1 लाख का इनामी डकैत विनोद गड़ेरिया ढेर, 40 से ज्यादा थे केस, कई जिलों में था आतंक

नोएडा एसटीएफ ने बुलंदशहर में मुठभेड़ के दौरान एक लाख रुपये के इनामी बदमाश विनोद गड़ेरिया को मार गिराया। पुलिस ने उसे 40 से अधिक मामलों में वांछित पाया था। जानें इसके पीछे की कहानी और एसटीएफ की कार्यवाही।

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Reena Sharma Vijayvargiya
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नोएडा की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने बुलंदशहर जिले के जहांगीराबाद इलाके में एक बड़े एनकाउंटर को अंजाम दिया, जिसमें एक लाख रुपये के इनामी अपराधी विनोद गड़ेरिया को मार गिराया गया। विनोद गड़ेरिया का नाम उत्तर प्रदेश के पांच जिलों में अपराधी गतिविधियों के लिए जाना जाता था और वह 2006 से अपराध की दुनिया में सक्रिय था। उसकी खोज पांच जिलों की पुलिस द्वारा की जा रही थी। मुठभेड़ के दौरान एक पुलिसकर्मी को बुलेटप्रूफ जैकेट में गोली लगी, लेकिन उसकी स्थिति अब खतरे से बाहर बताई जा रही है।

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विनोद गड़ेरिया की आपराधिक गतिविधियां

विनोद गड़ेरिया पर हत्या, लूट और डकैती सहित 40 से अधिक मामले दर्ज थे। वह अपराध की दुनिया में लगभग 20 साल से सक्रिय था। 2012 में, मुजफ्फरनगर कोर्ट ने उसे सात साल की सजा सुनाई थी, लेकिन वह फरार हो गया था और इसके बाद से पुलिस उसकी तलाश में जुटी थी। गड़ेरिया की पकड़ के लिए मुजफ्फरनगर, शामली, सहारनपुर और बुलंदशहर सहित पांच जिलों की पुलिस लगातार उसकी तलाश कर रही थी।

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एनकाउंटर की जानकारी

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यह मुठभेड़ नोएडा बॉर्डर से शुरू हुई थी, जब एसटीएफ की टीम ने गड़ेरिया को ट्रैक करना शुरू किया। उसके बाद, वह बुलंदशहर जिले के जहांगीराबाद इलाके में पुलिस के सामने आ गया। पुलिस द्वारा घेरने पर गड़ेरिया ने गोलीबारी शुरू कर दी, जिसका जवाब देते हुए पुलिस ने आत्मरक्षा में गोली चलाई, जिसमें गड़ेरिया मारा गया। इस एनकाउंटर के दौरान एसएसपी बुलंदशहर दिनेश सिंह और अन्य अधिकारी मौके पर मौजूद थे।

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पुलिस की कार्रवाई और आगे की जांच

पुलिस अधिकारियों ने इस मुठभेड़ को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपराध नियंत्रण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना है। अब पुलिस मामले की आगे की जांच कर रही है और यह जानने की कोशिश कर रही है कि गड़ेरिया के साथ कौन-कौन से अन्य अपराधी जुड़े हुए थे। इस एनकाउंटर को राज्य में अपराध पर नियंत्रण पाने की दिशा में एक अहम कदम के रूप में देखा जा रहा है।

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FAQ

विनोद गड़ेरिया कौन था और क्यों वांछित था?
विनोद गड़ेरिया एक बड़े अपराधी था, जिस पर हत्या, लूट और डकैती सहित 40 से अधिक मामले दर्ज थे। वह 2006 से अपराध की दुनिया में सक्रिय था और 2012 में उसे सात साल की सजा मिली थी। वह फरार होने के बाद पांच जिलों की पुलिस द्वारा वांछित था।
मुठभेड़ के दौरान पुलिसकर्मी को क्या हुआ?
मुठभेड़ के दौरान एक पुलिसकर्मी को बुलेटप्रूफ जैकेट में गोली लगी, लेकिन उसकी हालत अब खतरे से बाहर है।
इस एनकाउंटर से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपराध पर क्या असर पड़ेगा?
यह मुठभेड़ पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपराध नियंत्रण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है, क्योंकि इससे पुलिस का मनोबल बढ़ेगा और अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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