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Photograph: (The Sootr)
भारत में पहली बार लोन लेने वालों के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि बैंकों को केवल CIBIL स्कोर या क्रेडिट हिस्ट्री न होने के आधार पर लोन आवेदन को अस्वीकार करने की अनुमति नहीं है। यह निर्णय भारतीय रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों के आधार पर लिया गया है, जिसके तहत बैंकों को पहली बार कर्ज लेने वालों की योग्यता का मूल्यांकन अन्य कारकों के आधार पर करना होगा। यह कदम उन लोगों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जो आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए लोन लेना चाहते हैं, लेकिन उनके पास क्रेडिट हिस्ट्री नहीं है।
CIBIL स्कोर क्या है?
CIBIL स्कोर (CIBIL Score) एक तीन अंकों की संख्या है, जो 300 से 900 के बीच होती है। यह किसी व्यक्ति की क्रेडिट योग्यता (Creditworthiness) को दर्शाता है, जो उनके पिछले लोन और क्रेडिट कार्ड भुगतानों के रिकॉर्ड पर आधारित होता है। यह स्कोर ट्रांसयूनियन CIBIL लिमिटेड (TransUnion CIBIL Limited) द्वारा तैयार किया जाता है, जो भारत की प्रमुख क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनियों (Credit Information Companies - CICs) में से एक है। आमतौर पर, 750 से अधिक का सिबिल स्कोर अच्छा माना जाता है, जो लोन स्वीकृति की संभावनाओं को बढ़ाता है। हालांकि, जिन लोगों ने पहले कभी लोन या क्रेडिट कार्ड का उपयोग नहीं किया, उनका CIBIL स्कोर शून्य या अनुपस्थित होता है, जिसके कारण उनकी लोन एप्लीकेशन (Loan Application) अक्सर रिजेक्ट हो जाती थी।
CIBIL स्कोर से जुड़े फैक्ट्स
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वित्त मंत्रालय के नए दिशानिर्देश
वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने लोकसभा के मानसून सत्र 2025 में तमिलनाडु की मयिलादुतुराई सीट से कांग्रेस सांसद सुधा आर के सवालों के जवाब में यह स्पष्ट किया कि बैंकों को केवल CIBIL स्कोर (CIBIL Score) के अभाव में लोन आवेदन (Loan Application) को अस्वीकार करने की अनुमति नहीं है। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 6 जनवरी 2025 को जारी मास्टर डायरेक्शन में बैंकों को सलाह दी है कि वे पहली बार कर्ज लेने वालों (First-Time Borrowers) के आवेदनों को केवल क्रेडिट हिस्ट्री (Credit History) न होने के आधार पर खारिज न करें।
RBI के दिशानिर्देश (RBI Guidelines)
- कोई न्यूनतम स्कोर नहीं: RBI ने लोन स्वीकृति के लिए कोई न्यूनतम CIBIL स्कोर निर्धारित नहीं किया है।
- अन्य कारकों की जांच: आय, नौकरी का रिकॉर्ड, और अन्य वित्तीय दस्तावेजों के आधार पर लोन पात्रता तय की जाएगी।
- सख्त जांच: बैंकों को लोन देने से पहले आवेदक की पृष्ठभूमि, भुगतान आदतें, और पुराने लोन की स्थिति की जांच करनी होगी।
पहली बार कर्ज लेने वालों के लिए राहत
यह नया नियम उन लोगों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है जो पहली बार लोन लेना चाहते हैं, जैसे कि छात्र जो शिक्षा लोन (Education Loan) लेना चाहते हैं, परिवार जो होम लोन (Home Loan) की तलाश में हैं, या छोटे व्यवसायी जो बिजनेस लोन (Business Loan) के लिए आवेदन करना चाहते हैं। पहले, बिना CIBIL स्कोर (CIBIL Score) के लोन प्राप्त करना लगभग असंभव था, क्योंकि बैंक क्रेडिट हिस्ट्री को प्राथमिकता देते थे। अब, RBI और वित्त मंत्रालय के नए दिशानिर्देशों के तहत, बैंक अन्य कारकों जैसे आय का स्रोत, नौकरी की स्थिरता, और अन्य वित्तीय दस्तावेजों को ध्यान में रखकर लोन स्वीकृत कर सकते हैं।
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पहली बार लोन लेने वालों के लिए टिप्सदस्तावेज पूर्ण रखें: आय प्रमाण, पहचान पत्र, और निवास प्रमाण जैसे दस्तावेज तैयार रखें। |
लोन एप्लीकेशन अस्वीकार होने के कारण
हालांकि CIBIL स्कोर (CIBIL Score) अब लोन स्वीकृति का एकमात्र आधार नहीं है, फिर भी लोन एप्लीकेशन (Loan Application) अस्वीकार होने के कई अन्य कारण हो सकते हैं। इनमें शामिल हैं:
अपर्याप्त आय: यदि आवेदक की आय लोन चुकाने के लिए पर्याप्त नहीं है, तो बैंक लोन अस्वीकार कर सकता है।
अस्थिर नौकरी: बार-बार नौकरी बदलने या अस्थिर आय स्रोत के कारण लोन रिजेक्ट हो सकता है।
गलत दस्तावेज: अधूरे या गलत दस्तावेज भी लोन अस्वीकृति का कारण बन सकते हैं।
उच्च ऋण-आय अनुपात: यदि आवेदक पहले से ही अन्य लोन के बोझ तले दबा है, तो नया लोन मिलना मुश्किल हो सकता है।
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बैंकों की जांच प्रक्रिया
वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने बैंकों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे बिना CIBIL स्कोर (CIBIL Score) वाले आवेदकों की पूरी जांच करें। इसमें निम्नलिखित शामिल हैं:
पिछली भुगतान आदतें: पुराने लोन या क्रेडिट कार्ड भुगतानों का रिकॉर्ड।
लोन सेटलमेंट: क्या आवेदक ने पहले कोई लोन सेटल या री-स्ट्रक्चर किया है?
