गवर्नर आरएन रवि ने लगवाया धार्मिक नारा, कांग्रेस बोली- राज्यपाल बोल रहे RSS और बीजेपी की भाषा

तमिलनाडु के गवर्नर आरएन रवि ने मदुरै में कॉलेज के एक इवेंट में 'जय श्रीराम' का जयकारा लगवाया, इससे विवाद खड़ा हो गया। कांग्रेस ने इसे निंदनीय बताया और आरोप लगाया कि गवर्नर आरएसएस और भाजपा के प्रचार मास्टर बन गए हैं।

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Jitendra Shrivastava
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tamilnadu-governor Photograph: (the sootr)

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तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने मदुरै में एक निजी इंजीनियरिंग कॉलेज में आयोजित इवेंट के दौरान छात्रों से 'जय श्रीराम' का जयकारा लगवाकर एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया। राज्यपाल के इस कदम पर कांग्रेस (Congress) और अन्य राजनीतिक दलों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है, और इसे संवैधानिक पद का उल्लंघन बताया। इस घटनाक्रम के बाद से राज्यपाल की कार्यशैली और उनके राजनीतिक झुकाव पर भी सवाल उठने लगे हैं।

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राज्यपाल का विवादास्पद कदम

राज्यपाल रवि ने शनिवार को मदुरै में एक कॉलेज के कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि भाषण दिया। भाषण के अंत में उन्होंने छात्रों से 'जय श्रीराम' (Jay Shree Ram) का जयकारा लगाने का आग्रह किया, जिससे राजनीति में हलचल मच गई। इस वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद विभिन्न राजनीतिक दलों ने इसकी आलोचना की और राज्यपाल के इस कदम को देश के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के खिलाफ करार दिया। 

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कांग्रेस और डीएमके ने की आलोचना

तमिलनाडु की प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस (Congress) ने इस कदम को निंदनीय बताया। कांग्रेस विधायक जेएमएच हसन मौलाना (JMH Hassan Maulana) ने कहा कि राज्यपाल का यह व्यवहार संवैधानिक पद के अनुकूल नहीं है और उन्होंने आरोप लगाया कि राज्यपाल आरएसएस (RSS) और भाजपा (BJP) की भाषा बोल रहे हैं। 
डीएमके (DMK) प्रवक्ता धरणीधरन (Dharanidharan) ने कहा कि यह देश के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के खिलाफ है। राज्यपाल बार-बार संविधान का उल्लंघन क्यों करना चाहते हैं? उन्होंने अभी तक इस्तीफा क्यों नहीं दिया है?"

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एसपीसीएसएस का आरोप 

तमिलनाडु राज्य समान स्कूल प्रणाली मंच (SPCSS) ने आरोप लगाया कि राज्यपाल रवि तमिलनाडु के शैक्षिक और सांस्कृतिक ढांचे से पूरी तरह अनभिज्ञ हैं। मंच ने कहा कि राज्यपाल तमिलनाडु के स्कूलों और कॉलेजों में अपनाए जाने वाले पाठ्यक्रम और सिलेबस से अनजान हैं। वह अपनी अज्ञानता और अहंकार के कारण शांति भंग करने और एक समुदाय को दूसरे के खिलाफ भड़काने की कोशिश कर रहे हैं।"

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संवैधानिक शपथ का उल्लंघन 

राज्यपाल रवि पर आरोप है कि उन्होंने अपने संवैधानिक दायित्वों का उल्लंघन किया है। तमिलनाडु के राज्यपाल का पद संवैधानिक होता है, और उनसे अपेक्षा की जाती है कि वह किसी भी राजनीतिक दल या धार्मिक संगठन का प्रचार नहीं करेंगे। लेकिन रवि के इस कदम को कई राजनीतिक दलों ने उनकी नीतियों और विचारधारा के खिलाफ माना है।

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गवर्नर रवि का विवादों से रहा नाता... 

गवर्नर रवि पहले भी कई बार विवादों में रह चुके हैं। एक उदाहरण के तौर पर, उन्होंने तमिलनाडु विधानसभा (Tamil Nadu Assembly) से पारित 10 विधेयकों को मंजूरी देने में देरी की, जिसके कारण राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। सुप्रीम कोर्ट ने इसे अवैध करार देते हुए कहा कि राज्यपाल के पास विधेयकों पर वीटो पावर नहीं है और उन्हें एक महीने के भीतर इन पर निर्णय लेना चाहिए।

विधानसभा से  किया था वॉकआउट 

जनवरी 2023 में राज्यपाल रवि ने तमिलनाडु विधानसभा के उद्घाटन सत्र में राज्य सरकार के भाषण को पढ़ने से इंकार कर दिया और सदन से वॉकआउट कर गए। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन (MK Stalin) ने इसे लोकतांत्रिक परंपराओं का उल्लंघन बताया। 

विधानसभा सत्र के दौरान राष्ट्रगान विवाद 

6 जनवरी 2024 को भी राज्यपाल ने विधानसभा सत्र के दौरान राष्ट्रगान न बजाने पर आपत्ति जताई थी। उनका कहना था कि सत्र के शुरू और अंत दोनों में राष्ट्रगान बजाया जाना चाहिए। इसके बाद उन्होंने सरकार के अभिभाषण के कुछ हिस्सों को अस्वीकार कर दिया और सदन से वॉकआउट कर गए। 

 

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