे वाले इलाकों के लिए खतरा बन सकती हैं।
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भारत में भूकंप से सुरक्षा उपाय
भारत, विशेष रूप से हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) और उत्तर भारत (North India) के अन्य हिस्सों में भूकंप का खतरा अधिक है। ऐसे में, भूकंप से निपटने के लिए कुछ जरूरी सुरक्षा उपायों का पालन करना चाहिए:
भूकंप के दौरान सुरक्षा उपाय...
- बिल्डिंग्स के भीतर रहें: भूकंप के दौरान, अगर आप घर या ऑफिस में हैं, तो दरवाजों और खिड़कियों से दूर रहें। बिस्तर या टेबल के नीचे छुप जाएं।
- खुले स्थान पर जाएं: अगर आप सड़क पर हैं, तो खुले स्थान पर जाने की कोशिश करें और ऊंची इमारतों से दूर रहें।
- सुरक्षित स्थलों पर जाएं: सड़क के किनारे खड़े न हों और बिजली के खंभों या पेड़ों के पास न जाएं।