डिफॉल्ट रिकॉर्ड: क्या आवेदक ने कभी लोन भुगतान में चूक की है?
क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनियां और उनकी भूमिका
भारत में चार प्रमुख क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनियां (CICs) कार्यरत हैं: ट्रांसयूनियन CIBIL, इक्विफैक्स (Equifax), सीआरआईएफ हाई मार्क (CRIF High Mark), और एक्सपीरियन (Experian)। ये कंपनियां व्यक्तियों की वित्तीय गतिविधियों और भुगतान रिकॉर्ड के आधार पर क्रेडिट रिपोर्ट (Credit Report) और CIBIL स्कोर (CIBIL Score) तैयार करती हैं। RBI के नियमों के अनुसार, ये कंपनियां अधिकतम 100 रुपये शुल्क ले सकती हैं, और प्रत्येक व्यक्ति को साल में एक बार मुफ्त क्रेडिट रिपोर्ट प्राप्त करने का अधिकार है।
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भारत में क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनियां
ट्रांसयूनियन CIBIL: भारत की सबसे पुरानी और प्रमुख CIC।
इक्विफैक्स: वैश्विक स्तर पर क्रेडिट जानकारी प्रदान करती है।
सीआरआईएफ हाई मार्क: छोटे व्यवसायों और व्यक्तिगत लोन के लिए जानी जाती है।
एक्सपीरियन: क्रेडिट स्कोरिंग में नवाचार के लिए प्रसिद्ध।
राष्ट्रीय वित्तीय सूचना रजिस्ट्री
वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने यूनियन बजट 2023-24 में राष्ट्रीय वित्तीय सूचना रजिस्ट्री (National Financial Information Registry - NFIR) स्थापित करने की घोषणा की थी। यह एक केंद्रीकृत डेटाबेस होगा, जो कर्जदारों की वित्तीय जानकारी को एकत्रित करेगा और बैंकों को लोन स्वीकृति में मदद करेगा। हालांकि, यह अभी प्रारंभिक चरण में है और मौजूदा CIBIL सिस्टम को पूरी तरह से बदलने की योजना नहीं है।
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बिना CIBIL स्कोर के लोन के लिए आवेदन कैसे करें?पहली बार कर्ज लेने वाले (First-Time Borrowers) निम्नलिखित तरीकों से लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं: |
बिना CIBIL स्कोर के लोन के लिए आवश्यक दस्तावेज
पहचान पत्र: आधार कार्ड, पैन कार्ड, या पासपोर्ट।
आय प्रमाण: सैलरी स्लिप, आयकर रिटर्न, या बैंक स्टेटमेंट।
निवास प्रमाण: बिजली बिल, राशन कार्ड, या किराया समझौता।
नौकरी का प्रमाण: नियुक्ति पत्र या नियोक्ता से प्रमाण पत्र।
सरकार की भूमिका और भविष्य की योजनाएं
वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) और आरबीआई का यह कदम भारत में वित्तीय समावेशन (Financial Inclusion) को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में, जहां लोग अक्सर क्रेडिट हिस्ट्री (Credit History) के अभाव में लोन से वंचित रह जाते हैं, यह नियम उनकी मदद करेगा। भविष्य में, NFIR जैसे डेटाबेस और डिजिटल लोन प्रक्रियाएं लोन स्वीकृति को और आसान बना सकती हैं।
निष्कर्ष (Conclusion)
वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) और भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank Of India) के नए दिशानिर्देशों ने पहली बार कर्ज लेने वालों (First-Time Borrowers) के लिए लोन प्रक्रिया को सरल और सुलभ बना दिया है। अब बिना CIBIL स्कोर (CIBIL Score) के भी लोन प्राप्त करना संभव है, बशर्ते आवेदक अन्य पात्रता मानदंडों को पूरा करें। यह न केवल व्यक्तियों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगा, बल्कि भारत में वित्तीय समावेशन को भी बढ़ावा देगा। हालांकि, बैंकों को सख्त जांच करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि लोन देने में जोखिम कम हो। पहली बार लोन लेने वालों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी वित्तीय स्थिति का सही आकलन करें और समय पर EMI चुकाकर अपनी क्रेडिट हिस्ट्री (Credit History) मजबूत करें।
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