भारत में चुनावी प्रक्रिया को लेकर एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। एलन मस्क के नेतृत्व वाली DOGE ( Department of Government Efficiency ) ने भारत में मतदाता संख्या बढ़ाने के लिए दी जा रही 21 मिलियन डॉलर ( करीब 180 करोड़ रुपए ) की अमेरिकी फंडिंग को रोक दिया है। इस फैसले के बाद बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने आ गए हैं।
बीजेपी ने इसे भारत की लोकतांत्रिक संप्रभुता पर खतरा बताते हुए कांग्रेस पर विदेशी ताकतों के साथ सांठगांठ के आरोप लगाए हैं। इस विवाद में जॉर्ज सोरोस का नाम भी सामने आया है, जिससे राजनीति और गर्मा गई है।
DOGE ने भारत और बांग्लादेश की फंडिंग पर लगाई रोक
एलन मस्क के DOGE विभाग ने अमेरिका की ओर से भारत के चुनावों में विदेशी फंडिंग पर रोक लगाने की घोषणा की। भारत में 21 मिलियन डॉलर (करीब 180 करोड़ रुपये) की फंडिंग रोक दी गई, जिसे मतदाता टर्नआउट बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाना था। बांग्लादेश में 29 मिलियन डॉलर (करीब 249 करोड़ रुपये) की फंडिंग भी रोक दी गई, जो वहां की राजनीतिक स्थिरता को मजबूत करने के लिए दी जा रही थी।
DOGE ने 'X' (पूर्व में ट्विटर) पर कहा कि अमेरिकी टैक्सपेयर्स के पैसे इन चीजों पर खर्च नहीं किए जाएंगे। इस कदम का बीजेपी ने स्वागत किया और कहा कि इससे विदेशी ताकतों की भारत के चुनावों में दखलअंदाजी रोकने में मदद मिलेगी।
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बीजेपी का आरोप, विदेशी फंडिंग का असली मकसद क्या?
बीजेपी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस और गांधी परिवार पर हमला बोला। उन्होंने सवाल उठाया कि भारत के चुनावों में 21 मिलियन डॉलर की फंडिंग से किसे फायदा हो रहा था? यह सत्तारूढ़ पार्टी के लिए नहीं थी, तो फिर इसके पीछे कौन है? उन्होंने कहा कि विदेशी संगठनों के जरिए भारत की चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने का प्रयास किया जा रहा था।
जॉर्ज सोरोस का नाम आया सामने
बीजेपी नेताओं ने दावा किया कि जॉर्ज सोरोस और उनकी ओपन सोसाइटी फाउंडेशन भारत की चुनावी प्रक्रिया में गुप्त रूप से हस्तक्षेप कर रहे थे। 2012 में कांग्रेस सरकार ने इंटरनेशनल फाउंडेशन फॉर इलेक्टोरल सिस्टम्स (IFES) के साथ समझौता किया था, जो जॉर्ज सोरोस की संस्था से जुड़ा हुआ है। यह संस्था अमेरिकी एजेंसी USAID द्वारा फंड की जाती है, जिसका उद्देश्य भारत में चुनावी प्रक्रियाओं को प्रभावित करना हो सकता था। बीजेपी ने इसे भारत की संप्रभुता पर खतरा बताया और कहा कि कांग्रेस जानबूझकर विदेशी संगठनों को भारतीय लोकतंत्र में घुसपैठ करने की अनुमति दे रही है।
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अमेरिका की अन्य फंडिंग योजनाएं भी रद्द
DOGE ने भारत और बांग्लादेश के अलावा अन्य देशों में भी चुनावी हस्तक्षेप को रोकने के लिए फंडिंग बंद कर दी।
लाइबेरिया : 1.5 मिलियन डॉलर की चुनावी प्रक्रिया फंडिंग रद्द।
माली :14 मिलियन डॉलर की सामाजिक स्थिरता पहल बंद।
नेपाल : 20 मिलियन डॉलर की संघीय वित्त योजना रद्द।
दक्षिणी अफ्रीका : 47 मिलियन डॉलर की शिक्षा सुधार योजना बंद।
कंबोडिया और सर्बिया : भी DOGE की फंडिंग कटौती के दायरे में आए।
नहीं तो एलन मस्क दीवालिया हो जाएगा
एलन मस्क ने बार-बार कहा है कि अगर बजट कटौती नहीं की गई, तो अमेरिका दिवालिया हो जाएगा और यह पहल ट्रंप प्रशासन द्वारा बनाई गई योजना के साथ मेल खाती है। यह घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से द्विपक्षीय वार्ता के कुछ दिनों बाद आई है, जहां दोनों नेताओं ने भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण घोषणाएं की थीं।