सेलेब्रिटीज की भूमिका पर उठे सवाल: अवैध बेटिंग ऐप के प्रमोशन में मनी लॉन्ड्रिंग का शक, जाने क्या है मामला

प्रवर्तन निदेशालय ने अवैध बेटिंग एप्लिकेशन के प्रचार में शामिल 29 सेलेब्रिटी पर कार्रवाई की है, जिसमें विजय देवरकोंडा, राणा दग्गुबाती और प्रकाश राज जैसे नाम शामिल हैं। जांच में मनी लॉन्ड्रिंग की संभावना जताई गई है। मामले में जांच की जा रही है।

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Sanjay Dhiman
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rana duggawati with prakash

Photograph: (the sootr)

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प्रवर्तन निदेशालय ने अवैध बेटिंग ऐप को लेकर देश के दो दर्जन से अधिक सेलेब्रिटी के खिलाफ कार्रवाई की है। इन सेलेब्रिटी पर शक है कि इन लोगों ने बेटिंग ऐप की आड़ में मनी लाॅन्ड्रिंग को बढ़ावा दिया। इन सेलेब्रिटीज में साउथ के सुपर स्टार राणा दग्गुबाती, प्रकाश राज जैसे बडे़ नाम भी शामिल है।

यह कार्रवाई हैदराबाद पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी (FIR) के आधार पर की गई है। इसमें आरोप लगाया गया है कि इन हस्तियों ने ऑनलाइन बेटिंग एप्लिकेशनों का प्रचार किया, जो पब्लिक गैंबलिंग एक्ट 1867 का उल्लंघन करता है।

क्या है मामला?

हैदराबाद के मियापुर पुलिस स्टेशन में मार्च 2025 में 32 वर्षीय कारोबारी पीएम फनीन्द्र शर्मा द्वारा शिकायत दर्ज की गई थी। शिकायत में कहा गया था कि कई सेलेब्रिटी और इन्फ्लुएंसर अवैध बेटिंग ऐप्स को प्रमोट कर रहे थे, जिससे लोगों को इन प्लेटफॉर्म पर पैसे लगाने के लिए उकसाया जा रहा था।

फनीन्द्र शर्मा ने बताया कि 16 मार्च को जब वह अपनी कम्युनिटी के युवाओं से बातचीत कर रहे थे, तो उन्हें यह जानकारी मिली कि कई लोग इन एप्लिकेशनों में पैसे लगाने के लिए प्रेरित किए गए थे, जिनका प्रचार सोशल मीडिया पर सेलेब्रिटीज द्वारा किया जा रहा था। 

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प्रचार के लिए सितारों ने ली मोटी रकम

शिकायत में यह भी उल्लेख किया गया कि इन सेलेब्रिटीज को बड़ी रकम दी गई थी, ताकि वे लोगों को इन ऐप्स में पैसे लगाने के लिए प्रेरित करें। फनीन्द्र ने यह भी बताया कि वह स्वयं एक ऐसे ऐप में निवेश करने का विचार कर रहे थे, लेकिन परिवार के सुझाव के बाद उन्होंने इसे छोड़ दिया, क्योंकि इसमें बड़ा वित्तीय जोखिम था। 

प्रवर्तन निदेशालय की जांच

शिकायत के आधार पर, 19 मार्च को पुलिस ने केस दर्ज किया, जिसमें भारतीय दंड संहिता (BNS), तेलंगाना गेमिंग एक्ट (2017), जो ऑनलाइन बेटिंग को प्रतिबंधित करता है, और आईटी एक्ट की धारा को लागू किया गया।

विजय देवरकोंडा ने आरोपों का खंडन किया और कहा कि उनका जुड़ाव केवल A23 रमी ऐप से था, जिसे वह एक स्किल-बेस्ड गेमिंग प्लेटफॉर्म मानते हैं, न कि अवैध बेटिंग प्लेटफॉर्म। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने रमी को एक स्किल गेम माना है, और उनका किसी भी अवैध गतिविधि से कोई संबंध नहीं है।

राणा दग्गुबाती ने भी इसी तरह का बयान दिया, यह बताते हुए कि उनका 2017 में गेमिंग एप्लिकेशन से करार समाप्त हो चुका था, और उन्होंने प्रमोशन केवल कानूनी रूप से अनुमति प्राप्त क्षेत्रों तक सीमित किया था। 

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प्रमोशन्स के नाम पर मनी लॉन्ड्रिंग की आशंका

सूत्रों के अनुसार, अधिकारियों को यह संदेह है कि इन प्रमोशन्स के जरिए बड़ी मात्रा में मनी लॉन्ड्रिंग हो सकती है। कई सेलेब्रिटी ने पहले यह बयान दिया था कि उन्हें इन ऐप्स के कार्य करने के तरीके का कोई ज्ञान नहीं था। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी कोई मंशा अवैध गतिविधियों को बढ़ावा देने या बेटिंग में शामिल होने की नहीं थी। 

अधिकारियों के अनुसार, मामले की गहन जांच चल रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि इन बेटिंग प्लेटफॉर्म से कुल कितनी कमाई हुई और हर सेलेब्रिटी की भूमिका कितनी थी। इस बीच, एफआईआर और अन्य संबंधित दस्तावेज़ एकत्र किए जा रहे हैं।

ऐसे समझे पूरे मामले को

  • प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 29 सेलेब्रिटी पर अवैध बेटिंग एप्लिकेशनों का प्रचार करने के आरोप में कार्रवाई की है, जिसमें विजय देवरकोंडा, राणा दग्गुबाती और प्रकाश राज शामिल हैं।

  • यह मामला हैदराबाद पुलिस द्वारा दर्ज की गई एक FIR पर आधारित है, जिसमें आरोप है कि इन सेलेब्रिटीज़ ने सोशल मीडिया पर अवैध बेटिंग एप्लिकेशनों को प्रमोट किया, जो पब्लिक गैंबलिंग एक्ट 1867 का उल्लंघन करता है।

  • विजय देवरकोंडा और राणा दग्गुबाती ने आरोपों का खंडन किया, यह कहते हुए कि उनका जुड़ाव केवल कानूनी गेमिंग प्लेटफॉर्म से था, न कि अवैध बेटिंग से।

  • अधिकारियों को संदेह है कि इन प्रमोशन्स के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग हो सकती है और जांच जारी है ताकि यह पता चल सके कि इन प्लेटफार्मों से कितनी कमाई हुई और सेलेब्रिटीज़ की भूमिका क्या थी।

  • प्रवर्तन निदेशालय आगामी दिनों में इन सेलेब्रिटीज़ के बयान दर्ज कर सकता है और अन्य शिकायतकर्ताओं को भी तलाश रहा है, जिन्होंने इन बेटिंग प्लेटफार्मों से ठगे जाने का दावा किया है।

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